भारतीय समयानुसार २ जून २००८ की सुबह ८ बजे डैलास, अमेरिका के हिन्दी एफ॰एम॰ रेडियो सलाम नमस्ते पर हिन्द-युग्म के प्रथम यूनिकवि आलोक शंकर का काव्यपाठ और बातचीत प्रसारित किए गये। हमने रिकॉर्ड करने की कोशिश की। हम इस भ्रम में रहे कि पूरा कवितांजलि कार्यक्रम रिकॉर्ड हो रहा है, परंतु तकनीकी असावधानियों के कारण ठीक से रिकॉर्ड नहीं कर सके। हिन्द-युग्म की स्थाई पाठिका रचना श्रीवास्तव ने आलोक शंकर का हौसला बढ़ाने के लिए फोन भी किया, मगर वो भी रिकॉर्ड न हो सका। जितना हो पाया है, आपके समक्ष प्रस्तुत है, ज़रूर बताये कैसा लगा?
प्लेयर से न सुन पा रहे हों तो यहाँ से डाऊनलोड कर लें।
Kavya-path of Alok Shankar on Radio Salaam Namaste
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6 श्रोताओं का कहना है :
Alok Shankar ji ki kavitayen bari hi prasansniye hain.. saath hi Hindyugm ke mitron dwara ki ja rahi kosis atyant sarahniye hai..Alok Shankar ji aur Hindyugm ke prati Meri wises subhkaamnayen.
आलोक जी,
बहुत बहुत बधाई.. गजल बहुत बढ़िया लगी आपकी आवाज में..
पुन: हार्दिक बधाई...
आलोक जी
आपका काव्यपाठ पढ़ा तो था आज सुन भी लिया। आपको बहुत-बहुत बधाई। हिन्द-युग्म का नाम इसीप्रकार ऊँचा करते रहें। सस्नेह
आलोक जी बहुत -बहुत बधाई |ऐ खुदा सूरत छुपा ले ........, मह्फिलो की नीयते ........जिंदगी जवाब चाहती है हर एक खाब का ........बहुत ही सुंदर |आपके विचार सुन कर बहुत अच्छा लगा ......सीमा सचदेव
utsah badhane ke liye aap sab ka haardik dhanyavaad :)
alok shankar ji ..ati uttam ..bahut bahut badhaiyan ..aur main hindyugm ke ujjwal bhavishya ki kamna karta hoon :-)
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