हिन्द-युग्म बहुत समय से ऐसा विचार कर रहा था कि कहानी-कलश का पॉडकास्ट करे साथ ही साथ महान कहानीकारों की कहानियों का पॉडकास्ट करे। हिन्द-युग्म के दमदार आवाज़ विकास कुमार ने महान कथाओं को पॉडकास्ट का काम 'सुनो कहानी' पर शुरू भी कर दिया है।
आज हम इसी दिशा में अगली कोशिश कहानी-कलश की कहानी का पॉडकास्ट प्रसारित करके कर रहे हैं। पहली कहानी है वरिष्ठ कथाकार सूरज प्रकाश की कहानी 'दो जीवन समांतर'। जिसे आवाज़ दिया है श्रीकांत मिश्र 'कांत' और शोभा महेन्द्रू ने। मज़ेदार बात यह है हमने यह ऑडियो भी इंटरनेट के कमाल से बनाया है। जीटॉक पर ही पूरा अभिनय हुआ है। श्रीकांत मिश्र 'कांत' ने चंडीगढ़ से तो शोभा महेन्द्रू ने फ़रीदाबाद से अपनी आवाज़ दी है।
(परिचय स्वर- श्वेता मिश्र)
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18 श्रोताओं का कहना है :
क्या कहूँ समझ नहीं आ रहा है। एक और क्षेत्र में युग्म ने कदम रख लिया है। बधाई स्वीकारें।
मैं दाद देता हूँ श्रीकांत जी, शोभा जी और जो भी "आवाज़" के लिये काम कर रहे हैं। इंटरनेट को माध्यम बना कर पूरी रिकार्डिंग करना कोई आसान काम नहीं है। मैंने तो सोचा भी न था। मैं आप लोगों को बधाई देता हूँ और ये उम्मीद करता हूँ कि ये कार्य और आगे बढ़ेगा।
धन्यवाद
तपन शर्मा
बहुत बहुत बधाई श्रीकांतजी , शोभाजी और श्वेता को .सूरज जी की खूबसूरत कहानी को आप ने बहुत सुंदर आवाज़ दी है और बहुत अच्छे तरीके से इसको पेश किया है .यह हिंद युग्म की एक और बहुत बड़ी उपलब्धि है
इसको यूं सुनना बहुत ही अच्छा लगा .धन्यवाद
.!!
बहुत बढ़िया कहानी...वो भूली दास्तां फिर याद आ गई!
सभी कलाकारों ने बढ़िया प्रस्तुती दी, मानों विविध भारती पर कोई रेडियो नाटक सुन रहे हों।
bahut sundar prayaas ..bahut hi achcha lagaa yun kahani sun na..shrikant ji,shobha ji ,aur shevetaa ji ke saath hindi yugm ko bhi bahut badhaayi,bas kahin kahin श की जगह स का उच्चारण akhar rahaa thaa,is baat ko kripyaa aalochnaa ke ruup me na len.kahaani sunvaane ka bahut aabhaar
अच्छा प्रयास है और कहानी के बारे में तो येकहा ही जाता है कि उसे पढ़ना रोचक होता है सुनने से ज्यादा । अच्छा प्रयास है । श्रीकांत मिश्र कांत ने गज़ब का अभिनय किया है स्वर से उन्होंने कहानी को साकार कर दिया है । कहीं से भी नहीं लगा कि कोई कहानी को पढ़ रहा है । विविध भारती के हवा महल की याद दिला दी उन्होंनें । शोभा महेन्दु जी जरूर उनके मुकाबले कमजोर रही हैं ऐसा लगा कि वो पढ़ कर ही बोल रहीं हैं वे स्वर से अभिनय नहीं कर पाईं जैसा कमाल श्रीकांत कर गए हैं । फिर भी मेरी बधाई मैंने पूरी कहानी सुनी और फिर सूरज प्रकाश जी तो अपने आप में कहानी का स्कूल हैं उनको मेरा प्रणाम कहियेगा । कहानी पर कुछ भी लिखना सूरज को दीपक दिखाने के समान होगा । मेरी बधाई सभी को ।
हिन्दयुग्म के "आवाज" की पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई. सूरजप्रकाश जी की ’दो जीवन समान्तर’ का श्रीकान्त जी एवं शोभाजी के द्वारा टेलीफोनिक मञ्चन सुनकर अभिभूत हो गया. कहानी तो लाजवाब है हीं, साथ ही इसको मंचित करने वाले पात्रों का स्वर भी अद्भुत है. विशेषतया श्रीकान्तजी की आवाज ने तो जादू ही कर दिया.
आशा है आगे और भी सुनने को मिलता रहेगा.
पुनः,वाग्धनी श्रीकान्तजी एवं शोभा जी के द्वारा "जी-टॉक" के माध्यम से चंडीगढ़ एवं फिरोजाबाद की दूरी को मिटाकर इतनी अच्छी प्रस्तुति देने के लिए कोटिशः हार्दिक बधाइयाँ......
