रेडियो प्लेबैक वार्षिक टॉप टेन - क्रिसमस और नव वर्ष की शुभकामनाओं सहित


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प्लेबैक की टीम और श्रोताओं द्वारा चुने गए वर्ष के टॉप १० गीतों को सुनिए एक के बाद एक. इन गीतों के आलावा भी कुछ गीतों का जिक्र जरूरी है, जो इन टॉप १० गीतों को जबरदस्त टक्कर देने में कामियाब रहे. ये हैं - "धिन का चिका (रेड्डी)", "ऊह ला ला (द डर्टी पिक्चर)", "छम्मक छल्लो (आर ए वन)", "हर घर के कोने में (मेमोरीस इन मार्च)", "चढा दे रंग (यमला पगला दीवाना)", "बोझिल से (आई ऍम)", "लाईफ बहुत सिंपल है (स्टैनले का डब्बा)", और "फकीरा (साउंड ट्रेक)". इन सभी गीतों के रचनाकारों को भी प्लेबैक इंडिया की बधाईयां

Tuesday, December 4, 2007

सुबह की ताज़गी हो (Subah ki Tazagi ho)



हिन्द-युग्म दिसम्बर के अंत तक ८ गीतों का एक संगीत अल्बम पूरा कर लेना चाहता है। इस दिशा में युग्म ने पहला प्रयास किया है। हिन्द-युग्म का पहला संगीतबद्ध गीत 'सुबह की ताज़गी हो' (सुबोध साठे द्वारा गाया हुआ, ऋषि एस॰ बालाजी द्वारा संगीतबद्ध तथा सजीव सारथी द्वारा रचित) २७ अक्टूबर को लॉन्च किया गया था। पूरा विवरण और टिप्पणियाँ यहाँ प्रकाशित हैं।

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कवि- सजीव सारथी
स्वर- सुबोध साठे
संगीत-ऋषि एस॰ बालाजी
अक्षर- सुबह की ताज़गी
स्रोत- हिन्द-युग्म

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शोभा का कहना है कि -

सजीव जी, सुबोध जी एवं ऋषि जी
आप लोगों की मेहनत सफल हुई है । बधाई स्वीकारें

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