रेडियो प्लेबैक वार्षिक टॉप टेन - क्रिसमस और नव वर्ष की शुभकामनाओं सहित


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प्लेबैक की टीम और श्रोताओं द्वारा चुने गए वर्ष के टॉप १० गीतों को सुनिए एक के बाद एक. इन गीतों के आलावा भी कुछ गीतों का जिक्र जरूरी है, जो इन टॉप १० गीतों को जबरदस्त टक्कर देने में कामियाब रहे. ये हैं - "धिन का चिका (रेड्डी)", "ऊह ला ला (द डर्टी पिक्चर)", "छम्मक छल्लो (आर ए वन)", "हर घर के कोने में (मेमोरीस इन मार्च)", "चढा दे रंग (यमला पगला दीवाना)", "बोझिल से (आई ऍम)", "लाईफ बहुत सिंपल है (स्टैनले का डब्बा)", और "फकीरा (साउंड ट्रेक)". इन सभी गीतों के रचनाकारों को भी प्लेबैक इंडिया की बधाईयां

Tuesday, April 29, 2008

अनुपमा चौहान का साक्षात्कार (Interview of Anupama Chauhan)



धीरे-धीरे हिन्द-युग्म की आवाज़ें रेडियो के श्रोताओं तक भी पहुँचने लगी हैं। रेडियो सलाम नमस्ते से जुड़े श्री आदित्य प्रकाश जी ने जब युग्म के युवा कवि निखिल आनंद गिरि का काव्य-पाठ बजाया तो बहुत से श्रोताओं ने उन्हें बधाइयाँ दी। इसी का परिणाम है कि कल यानी 28 अप्रैल 2008 की सुबह डैलास, अमेरिका के एफ॰एम॰ रेडियो चैनल 'रेडियो सलाम नमस्ते' पर कवितांजलि कार्यक्रम के दरम्यान श्री आदित्य प्रकाश ने हिन्द-युग्म की युवा कवयित्री अनुपमा चौहान से भी बात की, उनके विचार जाने। अनुपमा जी ने अपने एक गीत 'नाता' को पूरे सुर में गाकर भी सुनाया। इंटरनेट कनैक्शन में आये क्षणिक व्यवधान के कारण पूरे साक्षात्कार में लगभग १५ सेकेण्ड की रिकार्डिंग छूट गई है। आप सुनें और ज़रूर बतायें कि कैसा लगा?

नीचे ले प्लेयर से सुनें.

(प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।)



यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें)




VBR MP364Kbps MP3Ogg Vorbis


Kavya-path of Anupama Chauhan on Radio Salaam Namaste

नाता का उच्च गुणवत्ता का पॉडकास्ट यहाँ भी सुना जा सकता है।

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5 श्रोताओं का कहना है :

शोभा का कहना है कि -

अनुपमा जी
बहुत-बहुत बधाई। आपकी आवाज़ को रेडियो पर सुनना सुखद लगा।

Udan Tashtari का कहना है कि -

बहुत बधाई. बढ़िया रहा आपको सुनना.

तपन शर्मा का कहना है कि -

अनुपमा जी, आपकी आवाज़ अमरीका तक पहुँची और हमने सुनी, बहुत अच्छा लगा।

अवनीश एस तिवारी का कहना है कि -

अनुपमा के माध्यम से युग्म फ़िर से गुंजा |
सभी को बधाई |


-- अवनीश

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

अनुपमा जी के नामानुसार
अनुपम है आवाज भी
अमेरिका में गूँज उठा है
हिन्द-युग्म का साज भी
इससे पहने निखिल भाई ने
मन मोहा श्रोताओं का
डलास शहर से तार जुड़ गया
हिन्द-युग्म के गाँव का
- बहुत बहुत बधाई अनुपमा जी को और
आदित्य जी को जो सुदूर में जुटे हैं हिन्दी के
प्रचार और प्रसार में..

जय हिन्द- जय हिन्दी

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