बेहतरीन.
इनकी एमपी3 फ़ाइल की डाउनलोड कड़ियाँ भी दिया करें ताकि इसे डाउनलोड कर चलते फिरते कहीं पर भी अपने पोर्टेबल एमपी3 प्लेयर पर सुना जा सके.
आदरनीय रवि जी,
हम इस mp3 फ़ाइल को http://hindyugm.lifelogger.com पर अपलोड कर रहे हैं, जहाँ डाऊनलोडिंग का विकल्प काम नहीं कर रहा है। पहले जब हम पॉडकास्ट पर अपलोड करते थे तो आसानी से डाऊनलोड हो जाता था, लेकिन शायद उनकी बैंडविथ बहुत कम थी, हमेशा स्लो बफ़रिंग होती थी। अब या तो दोनों जगह अपलोड करें याट कोई दूसरा रास्ता खोजें (दोनों जगह अपलोड करना एक तरह से समय और ऊर्जा का अतिरिक्त खर्च है)। आप कोई बढ़िया विकल्प बतायें।
इस सुंदर प्रयास के लिए बधाई, श्रीकांत जी और शोभा जी को, पर अभी expressions में सुधार की और गुंजाइश है, दोनों पात्रों के लिए कह रहा हूँ, श्रीकांत जी जब आप अपनी पत्नी का जिक्र करते हैं तब भाव बिल्कुल लुप्त हो जाते हैं, वैसे एक आध जगहों को छोड़ दिया जाए पर आपने कमान अच्छी संभाली है, शोभा जी आपको भी agli बार और बेहतरी की उम्मीद रहेगी
सूरज जी कहानी तो हम सब पहले ही पढ़ चुके हैं, सुनकर और भी आनंद आया, अब यह सिलसिला रुकना नही चाहिए
आज फिर से बहुत खुशी का दिन है हमारे सब के प्यारे हिन्दयुग्म ने एक और प्रगति की है। सबकॊ बधाई।
लेकिन रवि जी,
esnip पर भी सेम प्रोब्लम है, जितनी इज़ी वफ़रिंग लाइफ़लॉगर में है, उतनी अच्छी यहाँ नहीं है। हमें शायद इसे कहीं और अपलोड करके डाऊनलोड का विकल्प देना होगा।
कमाल हो गया जी..
वन्डरफुल..
अब पहले कानों को ईर्ष्या होती थी आखों से क्यूँकि प्यारी प्यारी कहानी आँखें पढती थीं दिल के लिये
आज आखें इतराकर कह लो या जलन से बन्द हैं और कान के जरिये हो रहा है कहानी का पदार्पण दिल की दहलीज में..
शायद आँखें बन्द हों इसी खीज में..
मज़ा आ गया..
बहुत बहुत बधाई
आँखों को मिली राहत
कानो की आयी शामत..
ओ हो .. मेरा मतलव कान बहुत दिनो से निठल्ले बैठे थे ना अब काम करना पडेगा.
एक माइक लटकाना पडेगा.
कहानी को साथ साथ सुनते हुए दिल को भी सुनाना पडेगा..
बहुत बहुत बधाई..
बहुत खूब । बधाई । शुभकामनाएं ।
वाह बहुत अच्छा लगा सूरज प्रकाश की कहानी को इस तरह सुनना,दोनों सहभागियों की आवाजें बहुत साफ हैं सो कहानी की रिंकार्डिंग अच्छी की है आप लोगों ने , दानों गीत भी सुने मैंने ,बहुत अच्छा काम कर रहे हैं आप लोग, सूर्यबाला की एक कहानी है ,सुनन्दा छोकरी की डायरी, इसे भी आप इसी तरह सुनवा सकें तो अच्छा हो। कुछ अपने लिखे गीत भेजने को सोच रहा हूं आपलोगों को।
बधाई स्वीकारें। इंटरनेट को माध्यम बना कर पूरी रिकार्डिंग करना कोई आसान काम नहीं है। क्या कहूँ समझ नहीं आ रहा है। मैं दाद देता हूँ श्रीकांत जी, शोभा जी और जो भी "आवाज़" के लिये काम कर रहे हैं। युग्म ने कदम रख लिया है। मैं आप लोगों को बधाई देता हूँ और ये उम्मीद करता हूँ कि ये कार्य और आगे बढ़ेगा।
धन्यवाद
आप और आपके परिवार को नव-वर्ष की ढेरों सारी शुभकामना,और बधाई.
Hindi Sagar
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति है.
मैं तो जैसे सुनते सुनते कहानी में ही खो ही गयी.
बहुत -बहुत बधाई.
aaj achanak hind yugam par meri najar padi ,to me aashchry or khushii dono se yukt ho gaee
shiree kant ji va shobha ji ki aavaj me dubkar raha gaee ,bahut sunadar pryas hai .aapko badhaee svikar ho hamari
or yu hi shaphalta ke aayam chhute rahe shada
shubh kamna hai hamari
aruna
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