अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष

हिंद युग्म आवाज़ के सभी महिला श्रोताओं को अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस की ढेरों शुभकामनायें. दुनिया की आधी आबादी को समर्पित इस दिन को सलाम. सशक्त होती नारी शक्ति को सलाम. फिर भी कुछ सवाल हैं आज भी, जो अनुत्तरित हैं. ऐसे ही कुछ सवालों पर केन्द्रित विचार लेकर उपस्थित हैं नीलम मिश्रा. स्वागत करें नीलम जी का -
आज के समाज में महिलायें हर क्षेत्र में अपनी काबलियत साबित कर चुकी हैं. घर बाहर दोनों के बीच सामंजस्य बिठाती आज की नारी पढ़ी लिखी है, महत्वकांक्षी है, और अपने स्वस्थ, और परिवार की जरूरतों के प्रति जगुरुक भी. आवाज़ मंच पर भी नीलम जी के अलावा, रंजना जी, शोभा जी, शिवानी जी, अनीता जी, सीमा जी, पूजा अनिल और पारुल के साथ मृदुल जी और शन्नो जी ने अपनी आवाज़ और रचनात्मकता का लोहा मनवाया है. गायिकाओं में भी मानसी, मिथिला, प्रत्याक्षा, रम्या और तरन्नुम मालिक जैसी गायिकाओं ने यहाँ अपनी प्रतिभा से सबके मन को जीता है. आप सभी को समर्पित है शुभा मुदगल की आवाज़ में ये जोरदार गीत - "मन के मंजीरे".
नए साल के जश्न के साथ साथ आज तीन हिंदी फिल्म जगत के सितारे अपना जन्मदिन मन रहे हैं.ये नाना पाटेकर,सोनाली बेंद्रे और गायिक कविता कृष्णमूर्ति.
नाना पाटेकर उर्फ विश्वनाथ पाटेकर का जन्म १९५१ में हुआ था.नाना पाटेकर का नाम उन अभिनेताओं की सूची में दर्ज है जिन्होंने अभिनय की अपनी विधा स्वयं बनायी.गंभीर और संवेदनशील अभिनेता नाना पाटेकर ने यूं तो अपने फिल्मी कैरियर की शुरूआत १९७८ में गमन से की थी,पर अंकुश में व्यवस्था से जूझते युवक की भूमिका ने उन्हें दर्शकों के बीच व्यापक पहचान दिलायी.समानांतर फिल्मों में दर्शकों को अपने बेहतरीन अभिनय से प्रभावित करने वाले नाना पाटेकर ने धीरे-धीरे मुख्य धारा की फिल्मों की ओर रूख किया.क्रांतिवीर और तिरंगा जैसी फिल्मों में केंद्रीय भूमिका निभाकर उन्होंने समकालीन अभिनेताओं को चुनौती दी.फिल्म क्रांतिवीर के लिए उन्हें १९९५ में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरष्कार मिला था.इस पुरष्कार को उन्होंने तीन बार प्राप्त करा.पहली बार फिल्म परिंदा के लिए १९९० में सपोर्टिंग एक्टर का और फिर १९९७ में अग्निसाक्षी फिल्म के लिए १९९७ में सपोर्टिंग एक्टर का.४ बार उन्हें फिल्म फेयर अवार्ड भी मिला.एक एक बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सपोर्टिंग एक्टर का और दो बार सर्वश्रेष्ठ खलनायक का.
सोनाली बेंद्रे का जन्म १९७५ में हुआ.सोनाली बेंद्रे ने अपने करियर की शुरूआत १९९४ से की.दुबली-पतली और सुंदर चेहरे वाली सोनाली ज्यादातर फिल्मों में ग्लैमर गर्ल के रूप में नजर आई. प्रतिभाशाली होने के बावजूद सोनाली को बॉलीवुड में ज्यादा अवसर नहीं मिल पाए.सोनाली आमिर और शाहरूख खान जैसे सितारों की नायिका भी बनीं.उन्हें ११९४ में श्रेष्ठ नये कलाकार का फिल्मफेअर अवॉर्ड मिला.
सन १९५८ में जन्मी कविता कृष्णमूर्ति ने शुरुआत करी लता मंगेशकर के गानों को डब करके.हिंदी गानों को अपनी आवाज से उन्होंने एक नयी पहचान दी. उन्हें ४ बार सर्वश्रेष्ठ हिंदी गायिका का फिल्मफेयर पुरष्कार मिल चूका है. २००५ में उन्हें भारत सरकार से पद्मश्री सम्मान मिला.
इन तीनो को इन पर फिल्माए और गाये दस गानों के माध्यम से रेडियो प्लेबैक इंडिया के ओर से जन्मदिन की शुभकामनायें.



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4 श्रोताओं का कहना है :
नीलम जी,
आपके साहस के लिए शाबाशी देती हूँ.... एक नारी ही नारी की भावनाओं को समझ सकती है. और उसमें भी कुछ ही आगे बढ़कर किसी दूसरे के मान की रक्षा के लिए तैयार होती हैं. अधिकतर लोग तो बस तमाशा ही देखते रहते हैं. यदि हम सब एकमत होकर अपने मान सम्मान की सुरक्षा करने की कोशिश करें ऐसे मौकों पर, और अपमान करने वाले को सबक दें, तो कितना अच्छा हो.
शोभा मुद्गल जी का गीत अनमोल उपहार है. युग्म का आभार. शोषण का हल्ला मचाना मात्र पर्याप्त नहीं है. नारियों में पारस्परिक सहयोग, नारियों का सम्मान करनेवालों के विचारों का प्रसार, नारी की अवमानना करनवालों का प्रतिकार जमीन पर होना जरूरी है. आपका प्रयास सराहनीय है.
नीलम जी
बात सच है और सोचने लायक है आप बहुत बहादुर है जो आप ने असा किया पर यदि सभी मिल के एसा करते तो शायद अगली बार उसकी हिम्मत न होती एसा करने की .
एक बात बताऊँ जब हम भारत में थे तो अविनाश के साथ कहीं जाते डरती थी कुछ भी गलत हो रहा हो तो बस बोले बिना रहा नहीं जाता था कभी तो लोग साथ देते थे कभी अकेले ही ..................जब मै कुछ कहती तो बोलते थे की आज मै हूँ कल शायद कोई और हो बहुत नहीं तो कुछ फरक तो पड़ेगा .
नीलम जी आप को मै बधाई देती हूँ इतनी हिम्मत करने की
रचना
shanno ji ,aur rachna ji ,
hum aapse sahmat nahi hain ,isme koi
bahaaduri,aur saahas ki baat nahi hai ,yah sirf baat hai apne antarman ki aawaj sunne ki ,hum kisi ki madad kyuon kare ki bhaavna hume apne man se hataani hogi ,tabhi kuch..........
aacharya ji prayaas ko sarahneey bataane ke liye aapka bahut bahut
shukriya
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