आज 'ओल्ड इज़ गोल्ड रिवाइवल' पर हम एक ऐसा गीत लेकर आए हैं जिसे ऒरिजिनली चार महान गायकों ने गाया था। इतना ही नहीं, इन चारों गायकों का एक साथ में गाया हुआ यह एकमात्र गीत भी है। इसीलिए यह गीत फ़िल्म संगीत के इतिहास का एक बेहद महत्वपूर्ण एवं उल्लेखनीय गीत बन जाता है। जी हाँ, फ़िल्म 'अमर अकबर ऐंथनी' का वही मशहूर गीत "हमको तुमसे हो गया है प्यार क्या करें", जिसे आवाज़ दी थी लता मंगेशकर, किशोर कुमार, मोहम्मद रफ़ी और मुकेश ने। फ़िल्म के परदे पर लता जी ने तीनों नायिकाओं का पार्श्वगायन किया था - परवीन बाबी, नीतू सिंह और शबाना आज़मी; किशोर दा बनें अमिताभ बच्चन की आवाज़; रफ़ी साहब ने प्लेबैक दिया ऋषी कपूर को तथा विनोद खन्ना के लिए गाया मुकेश ने। आज इस गीत का जो रिवाइव्ड वर्ज़न हम सुनेंगे उसे भी चार आवाज़ों ने गाए हैं, जिनके बारे में आपको अभी थोड़ी देर में पता चल जाएगा। इस गीत को लिखा है आनंद बक्शी और संगीत दिया लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने। इसी फ़िल्म में एक अन्य गीत है किशोर दा और अमिताभ साहब का गाया हुआ "माइ नेम इज़ ऐंथनी गोनज़ल्वेस"। तो आज प्यारेलाल जी से जान लेते हैं कि आख़िर ये कौन शख़्स हैं ऐंथनी गोनज़ल्वेस! पेश है 'उजाले उनकी यादों के' कार्यक्रम से एक अंश। प्यारेलाल जी से बात कर रहे हैं विविध भारती के कमल शर्मा:
हम लोग १९५७ में जा रहे थे विएना। सब कुछ फ़िक्स हो गया था। मतलब हम लोग यहाँ से शिफ़्ट करेंगे वहाँ, मतलब अपना ग्रीन कार्ड ले लेंगे, वहाँ जाएँगे। मैंने पिताजी से कहा कि मैं वहाँ जाऊँगा, क्योंकि मुझे बनना था यहूदी मेनन। तो मैंने बहुत प्रैक्टिस की वायलिन की। अभी अभी जब मैं गया था तो बहुत मज़ा आया, सब ने कहा 'इतना प्ररफ़ेक्ट पोज़िशन', इसका श्रेय जाता है मिस्टर ऐंथनी गोनज़ल्वेस को। उन्होने सीखाया मुझको कि कैसे होल्ड करना है वायलिन।
प्र: तो आपने जो एक गाना है 'अमर अकबर ऐंथनी' में, क्या आप ने उनको डेडिकेट किया?
इसका आप सुनिए, जब यह पिक्चर साइन हो गई, तो पिक्चर का नाम था 'अमर अकबर ऐंथनी, तो लक्ष्मी बोले कि 'प्यारे, इसमें गुरु का नाम आ गया है'। तो उनका नाम था पहले, 'पिक्चर' में, ऐंथनी फ़रनंडेज़। तो वो चेंज करके ऐंथनी गोनज़ल्वेस हमने करवाया और वह गाना भी बनाया, और हमने ख़ास कहा बच्चन साहब को कि भई मेरे गुरु का है, ऐक्टिंग् ठीक से करना, ऐसे ही मज़ाक में कहा। 'he was very happy' और कभी मैं बच्चन साहब से मिलवाऊँगा भी उनको। अभी वो हैं, गोवा में रहते हैं, 'now he is, I think, 81'.
प्र: अभी भी मुलाक़ात होती है बीच में?
हमेशा। मैं कोई भी काम करता हूँ तो हमेशा उनसे पूछता हूँ, 'and he is very soft-spoken', बहुत अच्छे, और अभी वो ८१ वर्ष के हैं, लेकिन एक बाल भी सफ़ेद नहीं है।
ओल्ड इस गोल्ड एक ऐसी शृंखला जिसने अंतरजाल पर ४०० शानदार एपिसोड पूरे कर एक नया रिकॉर्ड बनाया. हिंदी फिल्मों के ये सदाबहार ओल्ड गोल्ड नगमें जब भी रेडियो/ टेलीविज़न या फिर ओल्ड इस गोल्ड जैसे मंचों से आपके कानों तक पहुँचते हैं तो इनका जादू आपके दिलो जेहन पर चढ कर बोलने लगता है. आपका भी मन कर उठता है न कुछ गुनगुनाने को ?, कुछ लोग बाथरूम तक सीमित रह जाते हैं तो कुछ माईक उठा कर गाने की हिम्मत जुटा लेते हैं, गुजरे दिनों के उन महान फनकारों की कलात्मक ऊर्जा को स्वरांजली दे रहे हैं, आज के युग के कुछ अमेच्युर तो कुछ सधे हुए कलाकार. तो सुनिए आज का कवर संस्करण
गीत - हमको तुमसे हो गया है प्यार...
कवर गायन - पारसमणी आचार्य/प्रदीप सोमसुन्दरन/आज़म खान/एन वी कृष्णन
ये कवर संस्करण आपको कैसा लगा ? अपनी राय टिप्पणियों के माध्यम से हम तक और इस युवा कलाकार तक अवश्य पहुंचाएं
डाक्टर पारसमणी आचार्य
प्रदीप सोमसुन्दरन
आज़म खान
रफ़ी साहब, किशोर कुमार, येसुदास, हरिहरन, सुरेश वाडेकर, सोनू निगम और उदित नारायण इनके पसंदीदा गायक हैं. आज़म फर्मवेयर इंजिनियर है अमेरिका में और गायन का विशेष शौक रखते हैं. इन्टरनेट पर बहुत से संगीत मंचों पर इनकी महफिलें सजती रहती हैंविशेष सूचना -'ओल्ड इज़ गोल्ड' शृंखला के बारे में आप अपने विचार, अपने सुझाव, अपनी फ़रमाइशें, अपनी शिकायतें, टिप्पणी के अलावा 'ओल्ड इज़ गोल्ड' के नए ई-मेल पते oig@hindyugm.com पर ज़रूर लिख भेजें।
खोज व आलेख- सुजॉय चटर्जी
संभवत: अब तक के सबसे अच्छे गानों की प्रस्तुति में से एक.
ReplyDeleteसभी नें अपना पार्ट बखूबी और सुरीले स्वर से निभाया है. सभी को बधाईयां.
बहुत दिन बाद आवाज सुनी है अभी जून तक व्यस्त रहूँगी जून के बाद आती हूँ शुभकामनायें
ReplyDeletePurane geeton ke baat kuch aur hai... sabkuch hota tha unmen... ek sandesh,, bhavpurnta ke bhare...
ReplyDeleteAaj jab bhi koi purana gaana radio par aata hain man ko bahut sukun milta hai..
sundar prastuti ke liye dhanyavaad..