अक्तूबर के अजय वीर गीत हैं फ़िर एक बार आमने सामने, और पहले चरण के तीसरे और अन्तिम समीक्षक की पैनी नज़र है उन पर. देखते हैं कि क्या फैसला उनका-
डरना झुकना छोड़ दे—
गीत बेहद प्रभावी है । बोल बढिया हैं । अच्छी बात ये है कि ये गीत एक संदेश देता है । संयोजन और गायकी में भी ये गीत एकदम युवा है । क्लब मिक्स में जो टेक्नो इफेक्ट्स हैं वो अच्छे लगते हैं । लेकिन मुझे लगता है कि पंजाबी तड़का मिक्स ज्यादा अच्छा बन पड़ा है । इसे हम सूफी मिक्स कहते तो ज्यादा अच्छा लगता । अब तक का सर्वश्रेष्ठ गीत ।
गीत—पूरे पांच. धुन और संगीत संयोजन-पूरे पॉँच, गायकी और आवाज़-पूरे पांच, ओवारोल प्रस्तुति-पूरे पांच
कुल- २०/२०: १०/१०, कुल अंक (पहले चरण की समीक्षा के बाद) - 20.5 / 30
ऐसा नहीं कि आज मुझे चांद चाहिए---
इस ग़ज़ल की शायरी ज़रा कमज़ोर लगी । गायकी और संगीत संयोजन उत्तम ।
गीत—४, धुन और संगीत संयोजन-५, गायकी और आवाज़-५, ओवारोल प्रस्तुति-४
कुल- १८/२०: ९/१०, कुल अंक (पहले चरण की समीक्षा के बाद) - 24 / 30
सूरज चांद और सितारे ।
ये ठीक है कि ये हिंद युग्म पर अब तक का सबसे बड़ा ग्रुप है । लेकिन दिक्कत ये है कि जिस गीत को चुना गया है वो काफी कमज़ोर है । बोलों और भावों में गहराई नहीं है । गायकी और संगीत-संयोजन अच्छा है । मुझे लगता है कि अगर ये बैंड उत्कृष्ट बोलों वाले गीतों को लेकर प्रस्तुत हो तो बहुत संभावनाएं खुल सकती हैं ।
गीत—४, धुन और संगीत संयोजन-४, गायकी और आवाज़-३, ओवारोल प्रस्तुति-४
कुल- १५/२०: ७.५/१०, कुल अंक (पहले चरण की समीक्षा के बाद) - 22.5 / 30
तेरा दीवाना हूं
आवाज़ अच्छी है । पर नज़्म कमज़ोर है । नज़्म के कुछ हिस्से अच्छे बन पड़े हैं । संगीत संयोजन उम्दा ।
गीत—४, धुन और संगीत संयोजन-५, गायकी और आवाज़-५, ओवारोल प्रस्तुति-५
कुल- १९ /२०: ९.५/१०, कुल अंक (पहले चरण की समीक्षा के बाद) - 27 / 30
ओ साहिबां
गीत को सुनते ही पहली पंक्ति में ही एक बात खटकती है । गायक को नुक्तों का अंदाज़ा नहीं है । ख़ामख़ां को ‘खामखां’ और ‘ख़ुमारी’ को ‘खुमारी’ गाने से गीत का मज़ा बिगड़ गया है । संगीत औसत है ।
गीत—४, धुन और संगीत संयोजन-३, गायकी और आवाज़-३, गायकी और आवाज़-३
कुल- १३ /२०: ६.५ /१०, कुल अंक (पहले चरण की समीक्षा के बाद) - 24 / 30
अक्तूबर के गीतों का पहले चरण की परीक्षा को पार करने का बाद अब तक का समीकरण इस प्रकार है -
तेरा दीवाना हूँ - २७ / ३०.
खुशमिजाज़ मिटटी - २५ / ३०.
जीत के गीत - २४.५ / ३०.
सच बोलता है - २४.५ / ३०.
संगीत दिलों का उत्सव है - २४ / ३०.
