सप्ताह की संगीत सुर्खियाँ (10)
"सांवरिया" मोंटी से है उम्मीदें संगीत जगत को
अनु मालिक बिंदास हैं - कैलाश खेर
माइकल जैक्सन अब अधिक नही जी पायेंगें
सपनों से भरे नैना
| प्लेबैक की टीम और श्रोताओं द्वारा चुने गए वर्ष के टॉप १० गीतों को सुनिए एक के बाद एक. इन गीतों के आलावा भी कुछ गीतों का जिक्र जरूरी है, जो इन टॉप १० गीतों को जबरदस्त टक्कर देने में कामियाब रहे. ये हैं - "धिन का चिका (रेड्डी)", "ऊह ला ला (द डर्टी पिक्चर)", "छम्मक छल्लो (आर ए वन)", "हर घर के कोने में (मेमोरीस इन मार्च)", "चढा दे रंग (यमला पगला दीवाना)", "बोझिल से (आई ऍम)", "लाईफ बहुत सिंपल है (स्टैनले का डब्बा)", और "फकीरा (साउंड ट्रेक)". इन सभी गीतों के रचनाकारों को भी प्लेबैक इंडिया की बधाईयां |
मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८३१-१९३६) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए प्रेमचंद की एक नयी कहानी वह उसका प्यारा पति ही था, किन्तु शोक! उसकी सूरत कितनी बदल गई थी। वह जवानी, वह तेज, वह चपलता, वह सुगठन, सब प्रस्थान कर चुका था। केवल हड्डियों का एक ढॉँचा रह गया था। न कोई संगी, न साथी, न यार, न दोस्त। (प्रेमचंद की "माँ" से एक अंश) |
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डॉक्टर मृदुल कीर्ति |
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मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८३१-१९३६) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए प्रेमचंद की एक नयी कहानी पिताजी चौके पर बैठे वेग से रोटियों पर अपना क्रोध उतार रहे हैं, अम्माँ की दौड़ केवल द्वार तक है, लेकिन उनकी विचार-धारा में मेरा अंधकारमय भविष्य टूटी हुई नौका की तरह डगमगा रहा है; और मैं हूँ कि पदाने में मस्त हूँ, न नहाने की सुधि है, न खाने की। (प्रेमचंद की "गुल्ली डंडा" से एक अंश) |
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कृष्णमोहन मिश्र | function newPopup(url) { popupWindow = window.open(url,'popUpWindow','height=700,width=1300,left=10,top=10,resizable=yes,scrollbars=yes,toolbar=yes,menubar=no,location=no,directories=no,status=yes') } |
अनुराग शर्मा | function newPopup(url) { popupWindow = window.open(url,'popUpWindow','height=700,width=1300,left=10,top=10,resizable=yes,scrollbars=yes,toolbar=yes,menubar=no,location=no,directories=no,status=yes') } |
सुजॉय चटर्जी | function newPopup(url) { popupWindow = window.open(url,'popUpWindow','height=700,width=1300,left=10,top=10,resizable=yes,scrollbars=yes,toolbar=yes,menubar=no,location=no,directories=no,status=yes') } |
विश्व दीपक | function newPopup(url) { popupWindow = window.open(url,'popUpWindow','height=700,width=1300,left=10,top=10,resizable=yes,scrollbars=yes,toolbar=yes,menubar=no,location=no,directories=no,status=yes') } |
सजीव सारथी | function newPopup(url) { popupWindow = window.open(url,'popUpWindow','height=700,width=1300,left=10,top=10,resizable=yes,scrollbars=yes,toolbar=yes,menubar=no,location=no,directories=no,status=yes') } |
अमित तिवारी | function newPopup(url) { popupWindow = window.open(url,'popUpWindow','height=700,width=1300,left=10,top=10,resizable=yes,scrollbars=yes,toolbar=yes,menubar=no,location=no,directories=no,status=yes') } |