रेडियो प्लेबैक वार्षिक टॉप टेन - क्रिसमस और नव वर्ष की शुभकामनाओं सहित


ComScore
प्लेबैक की टीम और श्रोताओं द्वारा चुने गए वर्ष के टॉप १० गीतों को सुनिए एक के बाद एक. इन गीतों के आलावा भी कुछ गीतों का जिक्र जरूरी है, जो इन टॉप १० गीतों को जबरदस्त टक्कर देने में कामियाब रहे. ये हैं - "धिन का चिका (रेड्डी)", "ऊह ला ला (द डर्टी पिक्चर)", "छम्मक छल्लो (आर ए वन)", "हर घर के कोने में (मेमोरीस इन मार्च)", "चढा दे रंग (यमला पगला दीवाना)", "बोझिल से (आई ऍम)", "लाईफ बहुत सिंपल है (स्टैनले का डब्बा)", और "फकीरा (साउंड ट्रेक)". इन सभी गीतों के रचनाकारों को भी प्लेबैक इंडिया की बधाईयां
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काहे को ब्याही बिदेस रे सुन बाबुल मोरे...क्या लता की आवाज़ में सुना है कभी आपने ये गीत - Amit

फिर छिड़ी रात बात फूलों की......तलत अज़ीज़ और खय्याम से सुनिए इस गज़ल के बनने की कहानी - Amit

तेरा हिज्र मेरा नसीब है... जब कब्बन मिर्ज़ा से गवाया खय्याम साहब और कमाल अमरोही ने - Amit

अहले दिल यूँ भी निभा लेते हैं....नक्श साहब का कलाम और लता की पुरकशिश आवाज़ - Amit

ये क्या जगह है दोस्तों.....शहरयार, खय्याम और आशा की तिकड़ी और उस पर रेखा की अदाकारी - बेमिसाल - Amit

बेदर्द मैंने तुझको भुलाया नहीं हनोज़... कुछ इस तरह जोश की जिंदादिली को स्वर दिया मेहदी हसन ने - Amit

मैं पल दो पल का शायर हूँ...हर एक पल के शायर साहिर हैं मनु बेतक्ल्लुस जी की खास पसंद - Amit

चले आओ सैयां रंगीले मैं वारी रे....क्या खूब समां बाँधा था इस विवाह गीत ने - Amit

गर तेरी नवाज़िश हो जाए...अंदाज़े मुहब्बत और आवाजे तलत - Amit

तुम अपना रंजो गम, अपनी परेशानी मुझे दे दो....कितनी आत्मीयता के कहा था जगजीत कौर ने इन अल्फाजों को, याद कीजिये ज़रा... - Amit

बुझा दिए हैं खुद अपने हाथों से....दर्द की कसक खय्याम के सुरों में... - Amit

और कुछ देर ठहर, और कुछ देर न जा...कहते रह गए चाहने वाले मगर कैफी साहब नहीं रुके - Amit

मेरी भी इक मुमताज़ थी....मधुकर राजस्थानी के दर्द को अपनी आवाज़ दी मन्ना दा ने.. - Amit

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