आवाज़ महोत्सव ओरिजिनल संगीत में गीत # २१

दोस्तों, क्या आपने कभी महसूस किया है कि दीपावली के आते ही कैसे अपने आप ही हमारे अंदर एक नयी सी खुशी, नयी सी आशा का संचार हो जाता है. यही इन त्योहारों की खासियत है कि ये वातावरण में एक ऐसी सकरात्मक ऊर्जा को घोल देते हैं कि हर कोई खुश और मुस्कुराता नज़र आता है. दोस्तों यूँ तो आज आपका मोबाइल, ई मेल इन्बोक्स आदि शुभ संदेशों से भरे हुए होंगें, पर जिस अंदाज़ में आज आपको "आवाज़" शुभकामना सन्देश देने जा रहा है, वो सबसे अनूठा अनोखा है. हमने अपने पुराने साथी संगीतकार/गायक रफीक शेख के साथ मिलकर एक गीत खास आपके लिए बनाया है, दिवाली की बधाईयों वाला. शब्द पारंपरिक है और संगीत संयोजन खुद रफीक का है. तो इस गीत को सुनिए और मुस्कुरा कर इस पवन त्यौहार का आनंद लीजिए. इस बार जन्मी ये सकारात्मकता अब यूँहीं हम सब के अंग संग रहें. सुख समृधि और खुशियों से हम सबके जीवन सजे. एक बार फिर आप सबको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
रफ़ीक़ शेख
रफ़ीक़ शेख आवाज़ टीम की ओर से पिछले वर्ष के सर्वश्रेष्ठ गायक-संगीतकार घोषित किये जा चुके हैं। रफ़ीक ने दूसरे सत्र के संगीत मुकाबले में अपने कुल 3 गीत (सच बोलता है, आखिरी बार, जो शजर सूख गया है) दिये और तीनों के तीनों गीतों ने शीर्ष 10 में स्थान बनाया। रफ़ीक ने पिछले वर्ष अहमद फ़राज़ के मृत्यु के बाद श्रद्धाँजलि स्वरूप उनकी दो ग़ज़लें (तेरी बातें, ज़िदंगी से यही गिला है मुझे) को संगीतबद्ध किया था। बम्पर हिट एल्बम 'काव्यनाद' में इनके 2 कम्पोजिशन संकलित हैं।
रफ़ीक़ शेख आवाज़ टीम की ओर से पिछले वर्ष के सर्वश्रेष्ठ गायक-संगीतकार घोषित किये जा चुके हैं। रफ़ीक ने दूसरे सत्र के संगीत मुकाबले में अपने कुल 3 गीत (सच बोलता है, आखिरी बार, जो शजर सूख गया है) दिये और तीनों के तीनों गीतों ने शीर्ष 10 में स्थान बनाया। रफ़ीक ने पिछले वर्ष अहमद फ़राज़ के मृत्यु के बाद श्रद्धाँजलि स्वरूप उनकी दो ग़ज़लें (तेरी बातें, ज़िदंगी से यही गिला है मुझे) को संगीतबद्ध किया था। बम्पर हिट एल्बम 'काव्यनाद' में इनके 2 कम्पोजिशन संकलित हैं।Awaaz Originals # 21 - Shubh Deepwali
Lyrics - Traditional
Music & Voice - Rafique Sheikh

shubh deepawali-original song by Rafique Sheikh & Hind Yugm is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivs 3.0 Unported License.


