ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # ३1
'ओल्ड इस गोल्ड रिवाइवल' के अंतरगत आप कुल ४५ गानें सुन रहे हैं इन दिनों एक के बाद एक, और इस शृंखला का दो तिहाई हिस्सा पूरी कर चुके हैं। यानी कि ३० गीत हम सुन चुके हैं और अभी १५ गानें और सुनवाने हैं। हम उम्मीद करते हैं कि ये कवर वर्ज़न्स आप को अच्छे लग रहे होंगे। तो इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए आज एक हंगामाख़ेज गीत जिसे राहुल देव बर्मन के पाश्चात्य शैली के गीतों की श्रेणी में सब से उपर रखा जाता है। जी हाँ, फ़िल्म 'कारवाँ' का "पिया तू अब तो आजा"। मजरूह सुल्तानपुरी ने इस गीत को लिखा था और आशा भोसले के साथ साथ पंचम ने भी "मोनिका ओ माइ डार्लिंग्" की आवाज़ लगाई थी इस गाने में। इस सेन्सुयस गीत का रिवाइव्ड वर्ज़न आज हम सुनने जा रहे हैं, लेकिन उससे पहले आपको यह बता दें कि 'कारवाँ' नासिर हुसैन की फ़िल्म थी। मुझे विकिपीडिया पर मजरूह साहब के जीवनी पर नज़र दौड़ाते हुए यह बात पता चली (वैसे मैं इसकी पुष्टि नहीं कर सकता) कि 'तीसरी मंज़िल' के लिए राहुल देव बर्मन को बतौर संगीतकार नियुक्त करने के निर्णय में मजरूह साहब का बड़ा हाथ था। मजरूह और नासिर हुसैन की गहरी दोस्ती थी। मजरूह साहब के कुछ यादगार गीतों वाली फ़िल्में नासिर साहब ने ही बनाई थी, जैसे कि 'पेयिंग् गेस्ट', 'फिर वही दिल लाया हूँ', 'तीसरी मंज़िल', 'बहारों के सपने', 'प्यार का मौसम', 'कारवाँ', 'यादों की बारात', 'हम किसी से कम नहीं', 'ज़माने को दिखाना है', 'क़यामत से क़यामत तक', 'जो जीता वही सिकंदर', और 'अकेले हम अकेले तुम'। इन फ़िल्मों में से ७ फ़िल्मों में पंचम का संगीत था। तो इसी जानकारी के साथ आइए सुना जाए "पिया तू अब तो आजा"।
ओल्ड इस गोल्ड एक ऐसी शृंखला जिसने अंतरजाल पर ४०० शानदार एपिसोड पूरे कर एक नया रिकॉर्ड बनाया. हिंदी फिल्मों के ये सदाबहार ओल्ड गोल्ड नगमें जब भी रेडियो/ टेलीविज़न या फिर ओल्ड इस गोल्ड जैसे मंचों से आपके कानों तक पहुँचते हैं तो इनका जादू आपके दिलो जेहन पर चढ कर बोलने लगता है. आपका भी मन कर उठता है न कुछ गुनगुनाने को ?, कुछ लोग बाथरूम तक सीमित रह जाते हैं तो कुछ माईक उठा कर गाने की हिम्मत जुटा लेते हैं, गुजरे दिनों के उन महान फनकारों की कलात्मक ऊर्जा को स्वरांजली दे रहे हैं, आज के युग के कुछ अमेच्युर तो कुछ सधे हुए कलाकार. तो सुनिए आज का कवर संस्करण
गीत -पिया तू अब तो आजा...
कवर गायन -कुहू गुप्ता
ये कवर संस्करण आपको कैसा लगा ? अपनी राय टिप्पणियों के माध्यम से हम तक और इस युवा कलाकार तक अवश्य पहुंचाएं
कुहू गुप्ता
विशेष सूचना -'ओल्ड इज़ गोल्ड' शृंखला के बारे में आप अपने विचार, अपने सुझाव, अपनी फ़रमाइशें, अपनी शिकायतें, टिप्पणी के अलावा 'ओल्ड इज़ गोल्ड' के नए ई-मेल पते oig@hindyugm.com पर ज़रूर लिख भेजें।
खोज व आलेख- सुजॉय चटर्जी
नए साल के जश्न के साथ साथ आज तीन हिंदी फिल्म जगत के सितारे अपना जन्मदिन मन रहे हैं.ये नाना पाटेकर,सोनाली बेंद्रे और गायिक कविता कृष्णमूर्ति.
नाना पाटेकर उर्फ विश्वनाथ पाटेकर का जन्म १९५१ में हुआ था.नाना पाटेकर का नाम उन अभिनेताओं की सूची में दर्ज है जिन्होंने अभिनय की अपनी विधा स्वयं बनायी.गंभीर और संवेदनशील अभिनेता नाना पाटेकर ने यूं तो अपने फिल्मी कैरियर की शुरूआत १९७८ में गमन से की थी,पर अंकुश में व्यवस्था से जूझते युवक की भूमिका ने उन्हें दर्शकों के बीच व्यापक पहचान दिलायी.समानांतर फिल्मों में दर्शकों को अपने बेहतरीन अभिनय से प्रभावित करने वाले नाना पाटेकर ने धीरे-धीरे मुख्य धारा की फिल्मों की ओर रूख किया.क्रांतिवीर और तिरंगा जैसी फिल्मों में केंद्रीय भूमिका निभाकर उन्होंने समकालीन अभिनेताओं को चुनौती दी.फिल्म क्रांतिवीर के लिए उन्हें १९९५ में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरष्कार मिला था.इस पुरष्कार को उन्होंने तीन बार प्राप्त करा.पहली बार फिल्म परिंदा के लिए १९९० में सपोर्टिंग एक्टर का और फिर १९९७ में अग्निसाक्षी फिल्म के लिए १९९७ में सपोर्टिंग एक्टर का.४ बार उन्हें फिल्म फेयर अवार्ड भी मिला.एक एक बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सपोर्टिंग एक्टर का और दो बार सर्वश्रेष्ठ खलनायक का.
सोनाली बेंद्रे का जन्म १९७५ में हुआ.सोनाली बेंद्रे ने अपने करियर की शुरूआत १९९४ से की.दुबली-पतली और सुंदर चेहरे वाली सोनाली ज्यादातर फिल्मों में ग्लैमर गर्ल के रूप में नजर आई. प्रतिभाशाली होने के बावजूद सोनाली को बॉलीवुड में ज्यादा अवसर नहीं मिल पाए.सोनाली आमिर और शाहरूख खान जैसे सितारों की नायिका भी बनीं.उन्हें ११९४ में श्रेष्ठ नये कलाकार का फिल्मफेअर अवॉर्ड मिला.
सन १९५८ में जन्मी कविता कृष्णमूर्ति ने शुरुआत करी लता मंगेशकर के गानों को डब करके.हिंदी गानों को अपनी आवाज से उन्होंने एक नयी पहचान दी. उन्हें ४ बार सर्वश्रेष्ठ हिंदी गायिका का फिल्मफेयर पुरष्कार मिल चूका है. २००५ में उन्हें भारत सरकार से पद्मश्री सम्मान मिला.
इन तीनो को इन पर फिल्माए और गाये दस गानों के माध्यम से रेडियो प्लेबैक इंडिया के ओर से जन्मदिन की शुभकामनायें.



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