रेडियो प्लेबैक वार्षिक टॉप टेन - क्रिसमस और नव वर्ष की शुभकामनाओं सहित


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प्लेबैक की टीम और श्रोताओं द्वारा चुने गए वर्ष के टॉप १० गीतों को सुनिए एक के बाद एक. इन गीतों के आलावा भी कुछ गीतों का जिक्र जरूरी है, जो इन टॉप १० गीतों को जबरदस्त टक्कर देने में कामियाब रहे. ये हैं - "धिन का चिका (रेड्डी)", "ऊह ला ला (द डर्टी पिक्चर)", "छम्मक छल्लो (आर ए वन)", "हर घर के कोने में (मेमोरीस इन मार्च)", "चढा दे रंग (यमला पगला दीवाना)", "बोझिल से (आई ऍम)", "लाईफ बहुत सिंपल है (स्टैनले का डब्बा)", और "फकीरा (साउंड ट्रेक)". इन सभी गीतों के रचनाकारों को भी प्लेबैक इंडिया की बधाईयां

Wednesday, August 27, 2008

मिटटी के गीत ( २ ), लोक गीतों की अनमोल धरोहर संभाले हैं - ये संगीत युगल



लोक गीतों की बात चल रही है, और हम है आसाम की हरियाली वादियों में, जुबीन की मधुर आवाज़ में हम सुन चुके हैं ये भोरगीत, आसाम के लोकगीतों को मुख्यता दो प्रकारों में बांटा जा सकता है. कमरुपिया और गुवाल्पोरिया, आज हम आपको सुनाते हैं एक कमरुपिया लोक गीत, आवाजें हैं आसाम के बेहद मशहूर लोकगीत गायक दम्पति, रामेश्वर पाठक और धनादा पाठक की,

This perfect couple continued making waves with their magnificent renderings of the folk tunes in never before styles. Dhanada Pathak originally comes from a culturally enlightened family of Barpeta who owned a Jatra party in their home called "The Rowly Opera". Her elder brothers were actively associated with the opera in many ways. They acted, sang, played instruments like the dotora, flute and others and initiated the functioning of the opera. So when she got married to Sri Rameshwar Pathak, their association nourished their individual dreams that had by the time taken an united shape. Today, for the masses, Rameshwar Pathak and Dhanada Pathak are among those few people of the state who are considered as doyens of Assamese folk music. With a number of gramophone records and over a hundred and fifty audio cassettes under their belt, they are the people who presented Assamese lokageet (folk songs) in duet and chorus style for the very first time, and in that way they can be called pioneers in the field.


Awarded with the Sangeet Natak Akademi award in the year 1997, Rameshwar Pathak was selected for the Artist’s pension of the state government the same year.

A couple who have contributed richly towards the development of Assamese folk music, and who has shared the stage with legendary artistes like Manna Dey, Shyamal Mitra, Purna Das, Arati Mukherji and others, Assam and the Assamese people owe a lot to them.

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इन लोक गीतों में, दुतारा ( चार तारों का एक क्षेत्रीय गिटार ), डोगोर ( बड़े कटोरे के आकर का वाध्य ), ताल, और कभी कभी एकतारा और अन्य सहायक वाध्य, गीत को सजाने के लिए इस्तेमाल होते हैं. गीत के भाव अक्सर भक्ति रस में डूबे होते हैं ये वो गीत होते हैं जो कई पुरखों से इन क्षेत्रों में ईश्वर की आराधना के लिए गाये जाते रहें हैं.

सुनिए और इस भाव में डूब जाइए, यकीं मानिये ये लोक गीत आपके दिल को छू जाएगा.



You can download the song from the below link -

यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें)




VBR MP364Kbps MP3Ogg Vorbis





गीत व जानकारी साभार - सत्यजीत बरोह

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5 श्रोताओं का कहना है :

दीपाली का कहना है कि -

बहुत अच्छा लगा.धुन बड़ी अच्छी लगी बाकि शब्द तो समझ में नही आते फिर भी इसके विषय में जो जानकारी उपलब्ध करायी है वो भी अच्छी है.

Dr. Gautam Roy का कहना है कि -

Hello,
Can you please provide us the Assamese songs of Padmabhusan Manna Dey for his complete Archive? You can visit the site: www.mannadey.in for more information.

Dr. Gautam Roy
Secretary,
Manna Dey Sangeet Academy

तपन शर्मा का कहना है कि -

आपने कहा कि दिल को छू जायेगा.. मैं कहता हूँ आत्मा को छू गया ये गीत.. शाम को सुना था.. तब से अब तक तीन बार तो सुन ही चुका हूँ...बहुत सुकून है इस गीत में..
हिन्दयुग्म को धन्यवाद..

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

बहुत ही सुंदर प्रस्तुतिकरण। संगीत के ज़ादू में खो जाता है मन। बार-बार सुनने योग्य

rajdeep pathak का कहना है कि -

rameswar pathak & dhanada pathak... they are my parents.. thanx for involving them in such an wonderful community.....

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