नए साल के जश्न के साथ साथ आज तीन हिंदी फिल्म जगत के सितारे अपना जन्मदिन मन रहे हैं.ये नाना पाटेकर,सोनाली बेंद्रे और गायिक कविता कृष्णमूर्ति.
नाना पाटेकर उर्फ विश्वनाथ पाटेकर का जन्म १९५१ में हुआ था.नाना पाटेकर का नाम उन अभिनेताओं की सूची में दर्ज है जिन्होंने अभिनय की अपनी विधा स्वयं बनायी.गंभीर और संवेदनशील अभिनेता नाना पाटेकर ने यूं तो अपने फिल्मी कैरियर की शुरूआत १९७८ में गमन से की थी,पर अंकुश में व्यवस्था से जूझते युवक की भूमिका ने उन्हें दर्शकों के बीच व्यापक पहचान दिलायी.समानांतर फिल्मों में दर्शकों को अपने बेहतरीन अभिनय से प्रभावित करने वाले नाना पाटेकर ने धीरे-धीरे मुख्य धारा की फिल्मों की ओर रूख किया.क्रांतिवीर और तिरंगा जैसी फिल्मों में केंद्रीय भूमिका निभाकर उन्होंने समकालीन अभिनेताओं को चुनौती दी.फिल्म क्रांतिवीर के लिए उन्हें १९९५ में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरष्कार मिला था.इस पुरष्कार को उन्होंने तीन बार प्राप्त करा.पहली बार फिल्म परिंदा के लिए १९९० में सपोर्टिंग एक्टर का और फिर १९९७ में अग्निसाक्षी फिल्म के लिए १९९७ में सपोर्टिंग एक्टर का.४ बार उन्हें फिल्म फेयर अवार्ड भी मिला.एक एक बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सपोर्टिंग एक्टर का और दो बार सर्वश्रेष्ठ खलनायक का.
सोनाली बेंद्रे का जन्म १९७५ में हुआ.सोनाली बेंद्रे ने अपने करियर की शुरूआत १९९४ से की.दुबली-पतली और सुंदर चेहरे वाली सोनाली ज्यादातर फिल्मों में ग्लैमर गर्ल के रूप में नजर आई. प्रतिभाशाली होने के बावजूद सोनाली को बॉलीवुड में ज्यादा अवसर नहीं मिल पाए.सोनाली आमिर और शाहरूख खान जैसे सितारों की नायिका भी बनीं.उन्हें ११९४ में श्रेष्ठ नये कलाकार का फिल्मफेअर अवॉर्ड मिला.
सन १९५८ में जन्मी कविता कृष्णमूर्ति ने शुरुआत करी लता मंगेशकर के गानों को डब करके.हिंदी गानों को अपनी आवाज से उन्होंने एक नयी पहचान दी. उन्हें ४ बार सर्वश्रेष्ठ हिंदी गायिका का फिल्मफेयर पुरष्कार मिल चूका है. २००५ में उन्हें भारत सरकार से पद्मश्री सम्मान मिला.
इन तीनो को इन पर फिल्माए और गाये दस गानों के माध्यम से रेडियो प्लेबैक इंडिया के ओर से जन्मदिन की शुभकामनायें.








आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)
4 श्रोताओं का कहना है :
आपको भी सपरिवार दिपोत्सव की शुभकामनाएँ
अपनी आवाज में एक आवाज मेरी भी है ...सुनो.
हा हा हा
बिना बुलाये,बिना कहे मैं तो शामिल हो गई इस परिवार में .दीपावली की शुभकामनाएं दूँ? क्यों भाई शुभकामनाओं के लिए किसी स्पेशल दिन का होना जरूरी है? मेरी शुभकामनाएं तो सदा आपके साथ है.इश्वर आप सभी को जीवन की सारी खुशियाँ दे.खुशियों के जितने उजाले 'उसके' पास है वो आपके जीवन के रास्तों को ज्ग्मागाये और कोई अँधेरा आपकी राह में ना आये.
मैं हूँ ना
यूँ नही कहती कि बहुत अच्छी औरत या इंसान हूँ पर...जिन्हें प्यार करती हूँ उनके दुःख,दर्द मुझे तडपा देने के लिए काफी हैं उनके आंसू मेरी आँखों से बहने लगते हैं.दुश्मन को बद दुआ नही दी.दिल से उसका बुरा भी कभी नही चाहा.आप तो मेरे अपने -से हो गए हैं.मेरे शब्द शब्दों से खेलना मात्र नही जो हम लेखक लोग बहुत अच्छी तरह करना जानते हैं.ये मेरे मन,मेरी असलियत का प्रतिबिम्ब है बाबा
!
सचमुच ऐसिच हूँ मैं...एक भावुक मूर्ख
प्यार
गीत कल सुनूंगी.
दीपों के इस प्रकाश उत्सव पर आपको तथा समस्त आवाज़ एवं हिंदी युग्म परिवार को मेरी हार्दिक शुभेच्छाएं < सागर >
badaa accha prayaas.
diwali ki shubhkaamnaayein :)
-Kuhoo
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)