ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # २५
आज कल्याणजी-आनंदजी के गीत की बारी। फ़िल्म 'कसौटी' में प्राण साहब पर फ़िल्माया गया था किशोर कुमार का नेपाली अंदाज़ में गाया हुआ एक बेहद लोकप्रिय हास्य गीत "हम बोलेगा तो बोलोगे के बोलता है"। क्योंकि बात हास्य गीत की हो रही है और आप यह भी जानते होंगे कि कल्याणजी भाई का कैसा ज़बरदस्त 'सेन्स ऒफ़ ह्युमर' हुआ करता था। तो चलिए यह गीत सुनने से पहले कल्याणजी के कहे कुछ शब्द हो जाए, जिनसे उनके इस सेन्स ऒफ़ ह्युमर का एक छोटा सा नमूना आपके सामने प्रस्तुत हो जाएगा। कल्याणजी भाई कहते हैं (सौजन्य: विविध भारती): "यह ह्युमर का सबजेक्ट निकल आया है तो मैं कहूँगा कि ह्युमर को मैं बहुत महत्व देता हूँ। क्या है कि जहाँ हम जाएँ लोग हँसते नहीं, तो इसमें सब से ज़्यादा अगर किसी ने मुझे इन्स्पायर किया तो वो हैं आचार्य रजनीश जी, यानी कि ओशो। उन्होने मुझे बोला था कि 'कल्याणजी, आप का जो आर्ट है, उसको आप डेवेलप कीजिए, वह कमाल का आर्ट है। तो उन्होने मुझे बहुत इन्स्पायर किया। जब फ़िल्म बनी थी 'नन्हा फ़रिश्ता', तो वह मद्रास की पहली फ़िल्म थी हमारी। तो वहाँ पे स्टोरी राइटर बहुत सीरियस स्टोरी सुना रहा था कि हमारी स्टोरी में यह है, वह है, उसने लास्ट में बोला कि एक लोरी आती है, पिक्चर में वह बेस्ट, एक लोरी, लोरी, लोरी, अच्छा बनाना, बस एक लोरी बनाना। तो वो इतनी बार लोरी लोरी करने लगा कि मैंने ऐसे ही बोला कि 'हमारे तो ऒर्डिनरी गाने में ही लोग सो जाते हैं, लोरी में तो हम जान लड़ा देंगे। वो मद्रास के थे, वो तो समझे नहीं, बाद में किसी ने उनको समझाया कि ये मज़ाक कर रहे हैं।" दोस्तों, कल्याणजी के ये मज़ेदार किस्से और चुटकुले आगे भी 'ओल्ड इज़ गोल्ड' पर जारी रहेंगे, अगर आज मैंने ज़्यादा बातें की तो हो सकता है कि आप भी शायद यही बोलोगे के बोलता है। इसलिए हम और 'कु्श' नहीं बोलेगा।
ओल्ड इस गोल्ड एक ऐसी शृंखला जिसने अंतरजाल पर ४०० शानदार एपिसोड पूरे कर एक नया रिकॉर्ड बनाया. हिंदी फिल्मों के ये सदाबहार ओल्ड गोल्ड नगमें जब भी रेडियो/ टेलीविज़न या फिर ओल्ड इस गोल्ड जैसे मंचों से आपके कानों तक पहुँचते हैं तो इनका जादू आपके दिलो जेहन पर चढ कर बोलने लगता है. आपका भी मन कर उठता है न कुछ गुनगुनाने को ?, कुछ लोग बाथरूम तक सीमित रह जाते हैं तो कुछ माईक उठा कर गाने की हिम्मत जुटा लेते हैं, गुजरे दिनों के उन महान फनकारों की कलात्मक ऊर्जा को स्वरांजली दे रहे हैं, आज के युग के कुछ अमेच्युर तो कुछ सधे हुए कलाकार. तो सुनिए आज का कवर संस्करण
गीत -हम बोलेगा तो...
