गुनगुनाते लम्हे- 5
जैसा कि आप जानते हैं आज महीने का तीसरा मंगलवार है। तीसरा मंगलवार मतलब गुनगुनाते लम्हे का दिन। तो चलिए आज के दिन को गीतों भरी कहानी से रुमानी बनाते हैं। अपराजिता की दिकलश आवाज़ में गुनते हैं सरस्वती प्रसाद की कहानी।
'गुनगुनाते लम्हे' टीम
आवाज़/एंकरिंग | कहानी | तकनीक |
---|---|---|
अपराजिता कल्याणी | सरस्वती प्रसाद | खुश्बू |
आप भी चाहें तो भेज सकते हैं कहानी लिखकर गीतों के साथ, जिसे दूंगी मैं अपनी आवाज़! जिस कहानी पर मिलेगी शाबाशी (टिप्पणी) सबसे ज्यादा उनको मिलेगा पुरस्कार हर माह के अंत में 500 / नगद राशि।
हाँ यदि आप चाहें खुद अपनी आवाज़ में कहानी सुनाना तो आपका स्वागत है....
1) कहानी मौलिक हो।
2) कहानी के साथ अपना फोटो भी ईमेल करें।
3) कहानी के शब्द और गीत जोड़कर समय 35-40 मिनट से अधिक न हो, गीतों की संख्या 7 से अधिक न हो।।
4) आप गीतों की सूची और साथ में उनका mp3 भी भेजें।
5) ऊपर्युक्त सामग्री podcast.hindyugm@gmail.com पर ईमेल करें।
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9 श्रोताओं का कहना है :
बहुत ही अच्छी कहानी है अम्मा और जो आपने इसे गुनगुनाते लम्हों में व्यक्त किया वो तो अति उत्तम है..............भावानयो को आपने बहुत ही अच्छे से संकलित किया है..................
अति सुन्दर. कितने अच्छे गीतों का आपने चयन किया. उस पर अपराजिता जी की आवाज़ का क्या कहना.
और हाँ शुरुआत में 'दिल तो बच्चा है' का तड़का!
बहुत खूब.
क्या इस प्रस्तुति को पाक्षिक नहीं किया जा सकता?
श्रोताओं का आनंद दुगुना हो जायेगा. हालाँकि समझ सकता हूँ कि आप लोगों को कितना कष्ट उठाना पड़ेगा.
आभार सहित
अवध लाल
इस कड़ी में अब तक सबसे बढ़िया प्रस्तुति, बहुत बढ़िया टीम...बधाई
Pranaam Amma - Khubsurat gaano ko liye behtarin lamhe...!
bahut khubsurat,bhav poorn kahani,jisme piroye geet dil ko chhoo lene vale hai.
dard bhari innocent kahani
-Renu
achchha laga sun kar.......:)
Geet, Kahaani aur sanchalan sab hi uchh koti ka hai.
wow..aprajita aapki awaaz bahut cute hai, madhur aur manbhavan..
kahani ke liye kya kahu.. kuch na kahu to behtar hai, main bahut chhoti hun amma ki kahani par kuch kehne ke liye :)
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