'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अर्चना चावजी की आवाज़ में हिंदी के अमर साहित्यकार पंडित सुदर्शन की कहानी "अठन्नी का चोर" का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार हरिशंकर परसाई की मार्मिक कहानी "बाबू की बदली", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने।
कहानी "बाबू की बदली" का कुल प्रसारण समय 15 मिनट 11 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।
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मेरी जन्म-तारीख 22 अगस्त 1924 छपती है। यह भूल है। तारीख ठीक है। सन् गलत है। सही सन् 1922 है। ~ हरिशंकर परसाई (1922-1995) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनें एक नयी कहानी ये टेढ़ी राह वाले दिन में तो सीधे चलते हैं परन्तु रात में चुपचाप सीधी राह पर गड्ढे खोदते हैं। (हरिशंकर परसाई के व्यंग्य "बाबू की बदली" से एक अंश) |
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#72th Story, Babu Ki Badli: Harishankar Parsai/Hindi Audio Book/2010/17. Voice: Anurag Sharma

आनन्द आ गया सुन कर.
ReplyDeleteयह कहानी पढ़ चूका हूँ ,परन्तु परसाई जी के व्यंग की धर को स्वर देकर आपने इसे नयी मार्मिकता दी है . धन्यवाद .
ReplyDeleteबहुत बढ़िया...
ReplyDeleteबेहद मार्मिक कहानी।
ReplyDeleteआनंद और विषाद में बस एक क्षण का अंतर होता है, यह इस कहानी को सुनकर मालूम हो गया।
धन्यवाद,
विश्व दीपक
आप सभी का हार्दिक धन्यवाद!
ReplyDeletedil kanp gaya ant sunkar.... bahut marmik kahani.....
ReplyDeletewah ji wah...aanad se bhav vibhor ho gya ... Main kab se talash raha tha, aur aaj mann ko shanti mili...kripya aise hi aur bhi prayas karte hai ... Jai Hind
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