आवाज़ के सभी श्रोताओं को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ!
'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने हरिशंकर परसाई लिखित व्यंग्य रचना "नया साल" का पॉडकास्ट अनुराग शर्मा की आवाज़ में सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं पंडित माधवराव सप्रे लिखित प्रेरणा-कथा "एक टोकरी भर मिट्टी", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने।
"एक टोकरी भर मिट्टी" का कुल प्रसारण समय मात्र 4 मिनट 15 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।
यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।
पं. माधवराव सप्रे (1878-1926) स्वाधीनता संग्राम के अग्रणी नायकों में से एक पंडित माधवराव सप्रे ने भारत में राजनैतिक चेतना जगाने के साथ-साथ साहित्य जगत में भी अपना योगदान दिया था. हिन्दी केसरी और छत्तीसगढ़ मित्र नामक पत्रिकाएं शुरू करने के अतिरिक्त उन्होंने सन १९०५ में नागपुर में हिन्दी ग्रन्थ प्रकाशन मंडली की स्थापना भी की थी. रायपुर में राष्ट्रीय विद्यालय की स्थापना उन्हीं की प्रेरणा से हुई थी. उन्होंने ही बाल गंगाधर तिलक के गीता रहस्य का हिन्दी अनुवाद किया था. उनकी पुस्तक "स्वदेशी एंड बॉयकौट" भी प्रसिद्ध हुई थी. |
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#Fifty Fourth Story, Ek Tokri Bhar Mitti: Madhavrao Sapre/Hindi Audio Book/2009/48. Voice: Anurag Sharma
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5 श्रोताओं का कहना है :
सुनी कहानी मजा आगया, स्वीकारें आशीष.
यही विधा मैं भी अपनाऊँ,झुका हुआ मम शीष.
झुका हुआ है शीष, ज्ञान-संचार जरूरी.
संवेदनायें व्यापक हों, यह बहुत जरूरी.
इस साधक को याद आ गई प्यारी नानी.
मजा आ गया बन्धु! आपसे सुनी कहानी.
मजा आ गया बन्धु!
बहुत सुन्दर कहानी है दूसरी विन्डो मे साथ साथ सुन रहे हैं अनुराग जी की आवाज़ कहानी की अहमियत बढा देती है धन्यवाद
एक अनसुनी कहानी आनंद आया :)
बहुत खूब सुन्दर एवम ज्ञान वर्धक रचना
बहुत बहुत आभार
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