Saturday, August 28, 2010

रविवार सुबह की कॉफी और एक और क्लास्सिक "अंदाज़" के दो अप्रदर्शित और दुर्लभ गीत

नौशाद अली की रूहानियत और मजरूह सुल्तानपुरी की कलम जब जब एक साथ मिलकर परदे पर चलीं तो एक नया ही इतिहास रचा गया. उस पर महबूब खान का निर्देशन और मिल जाए तो क्या बात हो, जैसे सोने पे सुहागा. राज कपूर और नर्गिस जिस जोड़ी ने कितनी ही नायाब फ़िल्में भारतीय सिनेमा को दीं हैं उस पर अगर दिलीप कुमार का अगर साथ और मिल जाए तो कहने की ज़रुरत नहीं कि एक साथ कितनी ही प्रतिभाओं को देखने का मौका मिलेगा......अब तक तो आप समझ गए होंगे के हमारी ये कलम किस तरफ जा रही है...जी हाँ सही अंदाजा लगाया आपने लेकिन यहाँ कुछ का अंदाजा गलत भी हो सकता है. साहब अंदाजा नहीं अंदाज़ कहिये. साथ में मुराद, कुक्कु वी एच देसाई, अनवरीबाई, अमीर बानो, जमशेदजी, अब्बास, वासकर और अब्दुल. सिनेमा के इतने लम्बे इतिहास में दिलीप कुमार और राज कपूर एक साथ इसी फिल्म में पहली और आखिरी बार नजर आये. फिल्म की कहानी प्यार के त्रिकोण पर आधारित थी जिस पर अब तक न जाने कितनी ही फिल्मे बन चुकी हैं. फिल्म में केवल दस गीत थे जिनमे आवाजें थीं लता मंगेशकर, मुकेश, शमशाद बेगम और मोहम्मद रफ़ी साब की. फिल्म को लिखा था शम्स लखनवी ने, जी बिलकुल वोही जिन्होंने सेहरा १९६३ के संवाद लिखे थे. फिल्म १४८ मिनट की बनी थी जो बाद में काटकर १४२ मिनट की रह गयी. ये ६ मिनट कहाँ काटे गए इसका जवाब हम आज लेकर आये हैं.

फिल्म में जैसे कि मैं कह चुका हूँ और आप भी जानते हैं दस गीत थे लेकिन बहुत कम लोग ये जानते होंगे के इस फिल्म में दो और गीत थे एक मुकेश के अकेली आवाज़ में और दूसरा मोहम्मद रफ़ी तथा लता मंगेशकर कि आवाज़ में. आज हम यहाँ दोनों ही गीतों को सुनवाने वाले हैं.पहला गीत है क्यूँ फेरी नज़र मुकेश कि आवाज़ में जिसकी अवधि कुल २ मिनट ५८ सेकंड है. दूसरा गीत जो युगल मोहम्मद रफ़ी और लता मंगेशकर कि आवाज़ में है जिसकी अवधि २ मिनट ४५ सेकंड है, गीत के बोल हैं सुन लो दिल का अफसाना मेरा अपना जो विचार है कि फिल्म के जो ६ मिनट कम हुए होंगे वो शायद इन्ही दो गीतों कि वजह से हुए होंगे जिनकी कुल अवधि ५ मिनट ५६ सेकंड है. बातें तो इस फिल्म और इसके गीतों के बारे में इतनी है के पूरी एक वेबसाइट बनायीं जा सके लेकिन आपका ज्यादा वक़्त न लेते हुए सुनते हैं ये दोनों गीत.

Song- Kyon feri nazar (mukesh), An Unreleased Song From the movie "Andaaz"


Song - Sun lo dil ka afsana (Lata-Rafi), An Unreleased song from the movie "Andaaz"


प्रस्तुति- मुवीन



"रविवार सुबह की कॉफी और कुछ दुर्लभ गीत" एक शृंखला है कुछ बेहद दुर्लभ गीतों के संकलन की. कुछ ऐसे गीत जो अमूमन कहीं सुनने को नहीं मिलते, या फिर ऐसे गीत जिन्हें पर्याप्त प्रचार नहीं मिल पाया और अच्छे होने के बावजूद एक बड़े श्रोता वर्ग तक वो नहीं पहुँच पाया. ये गीत नए भी हो सकते हैं और पुराने भी. आवाज़ के बहुत से ऐसे नियमित श्रोता हैं जो न सिर्फ संगीत प्रेमी हैं बल्कि उनके पास अपने पसंदीदा संगीत का एक विशाल खजाना भी उपलब्ध है. इस स्तम्भ के माध्यम से हम उनका परिचय आप सब से करवाते रहेंगें. और सुनवाते रहेंगें उनके संकलन के वो अनूठे गीत. यदि आपके पास भी हैं कुछ ऐसे अनमोल गीत और उन्हें आप अपने जैसे अन्य संगीत प्रेमियों के साथ बाँटना चाहते हैं, तो हमें लिखिए. यदि कोई ख़ास गीत ऐसा है जिसे आप ढूंढ रहे हैं तो उनकी फरमाईश भी यहाँ रख सकते हैं. हो सकता है किसी रसिक के पास वो गीत हो जिसे आप खोज रहे हों.

4 comments:

  1. bahut khoob Muveen bhai! aise durlabh geeton se 'Aawaaz' ko samriddha karte rahiye.

    Sujoy

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  2. मुवीन जी ,
    आपका जितना भी शुक्रिया अदा करें कम है .सुन्दर नगमे .

    बस कल्पना कर सकते हैं की ये गाने किसपे और कैसे फिल्माए गए होते गर फिल्म का हिस्सा होते .
    हाँ दरख्वास्त लेकर भी हाज़िर हूँ .
    गर कोई मेहरबान फिल्म ' राजा भरथरी ' का
    अमीरबाई कर्नाटकी और सुरिंदर ( जिसे पहली बार सुनने पर बहुत पहले मैंने सहगल जी का समझा था ) का गाया दोगाना ' भिक्षा दे दे मैय्या पिंगला जोगी खड़ा रे द्वार राजा भरथरी ..........' सुनवा सके तो आभारी रहूँगा .
    वैसे हालिया वक़्त में गुजराती फिल्म ' राजा भरथरी ' में वही गाना करीब ' वही गुजराती भावानुवाद और वही सुर संगीत ' जैसा सुनकर मज़ा आ गया .
    और ' रविवार सुबह की काफी ' !
    रोज रविवार क्यों नहीं होता ?

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  3. राज जी की फरमाइश से मुझे अपने अतीत की याद ताज़ा हो गयी.
    मेरे फूफा जी उस समय इस गीत को गाया करते थे.यह लगभग ५० वर्ष बल्कि और ज्यादा पहले की बात है.
    उस वक्त की मुझे केवल दो शब्द की याद थी - राजा भरथरी. आज फिर सब याद आ गया.
    अवध लाल

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  4. BHARTKIBETI@YAHOO.COMSeptember 9, 2010 at 10:51 AM

    सजीव सुपुत्र

    आशीर्वाद
    बहुत ही समय के बाद गीत सुने

    धन्यवाद
    ढूंढ रही थी इन गीतों को

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