कर्नाटक के बेलगाम जिले में जन्मे रफ़ीक़ शेख ने मरहूम मोहम्मद हुसैन खान (पुणे)की शागिर्दी में शास्त्रीय गायन सीखा तत्पश्चात दिल्ली आए पंडित जय दयाल के शिष्य बनें. मखमली आवाज़ के मालिक रफ़ीक़ के संगीत सफर की शुरुवात कन्नड़ फिल्मों में गायन के साथ हुई, पर उर्दू भाषा से लगाव और ग़ज़ल गायकी के शौक ने मुंबई पहुँचा दिया जहाँ बतौर बैंक मैनेजर काम करते हुए रफ़ीक़ को सानिध्य मिला गीतकार /शायर असद भोपाली का जिन्होंने उन्हें उर्दू की बारीकियों से वाकिफ करवाया. संगीत और शायरी का जनून ऐसा छाया कि नौकरी छोड़ रफ़ीक़ ने संगीत को अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया.
आज रफ़ीक़ पूरे भारत में अपने शो कर चुके हैं. वो जहाँ भी गए सुनने वालों ने उन्हें सर आँखों पर बिठाया. २००४ में औरंगाबाद में हुए अखिल भारतीय मराठी ग़ज़ल कांफ्रेंस में उन्होंने अपनी मराठी ग़ज़लों से समां बाँध दिया, भाषा चाहे कन्नड़ हो, हिन्दी, मराठी या उर्दू रफ़ीक़ जानते हैं शायरी /कविता का मर्म और अपनी आवाज़ के ढाल कर उसे इस तरह प्रस्तुत करते हैं कि सुनने वालों पर जादू सा चल जाता है, महान शायर अहमद फ़राज़ को दी गई अपनी दो श्रद्धांजली स्वरुप ग़ज़लों को सुनने के बाद आवाज़ के श्रोताओं ने भी इस बात को महसूस किया. हिंद युग्म पर मिली इस सफलता ने रफ़ीक़ को प्रेरित किया कि हिन्दी/उर्दू ग़ज़लों के एक एल्बम पर काम शुरू करें.

आल इंडिया रेडियो द्वारा सत्यापित कलाकार रफ़ीक़ चंदन टी वी और डी डी ०१ पर लाइव परफॉर्मेंस दे चुके हैं.अब तक उनकी एक मराठी एल्बम 'पाउस पहिला" और एक कन्नड़ एल्बम "नेने" बाज़ार में धूम मचा चुकी है. लता मंगेशकर और आशा भोंसले जैसे दिग्गजों के साथ गाने का इन्हे मौका मिला है जिसे रफ़ीक़ अपने जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं.
हिंद युग्म से जुड़ कर रफ़ीक़ बेहद खुश हैं, उन्हें विश्वास है युग्म के साथ उन्हें अपने पहले उर्दू ग़ज़ल एल्बम के सपने को साकार करने में मददगार साबित होगा. बीते शुक्रवार आवाज़ पर ओपन हुई उनकी ग़ज़ल "सच बोलता है" बेहद सराही गई. युग्म परिवार इस बेहद प्रतिभाशाली और संगीत के प्रति समर्पित कलाकार को अपनी समस्त शुभकामनायें दे रहा है. रफ़ीक़ जल्दी ही कमियाबी की नई मंजिलें पायें, इसी कामना के साथ आईये एक बार फ़िर सुनें उनकी बारीक, सुरीली और सधी हुई आवाज़ में उन्ही के द्वारा स्वरबद्ध ये शानदार ग़ज़ल.
(सुनने के लिए नीचे के पोस्टर पर क्लिक करें. इस नए उभरते कलाकार को अपना प्रोत्साहन अवश्य दें)
आप भी इसका इस्तेमाल करें
देखिये रफ़ीक़ शेख का सफर इन चित्रों में -
(आशा जी के साथ रफ़ीक़)

(बप्पी लहरी के साथ)

(संगीतकार राम लक्ष्मण के साथ)

(और ये हैं आज के रफ़ीक़)
नए साल के जश्न के साथ साथ आज तीन हिंदी फिल्म जगत के सितारे अपना जन्मदिन मन रहे हैं.ये नाना पाटेकर,सोनाली बेंद्रे और गायिक कविता कृष्णमूर्ति.
नाना पाटेकर उर्फ विश्वनाथ पाटेकर का जन्म १९५१ में हुआ था.नाना पाटेकर का नाम उन अभिनेताओं की सूची में दर्ज है जिन्होंने अभिनय की अपनी विधा स्वयं बनायी.गंभीर और संवेदनशील अभिनेता नाना पाटेकर ने यूं तो अपने फिल्मी कैरियर की शुरूआत १९७८ में गमन से की थी,पर अंकुश में व्यवस्था से जूझते युवक की भूमिका ने उन्हें दर्शकों के बीच व्यापक पहचान दिलायी.समानांतर फिल्मों में दर्शकों को अपने बेहतरीन अभिनय से प्रभावित करने वाले नाना पाटेकर ने धीरे-धीरे मुख्य धारा की फिल्मों की ओर रूख किया.क्रांतिवीर और तिरंगा जैसी फिल्मों में केंद्रीय भूमिका निभाकर उन्होंने समकालीन अभिनेताओं को चुनौती दी.फिल्म क्रांतिवीर के लिए उन्हें १९९५ में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरष्कार मिला था.इस पुरष्कार को उन्होंने तीन बार प्राप्त करा.पहली बार फिल्म परिंदा के लिए १९९० में सपोर्टिंग एक्टर का और फिर १९९७ में अग्निसाक्षी फिल्म के लिए १९९७ में सपोर्टिंग एक्टर का.४ बार उन्हें फिल्म फेयर अवार्ड भी मिला.एक एक बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सपोर्टिंग एक्टर का और दो बार सर्वश्रेष्ठ खलनायक का.
सोनाली बेंद्रे का जन्म १९७५ में हुआ.सोनाली बेंद्रे ने अपने करियर की शुरूआत १९९४ से की.दुबली-पतली और सुंदर चेहरे वाली सोनाली ज्यादातर फिल्मों में ग्लैमर गर्ल के रूप में नजर आई. प्रतिभाशाली होने के बावजूद सोनाली को बॉलीवुड में ज्यादा अवसर नहीं मिल पाए.सोनाली आमिर और शाहरूख खान जैसे सितारों की नायिका भी बनीं.उन्हें ११९४ में श्रेष्ठ नये कलाकार का फिल्मफेअर अवॉर्ड मिला.
सन १९५८ में जन्मी कविता कृष्णमूर्ति ने शुरुआत करी लता मंगेशकर के गानों को डब करके.हिंदी गानों को अपनी आवाज से उन्होंने एक नयी पहचान दी. उन्हें ४ बार सर्वश्रेष्ठ हिंदी गायिका का फिल्मफेयर पुरष्कार मिल चूका है. २००५ में उन्हें भारत सरकार से पद्मश्री सम्मान मिला.
इन तीनो को इन पर फिल्माए और गाये दस गानों के माध्यम से रेडियो प्लेबैक इंडिया के ओर से जन्मदिन की शुभकामनायें.



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आप हिन्दी की सेवा कर रहे हैं, इसके लिए साधुवाद। हिन्दुस्तानी एकेडेमी से जुड़कर अपना सक्रिय सहयोग करें।
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सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्रयम्बके गौरि नारायणी नमोस्तुते॥
शारदीय नवरात्रारम्भ पर हार्दिक शुभकामनाएं!
(हिन्दुस्तानी एकेडेमी)
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सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
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