कवर गायन - हेमंत बदया
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हेमंत बदया
विशेष सूचना -'ओल्ड इज़ गोल्ड' शृंखला के बारे में आप अपने विचार, अपने सुझाव, अपनी फ़रमाइशें, अपनी शिकायतें, टिप्पणी के अलावा 'ओल्ड इज़ गोल्ड' के नए ई-मेल पते oig@hindyugm.com पर ज़रूर लिख भेजें।
खोज व आलेख- सुजॉय चटर्जी
नए साल के जश्न के साथ साथ आज तीन हिंदी फिल्म जगत के सितारे अपना जन्मदिन मन रहे हैं.ये नाना पाटेकर,सोनाली बेंद्रे और गायिक कविता कृष्णमूर्ति.
नाना पाटेकर उर्फ विश्वनाथ पाटेकर का जन्म १९५१ में हुआ था.नाना पाटेकर का नाम उन अभिनेताओं की सूची में दर्ज है जिन्होंने अभिनय की अपनी विधा स्वयं बनायी.गंभीर और संवेदनशील अभिनेता नाना पाटेकर ने यूं तो अपने फिल्मी कैरियर की शुरूआत १९७८ में गमन से की थी,पर अंकुश में व्यवस्था से जूझते युवक की भूमिका ने उन्हें दर्शकों के बीच व्यापक पहचान दिलायी.समानांतर फिल्मों में दर्शकों को अपने बेहतरीन अभिनय से प्रभावित करने वाले नाना पाटेकर ने धीरे-धीरे मुख्य धारा की फिल्मों की ओर रूख किया.क्रांतिवीर और तिरंगा जैसी फिल्मों में केंद्रीय भूमिका निभाकर उन्होंने समकालीन अभिनेताओं को चुनौती दी.फिल्म क्रांतिवीर के लिए उन्हें १९९५ में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरष्कार मिला था.इस पुरष्कार को उन्होंने तीन बार प्राप्त करा.पहली बार फिल्म परिंदा के लिए १९९० में सपोर्टिंग एक्टर का और फिर १९९७ में अग्निसाक्षी फिल्म के लिए १९९७ में सपोर्टिंग एक्टर का.४ बार उन्हें फिल्म फेयर अवार्ड भी मिला.एक एक बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सपोर्टिंग एक्टर का और दो बार सर्वश्रेष्ठ खलनायक का.
सोनाली बेंद्रे का जन्म १९७५ में हुआ.सोनाली बेंद्रे ने अपने करियर की शुरूआत १९९४ से की.दुबली-पतली और सुंदर चेहरे वाली सोनाली ज्यादातर फिल्मों में ग्लैमर गर्ल के रूप में नजर आई. प्रतिभाशाली होने के बावजूद सोनाली को बॉलीवुड में ज्यादा अवसर नहीं मिल पाए.सोनाली आमिर और शाहरूख खान जैसे सितारों की नायिका भी बनीं.उन्हें ११९४ में श्रेष्ठ नये कलाकार का फिल्मफेअर अवॉर्ड मिला.
सन १९५८ में जन्मी कविता कृष्णमूर्ति ने शुरुआत करी लता मंगेशकर के गानों को डब करके.हिंदी गानों को अपनी आवाज से उन्होंने एक नयी पहचान दी. उन्हें ४ बार सर्वश्रेष्ठ हिंदी गायिका का फिल्मफेयर पुरष्कार मिल चूका है. २००५ में उन्हें भारत सरकार से पद्मश्री सम्मान मिला.
इन तीनो को इन पर फिल्माए और गाये दस गानों के माध्यम से रेडियो प्लेबैक इंडिया के ओर से जन्मदिन की शुभकामनायें.



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2 श्रोताओं का कहना है :
nice
http://qsba.blogspot.com/
http://madhavrai.blogspot.com/
Kya inko download bhi kar sakte ahi mujhe bahut hi pasand hai OLD IS GOLD
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