रेडियो प्लेबैक वार्षिक टॉप टेन - क्रिसमस और नव वर्ष की शुभकामनाओं सहित


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प्लेबैक की टीम और श्रोताओं द्वारा चुने गए वर्ष के टॉप १० गीतों को सुनिए एक के बाद एक. इन गीतों के आलावा भी कुछ गीतों का जिक्र जरूरी है, जो इन टॉप १० गीतों को जबरदस्त टक्कर देने में कामियाब रहे. ये हैं - "धिन का चिका (रेड्डी)", "ऊह ला ला (द डर्टी पिक्चर)", "छम्मक छल्लो (आर ए वन)", "हर घर के कोने में (मेमोरीस इन मार्च)", "चढा दे रंग (यमला पगला दीवाना)", "बोझिल से (आई ऍम)", "लाईफ बहुत सिंपल है (स्टैनले का डब्बा)", और "फकीरा (साउंड ट्रेक)". इन सभी गीतों के रचनाकारों को भी प्लेबैक इंडिया की बधाईयां

Friday, July 30, 2010

सुनो कहानी: रामचन्द्र भावे की वारिस



रामचन्द्र भावे की कन्नड कहानी वारिस

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अर्चना चावजी की आवाज़ में जयशंकर प्रसाद की अमर कहानी 'पुरस्कार' का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं रामचन्द्र भावे की कन्नड कहानी "वारिस", जिसको स्वर दिया है कविता वर्मा ने। कहानी का हिन्दी अनुवाद डी.एन.श्रीनाथ ने किया है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। कहानी का कुल प्रसारण समय है: 18 मिनट 39 सेकंड।

यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।


कन्नड साहित्यकार रामचन्द्र भावे की सभी कहानियाँ अंत में सोचने पर विवश करती हैं।

हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए एक नयी कहानी

पिताजी का व्यवहार न जाने क्यों विचित्र सा लगा।
(रामचन्द्र भावे की "वारिस" से एक अंश)


नीचे के प्लेयर से सुनें.
(प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।)


यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें)
VBR MP3

#Eighty Fifth Story, Varis: Ramchandra Bhave/Hindi Audio Book/2010/29. Voice: Kavita Verma

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श्रोता का कहना है :

सजीव सारथी का कहना है कि -

आज प्रेमचंद जयंती है, मैं उम्मीद कर रहा था कि आज उनकी कोई कहानी होगी, खैर ये भी बहुत बढ़िया लगी. कविता जी अच्छी आवाज़ और प्रस्तुति

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