रेडियो प्लेबैक वार्षिक टॉप टेन - क्रिसमस और नव वर्ष की शुभकामनाओं सहित


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प्लेबैक की टीम और श्रोताओं द्वारा चुने गए वर्ष के टॉप १० गीतों को सुनिए एक के बाद एक. इन गीतों के आलावा भी कुछ गीतों का जिक्र जरूरी है, जो इन टॉप १० गीतों को जबरदस्त टक्कर देने में कामियाब रहे. ये हैं - "धिन का चिका (रेड्डी)", "ऊह ला ला (द डर्टी पिक्चर)", "छम्मक छल्लो (आर ए वन)", "हर घर के कोने में (मेमोरीस इन मार्च)", "चढा दे रंग (यमला पगला दीवाना)", "बोझिल से (आई ऍम)", "लाईफ बहुत सिंपल है (स्टैनले का डब्बा)", और "फकीरा (साउंड ट्रेक)". इन सभी गीतों के रचनाकारों को भी प्लेबैक इंडिया की बधाईयां

Wednesday, May 28, 2008

तुषार जोशी की आवाज़, मनीष वंदेमातरम् के शब्द



हिन्द-युग्म पर पॉडकास्टिंग की शुरूआत १५ फरवरी २००७ को तुषार जोशी ने अपने पॉडकास्ट ब्लॉग Audio Experiments पर मनीष वंदेमातरम् की कविता 'आवोगी ना' से की थी। इस पॉडकास्ट को ३०० से अधिक लोगों ने डाऊनलोड किया। हमने सोचा कि हिन्द-युग्म के पॉडकास्ट के स्थाई पेज़ 'आवाज़' पर इधर-उधर बिखरे पड़े पॉडकास्ट को लाकर संग्रकित करना उचित होगा ताकि श्रोताओं को सारी सामग्री एक जगह मिल जाय।

सुनिए मनीष की कविता 'आवोगी ना' का पॉडकास्ट


तुषार जी की ही आवाज़ में मनीष की दो अन्य कविताएँ सुनें-

चाहता हूँ मैं


सनीचरी



हिन्द-युग्म के ढेरों पॉडकास्ट यहाँ उपलब्ध हैं।

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श्रोता का कहना है :

pooja का कहना है कि -

मनीष वंदेमातरम की कविताएँ हिंद युग्म के संग्रहालय पर पढी थी , आज कवि तुषार जोशी जी के द्वारा सुनने पर फ़िर से जीवंत हो गयी , आवाज़ पर ये कविताएँ सुनवाने के लिए हिंद युग्म धन्यवाद का पात्र है .

^^पूजा अनिल

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