आवारा दिल - २४ / ३०.
ओ साहिबा - २४ / ३०
ऐसा नही - २४ / ३०.
सूरज चाँद और सितारे - २२.५ / ३०.
चले जाना - २१.५ / ३०.
तेरे चहरे पे - २१ / ३०.
डरना झुकना - २०.५ / ३०.
बेइंतेहा प्यार - २०.५ / ३०.
बढे चलो - २० / ३०.
ओ मुनिया - १९.५ / ३०.
मैं नदी - १९ / ३०.
राहतें सारी - १८ / ३०.
मेरे सरकार - १६.५ / ३०.
नए साल के जश्न के साथ साथ आज तीन हिंदी फिल्म जगत के सितारे अपना जन्मदिन मन रहे हैं.ये नाना पाटेकर,सोनाली बेंद्रे और गायिक कविता कृष्णमूर्ति.
नाना पाटेकर उर्फ विश्वनाथ पाटेकर का जन्म १९५१ में हुआ था.नाना पाटेकर का नाम उन अभिनेताओं की सूची में दर्ज है जिन्होंने अभिनय की अपनी विधा स्वयं बनायी.गंभीर और संवेदनशील अभिनेता नाना पाटेकर ने यूं तो अपने फिल्मी कैरियर की शुरूआत १९७८ में गमन से की थी,पर अंकुश में व्यवस्था से जूझते युवक की भूमिका ने उन्हें दर्शकों के बीच व्यापक पहचान दिलायी.समानांतर फिल्मों में दर्शकों को अपने बेहतरीन अभिनय से प्रभावित करने वाले नाना पाटेकर ने धीरे-धीरे मुख्य धारा की फिल्मों की ओर रूख किया.क्रांतिवीर और तिरंगा जैसी फिल्मों में केंद्रीय भूमिका निभाकर उन्होंने समकालीन अभिनेताओं को चुनौती दी.फिल्म क्रांतिवीर के लिए उन्हें १९९५ में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरष्कार मिला था.इस पुरष्कार को उन्होंने तीन बार प्राप्त करा.पहली बार फिल्म परिंदा के लिए १९९० में सपोर्टिंग एक्टर का और फिर १९९७ में अग्निसाक्षी फिल्म के लिए १९९७ में सपोर्टिंग एक्टर का.४ बार उन्हें फिल्म फेयर अवार्ड भी मिला.एक एक बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सपोर्टिंग एक्टर का और दो बार सर्वश्रेष्ठ खलनायक का.
सोनाली बेंद्रे का जन्म १९७५ में हुआ.सोनाली बेंद्रे ने अपने करियर की शुरूआत १९९४ से की.दुबली-पतली और सुंदर चेहरे वाली सोनाली ज्यादातर फिल्मों में ग्लैमर गर्ल के रूप में नजर आई. प्रतिभाशाली होने के बावजूद सोनाली को बॉलीवुड में ज्यादा अवसर नहीं मिल पाए.सोनाली आमिर और शाहरूख खान जैसे सितारों की नायिका भी बनीं.उन्हें ११९४ में श्रेष्ठ नये कलाकार का फिल्मफेअर अवॉर्ड मिला.
सन १९५८ में जन्मी कविता कृष्णमूर्ति ने शुरुआत करी लता मंगेशकर के गानों को डब करके.हिंदी गानों को अपनी आवाज से उन्होंने एक नयी पहचान दी. उन्हें ४ बार सर्वश्रेष्ठ हिंदी गायिका का फिल्मफेयर पुरष्कार मिल चूका है. २००५ में उन्हें भारत सरकार से पद्मश्री सम्मान मिला.
इन तीनो को इन पर फिल्माए और गाये दस गानों के माध्यम से रेडियो प्लेबैक इंडिया के ओर से जन्मदिन की शुभकामनायें.



आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)
टिप्पणीं देने वाले प्रथम श्रोता बनें, अपनी प्रतिक्रिया दें ।
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)