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प्लेबैक की टीम और श्रोताओं द्वारा चुने गए वर्ष के टॉप १० गीतों को सुनिए एक के बाद एक. इन गीतों के आलावा भी कुछ गीतों का जिक्र जरूरी है, जो इन टॉप १० गीतों को जबरदस्त टक्कर देने में कामियाब रहे. ये हैं - "धिन का चिका (रेड्डी)", "ऊह ला ला (द डर्टी पिक्चर)", "छम्मक छल्लो (आर ए वन)", "हर घर के कोने में (मेमोरीस इन मार्च)", "चढा दे रंग (यमला पगला दीवाना)", "बोझिल से (आई ऍम)", "लाईफ बहुत सिंपल है (स्टैनले का डब्बा)", और "फकीरा (साउंड ट्रेक)". इन सभी गीतों के रचनाकारों को भी प्लेबैक इंडिया की बधाईयां

Thursday, January 28, 2010

19वाँ विश्व पुस्तक मेला में होगा आवाज़ महोत्सव, ज़रूर पधारें



हिन्द-युग्म साहित्य को कला की हर विधा से जोड़ने का पक्षधर है। इसलिए हम अपने आवाज़ मंच पर तमाम गतिविधियों के साथ-साथ साहित्य को आवाज़ की विभिन्न परम्पराओं से भी जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

इसी क्रम में हमने प्रेमचंद की कहानियों को 'सुनो कहानी' स्तम्भ के माध्यम से पॉडकास्ट करना शुरू किया ताकि उन्हें इस माध्यम से भी संग्रहित किया जा सके। 19वाँ विश्व पुस्तक मेला जो प्रगति मैदान, नई दिल्ली में 30 जनवरी से 7 फरवरी 2010 के मध्य आयोजित हो रहा है, में हिन्द-युग्म प्रेमचंद की 15 कहानियों के एल्बम 'सुनो कहानी' को जारी करेगा।

इसी कार्यक्रम में जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, महादेवी वर्मा, रामधारी सिंह दिनकर, मैथिलीशरण गुप्त की प्रतिनिधि कविताओं के संगीतबद्ध एल्बम ‘काव्यनाद’ का लोकार्पण भी होगा। उल्लेखनीय है कि 18वें विश्व पुस्तक मेला में भी हिन्द-युग्म ने इंटरनेट की हिन्दी दुनिया का प्रतिनिधित्व किया था और अपने पहला उत्पाद के तौर पर कविताओं और संगीतबद्ध गीतों के एल्बम 'पहला सुर' को जारी किया था।

सन् 2008 में इंटरनेट पर हिन्दी का जितना बड़ा संसार था, आज उससे कई गुना विस्तार उसे मिल चुका है। इसलिए हिन्द-युग्म ने भी अपनी सक्रियता, अपनी प्रचार रणनीति में विस्तार किये हैं। यह इंटरनेट जगत के लिए अपने आप में बड़ी बात है कि इंटरनेट पर काम करने वाला एक समूह विश्व पुस्तक मेला में 3X3 मीटर2 का क्षेत्रफल घेर रहा है, जहाँ की हर बात इंटरनेट से जुड़ी है।

हिन्द-युग्म हिन्दी के 6 स्तम्भ कवियों की प्रतिनिधि कविताओं के संगीतबद्ध एल्बम ‘काव्यनाद’ और प्रेमचंद की 15 मशहूर कहानियों के एल्बम ‘सुनो कहानी’ के विमोचन कार्यक्रम में आपको आमंत्रित करता है। पूरा विवरण निम्नवत् है-

स्थान व समय- प्रगति मैदान सभागार, नई दिल्ली, 1 फरवरी 2010, दोपहर 2-4 (19वाँ विश्व पुस्तक मेला 2010, नई दिल्ली)

मंचासीन अतिथि-

अशोक बाजपेयी, वरिष्ठ कवि, निदेशक, ललित कला अकादमी, नई दिल्ली ('काव्यनाद' का विमोचन करेंगे)

राजेन्द्र यादव, वरिष्ठ कथाकार और हंस के प्रधान सम्पादक ('सुनो कहानी' का विमोचन करेंगे)

डॉ॰ मुकेश गर्ग, संगीत विशेषज्ञ, संगीत-संकल्प पत्रिका के सम्पादक (दोनों एल्बमों की समीक्षा करेंगे)

आदित्य प्रकाश, काव्यनाद (गीतकास्ट प्रतियोगिता) के सूत्रधार और फन एशिया के रेडियो कार्यक्रम हिन्दी यात्रा के उद्‍घोषक, डैलस, अमेरिका

ज्ञान प्रकाश सिंह, गीतकास्ट प्रोजेक्ट के सहयोगी, लंदन, यूके

संचालक- प्रमोद कुमार तिवारी

मुख्य आकर्षण

  • जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, महादेवी वर्मा, रामधारी सिंह दिनकर, मैथिलीशरण गुप्त की प्रतिनिधि कविताओं के संगीतबद्ध एल्बम ‘काव्यनाद’ का विमोचन
  • प्रेमचंद की 20 कहानियों के ऑडियो एल्बम ‘सुनो कहानी’ का विमोचन
  • केरल के युवा गायक-संगीतकार निखिल-चार्ल्स और मिथिला द्वारा संगीतमयी प्रस्तुति।
  • पुणे के गायक-संगीतकार रफ़ीक़ शेख द्वारा कविता-गायन
  • 2008-09 के संगीत-सत्र के पुरस्कारों का वितरण

अपनी उपस्थिति सुनिश्चत करें।

निवेदक-
सजीव सारथी
संपादक, आवाज़
हिन्द-युग्म
9871123997
sajeevsarathie@gmail.com

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AVADH का कहना है कि -

हिंद युग्म का यह प्रयास वास्तव में स्तुत्य है. वैसे तो मेरा लगभग हर माह दिल्ली जाना होता है पर संयोगवश इधर एक महीने से कोई चक्कर नहीं लगा है.अगर विश्व पुस्तक मेले की अवधि में दिल्ली जाना हो सका तो अवश्य आवाज़ के स्टाल पर पहुँचने में अत्यंत हर्ष होगा.
कृपया ऐसे ही हम सब का आनंद वर्धन करते रहिये.
आभार सहित
अवध लाल

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