रेडियो प्लेबैक वार्षिक टॉप टेन - क्रिसमस और नव वर्ष की शुभकामनाओं सहित


ComScore
प्लेबैक की टीम और श्रोताओं द्वारा चुने गए वर्ष के टॉप १० गीतों को सुनिए एक के बाद एक. इन गीतों के आलावा भी कुछ गीतों का जिक्र जरूरी है, जो इन टॉप १० गीतों को जबरदस्त टक्कर देने में कामियाब रहे. ये हैं - "धिन का चिका (रेड्डी)", "ऊह ला ला (द डर्टी पिक्चर)", "छम्मक छल्लो (आर ए वन)", "हर घर के कोने में (मेमोरीस इन मार्च)", "चढा दे रंग (यमला पगला दीवाना)", "बोझिल से (आई ऍम)", "लाईफ बहुत सिंपल है (स्टैनले का डब्बा)", और "फकीरा (साउंड ट्रेक)". इन सभी गीतों के रचनाकारों को भी प्लेबैक इंडिया की बधाईयां

Sunday, June 1, 2008

आलोक शंकर का रेडियो काव्यपाठ



भारतीय समयानुसार २ जून २००८ की सुबह ८ बजे डैलास, अमेरिका के हिन्दी एफ॰एम॰ रेडियो सलाम नमस्ते पर हिन्द-युग्म के प्रथम यूनिकवि आलोक शंकर का काव्यपाठ और बातचीत प्रसारित किए गये। हमने रिकॉर्ड करने की कोशिश की। हम इस भ्रम में रहे कि पूरा कवितांजलि कार्यक्रम रिकॉर्ड हो रहा है, परंतु तकनीकी असावधानियों के कारण ठीक से रिकॉर्ड नहीं कर सके। हिन्द-युग्म की स्थाई पाठिका रचना श्रीवास्तव ने आलोक शंकर का हौसला बढ़ाने के लिए फोन भी किया, मगर वो भी रिकॉर्ड न हो सका। जितना हो पाया है, आपके समक्ष प्रस्तुत है, ज़रूर बताये कैसा लगा?



प्लेयर से न सुन पा रहे हों तो यहाँ से डाऊनलोड कर लें।

Kavya-path of Alok Shankar on Radio Salaam Namaste

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