प्रेमचंद की कहानी 'पर्वत-यात्रा' का पॉडकास्ट
'सुनो कहानी' के स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियों का पॉडकास्ट। अभी पिछले सप्ताह ईद के अवसर पर आपने सुना था अनुराग शर्मा की आवाज़ में प्रेमचंद की कहानी 'ईदगाह' का पॉडकास्ट। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं अनुराग शर्मा की आवाज़ में उपन्यास सम्राट प्रेमचंद की कहानी 'पर्वत-यात्रा' का पॉडकास्ट। यह रचना सन १९२९ के अप्रैल महीने में माधुरी में प्रकाशित हुई थी। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।
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#Seventh Story, Parvat Yatra: Munsi Premchand/Hindi Audio Book/2008/06. Voice: Anuraag Sharma
नए साल के जश्न के साथ साथ आज तीन हिंदी फिल्म जगत के सितारे अपना जन्मदिन मन रहे हैं.ये नाना पाटेकर,सोनाली बेंद्रे और गायिक कविता कृष्णमूर्ति.
नाना पाटेकर उर्फ विश्वनाथ पाटेकर का जन्म १९५१ में हुआ था.नाना पाटेकर का नाम उन अभिनेताओं की सूची में दर्ज है जिन्होंने अभिनय की अपनी विधा स्वयं बनायी.गंभीर और संवेदनशील अभिनेता नाना पाटेकर ने यूं तो अपने फिल्मी कैरियर की शुरूआत १९७८ में गमन से की थी,पर अंकुश में व्यवस्था से जूझते युवक की भूमिका ने उन्हें दर्शकों के बीच व्यापक पहचान दिलायी.समानांतर फिल्मों में दर्शकों को अपने बेहतरीन अभिनय से प्रभावित करने वाले नाना पाटेकर ने धीरे-धीरे मुख्य धारा की फिल्मों की ओर रूख किया.क्रांतिवीर और तिरंगा जैसी फिल्मों में केंद्रीय भूमिका निभाकर उन्होंने समकालीन अभिनेताओं को चुनौती दी.फिल्म क्रांतिवीर के लिए उन्हें १९९५ में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरष्कार मिला था.इस पुरष्कार को उन्होंने तीन बार प्राप्त करा.पहली बार फिल्म परिंदा के लिए १९९० में सपोर्टिंग एक्टर का और फिर १९९७ में अग्निसाक्षी फिल्म के लिए १९९७ में सपोर्टिंग एक्टर का.४ बार उन्हें फिल्म फेयर अवार्ड भी मिला.एक एक बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सपोर्टिंग एक्टर का और दो बार सर्वश्रेष्ठ खलनायक का.
सोनाली बेंद्रे का जन्म १९७५ में हुआ.सोनाली बेंद्रे ने अपने करियर की शुरूआत १९९४ से की.दुबली-पतली और सुंदर चेहरे वाली सोनाली ज्यादातर फिल्मों में ग्लैमर गर्ल के रूप में नजर आई. प्रतिभाशाली होने के बावजूद सोनाली को बॉलीवुड में ज्यादा अवसर नहीं मिल पाए.सोनाली आमिर और शाहरूख खान जैसे सितारों की नायिका भी बनीं.उन्हें ११९४ में श्रेष्ठ नये कलाकार का फिल्मफेअर अवॉर्ड मिला.
सन १९५८ में जन्मी कविता कृष्णमूर्ति ने शुरुआत करी लता मंगेशकर के गानों को डब करके.हिंदी गानों को अपनी आवाज से उन्होंने एक नयी पहचान दी. उन्हें ४ बार सर्वश्रेष्ठ हिंदी गायिका का फिल्मफेयर पुरष्कार मिल चूका है. २००५ में उन्हें भारत सरकार से पद्मश्री सम्मान मिला.
इन तीनो को इन पर फिल्माए और गाये दस गानों के माध्यम से रेडियो प्लेबैक इंडिया के ओर से जन्मदिन की शुभकामनायें.



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5 श्रोताओं का कहना है :
बहुत उम्दा प्रयास है, जारी रखें. अच्छा लगा सुनना!!
अनुराग जी हर बार पार्श्व संगीत चुनने में बहुत म्हणत करते हैं, कहानी के अनुरूप ही होता है, इस बार तो आकी कहानी मने बहुत सारे अलग अलग किस्म के किरदार थे और आपने सब एक लिए अपनी आवाज़ का अच्छा MODULATION दिया है, बेहद खूब रहा ये प्रयास
धन्यवाद!
अनुराग जी,
कहानी बहुत सुंदर है. प्रेमचंद जी की भाषा मुझे बेहद पसंद है. पात्रानुकूल भाषा में वे सिद्धस्थ थे. आपने भी उसकी गरिमा को बनाये रखा है. बहुत सुंदर पढ़ा है. बधाई स्वीकारें.
धन्यवाद शोभा जी!
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