सप्ताह की संगीत सुर्खियाँ (५)
साहित्य और संगीत एक एल्बम में
"सॉरी भाई" ये मेरा गाना है...
प्रसून एक गायक भी
मैं ऐक्टर तो नही....मगर...
| | प्लेबैक की टीम और श्रोताओं द्वारा चुने गए वर्ष के टॉप १० गीतों को सुनिए एक के बाद एक. इन गीतों के आलावा भी कुछ गीतों का जिक्र जरूरी है, जो इन टॉप १० गीतों को जबरदस्त टक्कर देने में कामियाब रहे. ये हैं - "धिन का चिका (रेड्डी)", "ऊह ला ला (द डर्टी पिक्चर)", "छम्मक छल्लो (आर ए वन)", "हर घर के कोने में (मेमोरीस इन मार्च)", "चढा दे रंग (यमला पगला दीवाना)", "बोझिल से (आई ऍम)", "लाईफ बहुत सिंपल है (स्टैनले का डब्बा)", और "फकीरा (साउंड ट्रेक)". इन सभी गीतों के रचनाकारों को भी प्लेबैक इंडिया की बधाईयां |
नए साल के जश्न के साथ साथ आज तीन हिंदी फिल्म जगत के सितारे अपना जन्मदिन मन रहे हैं.ये नाना पाटेकर,सोनाली बेंद्रे और गायिक कविता कृष्णमूर्ति.
नाना पाटेकर उर्फ विश्वनाथ पाटेकर का जन्म १९५१ में हुआ था.नाना पाटेकर का नाम उन अभिनेताओं की सूची में दर्ज है जिन्होंने अभिनय की अपनी विधा स्वयं बनायी.गंभीर और संवेदनशील अभिनेता नाना पाटेकर ने यूं तो अपने फिल्मी कैरियर की शुरूआत १९७८ में गमन से की थी,पर अंकुश में व्यवस्था से जूझते युवक की भूमिका ने उन्हें दर्शकों के बीच व्यापक पहचान दिलायी.समानांतर फिल्मों में दर्शकों को अपने बेहतरीन अभिनय से प्रभावित करने वाले नाना पाटेकर ने धीरे-धीरे मुख्य धारा की फिल्मों की ओर रूख किया.क्रांतिवीर और तिरंगा जैसी फिल्मों में केंद्रीय भूमिका निभाकर उन्होंने समकालीन अभिनेताओं को चुनौती दी.फिल्म क्रांतिवीर के लिए उन्हें १९९५ में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरष्कार मिला था.इस पुरष्कार को उन्होंने तीन बार प्राप्त करा.पहली बार फिल्म परिंदा के लिए १९९० में सपोर्टिंग एक्टर का और फिर १९९७ में अग्निसाक्षी फिल्म के लिए १९९७ में सपोर्टिंग एक्टर का.४ बार उन्हें फिल्म फेयर अवार्ड भी मिला.एक एक बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सपोर्टिंग एक्टर का और दो बार सर्वश्रेष्ठ खलनायक का.
सोनाली बेंद्रे का जन्म १९७५ में हुआ.सोनाली बेंद्रे ने अपने करियर की शुरूआत १९९४ से की.दुबली-पतली और सुंदर चेहरे वाली सोनाली ज्यादातर फिल्मों में ग्लैमर गर्ल के रूप में नजर आई. प्रतिभाशाली होने के बावजूद सोनाली को बॉलीवुड में ज्यादा अवसर नहीं मिल पाए.सोनाली आमिर और शाहरूख खान जैसे सितारों की नायिका भी बनीं.उन्हें ११९४ में श्रेष्ठ नये कलाकार का फिल्मफेअर अवॉर्ड मिला.
सन १९५८ में जन्मी कविता कृष्णमूर्ति ने शुरुआत करी लता मंगेशकर के गानों को डब करके.हिंदी गानों को अपनी आवाज से उन्होंने एक नयी पहचान दी. उन्हें ४ बार सर्वश्रेष्ठ हिंदी गायिका का फिल्मफेयर पुरष्कार मिल चूका है. २००५ में उन्हें भारत सरकार से पद्मश्री सम्मान मिला.
इन तीनो को इन पर फिल्माए और गाये दस गानों के माध्यम से रेडियो प्लेबैक इंडिया के ओर से जन्मदिन की शुभकामनायें.
बोलती कहानियाँ - टार्च बेचने वाले - हरिशंकर परसाई--आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार हरिशंकर परसाई की कहानी "टॉर्च बेचने वाले", जिसको स्वर दिया है अमित तिवारी ने।| कृष्णमोहन मिश्र | function newPopup(url) { popupWindow = window.open(url,'popUpWindow','height=700,width=1300,left=10,top=10,resizable=yes,scrollbars=yes,toolbar=yes,menubar=no,location=no,directories=no,status=yes') } |
| अनुराग शर्मा | function newPopup(url) { popupWindow = window.open(url,'popUpWindow','height=700,width=1300,left=10,top=10,resizable=yes,scrollbars=yes,toolbar=yes,menubar=no,location=no,directories=no,status=yes') } |
| सुजॉय चटर्जी | function newPopup(url) { popupWindow = window.open(url,'popUpWindow','height=700,width=1300,left=10,top=10,resizable=yes,scrollbars=yes,toolbar=yes,menubar=no,location=no,directories=no,status=yes') } |
| विश्व दीपक | function newPopup(url) { popupWindow = window.open(url,'popUpWindow','height=700,width=1300,left=10,top=10,resizable=yes,scrollbars=yes,toolbar=yes,menubar=no,location=no,directories=no,status=yes') } |
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| अमित तिवारी | function newPopup(url) { popupWindow = window.open(url,'popUpWindow','height=700,width=1300,left=10,top=10,resizable=yes,scrollbars=yes,toolbar=yes,menubar=no,location=no,directories=no,status=yes') } |


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2 श्रोताओं का कहना है :
prasoon joshi ji ne ye kaisi shart rakh di hai ,sangeet ki koi bhaasa nahi hoti prasoon ji ,jiska lekhan itna behtareen hai ,uski gaayki bhi kya khoob hogi ,ise majaak me n le aur ab ek gaana ho hi jaay rahmaan ji ke saath
sajjev ji humaari baat prasoon ji tak awasya
pahunchhhayen
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