रेडियो प्लेबैक वार्षिक टॉप टेन - क्रिसमस और नव वर्ष की शुभकामनाओं सहित
प्लेबैक की टीम और श्रोताओं द्वारा चुने गए वर्ष के टॉप १० गीतों को सुनिए एक के बाद एक. इन गीतों के आलावा भी कुछ गीतों का जिक्र जरूरी है, जो इन टॉप १० गीतों को जबरदस्त टक्कर देने में कामियाब रहे. ये हैं - "धिन का चिका (रेड्डी)", "ऊह ला ला (द डर्टी पिक्चर)", "छम्मक छल्लो (आर ए वन)", "हर घर के कोने में (मेमोरीस इन मार्च)", "चढा दे रंग (यमला पगला दीवाना)", "बोझिल से (आई ऍम)", "लाईफ बहुत सिंपल है (स्टैनले का डब्बा)", और "फकीरा (साउंड ट्रेक)". इन सभी गीतों के रचनाकारों को भी प्लेबैक इंडिया की बधाईयां
लीजिए हम एक बार पुनः हाज़िर हैं पॉडकास्ट कवि सम्मेलन का नया अंक लेकर। पॉडकास्ट कवि सम्मेलन भौगौलिक दूरियाँ कम करने का माध्यम है। पिछले महीने शुरू हुए इस आयोजन को मिली कामयाबी ने हमें दूसरी बार करने का दमखम दिया। पिछली बार के संचालन से हमारी एक श्रोता मृदुल कीर्ति बिल्कुल संतुष्ट नहीं थीं, उन्होंने हमसे संचालन करने का अवसर माँगा, हमने खुशी-खुशी उन्हें यह कार्य सौंपा और जो उत्पाद निकलकर आया, वो आपके सामने हैं। इस बार के पॉडकास्ट कवि सम्मेलन ने ग़ाज़ियाबाद से कमलप्रीत सिंह, धनवाद से पारूल, फ़रीदाबाद से शोभा महेन्द्रू, पिट्सबर्ग से अनुराग शर्मा, म॰प्र॰ से प्रदीप मानोरिया, पुणे से पीयूष के मिश्रा तथा अमेरिका से ही मृदुल कीर्ति को युग्मित किया है। इनके अतिरिक्त शिवानी सिंह और नीरा राजपाल की भी रिकॉर्डिंग प्राप्त हुई लेकिन एम्पलीफिकेशन के बावज़ूद स्वर बहुत धीमा रहा, इसलिए हम इन्हें शामिल न कर सके, जिसका हमें दुःख है।
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हम सभी कवियों से यह गुज़ारिश करते हैं कि अपनी आवाज़ में अपनी कविता/कविताएँ रिकॉर्ड करके podcast.hindyugm@gmail.com पर भेजें। आपकी ऑनलाइन न रहने की स्थिति में भी हम आपकी आवाज़ का समुचित इस्तेमाल करने की कोशिश करेंगे।
मृदुल कीर्ति जी, बहुत सुन्दर रूप में कवि सम्मेलन प्रस्तुत किया है आपने। आपकी प्रस्तुति बहुत प्रभावी है। वाह राजीव जी, पारूल जी की कविता जितनी सुन्दर है उनकी आवाज़ उससे भी अधिक मधुर। आनन्द आगया। पीयूष जी, वाह बहुत बढ़िया । जो आनन्द प्राप्त हुआ है उसे शब्दों में बाँध पाना शायद सम्भव नहीं । बहुत खूब कीर्ति जी मेरा नाम रितु बंसल नहीं शोभा महेन्द्रू है। आपने शायद ठीक से देखा नहीं। अनुराग जी, बहुत सुन्दर कविता पढ़ी है आपने। आभार कमल प्रीत जी आपकी कविता विचार तंद्रा बहुत अच्छी लगी। प्रस्तुति भी प्रभावी रही। प्रदीप जी, आपकी गज़ल बहुत अच्छी लगी । हिन्द युग्म को इस कवि सम्मेलन के लिए बधाई । अगली बार कुछ और कविताओं और नए कवियों की प्रतीक्षा रहेगी। सस्नेह
वाह मृदुल जी ने इस प्रयास में जान डाल दी है, पारुल जी की मधुर आवाज़ में कमाल की ग़ज़ल सुनने को मिली, कवितायें सभी अच्छी लगी, पर संचालन सबसे बढ़िया लगा, उम्मीद करता हूँ कि आने वाले एपिसोड्स में कवियों कि संख्या बढेगी...और हम और बेहतर कर पाएंगे
अति सुंदर! सभी कवियों का काव्य पाठ सुनकर मज़ा आया. विश्व के अलग-अलग कोने में बैठे कवियों को एक साथ प्रस्तुत करने का यह अनूठा प्रयास सचमुच सराहनीय है. कवियों, संचालक और हिंद-युग्म को हार्दिक धन्यवाद!
प्रस्तुति पसंद आई। पारूल जी ने अपनी कविता जिस तरह से पढ़ी है, उसने तो मन को बाँध लिया, मैंने पारूल जी का काव्य-पाठ कई बार सुना। सभी कवियों ने अपनी-अपनी कविताओं में जान फूँकी। इतना पड़ा पाठक वर्ग होने के बावज़ूद, इतनी कम कविताओं का आना सोचने पर विवश करता है। जल्द ही रिकॉर्ड करने के आसान तरीके के बारे में लिखूँगा।
sabhi mitron ko sun naa bahut munbhaayaa...niyantrak mahoday se ek vinti...mai dhanbaad se nahi balki bokaro se huun...kripya isey sahi kar den..aabhaar
१ जनवरी - आज के कलाकार - नाना पाटेकर, सोनाली बेन्द्रे और कविता कृष्णमूर्ति - जन्मदिन मुबारक
नए साल के जश्न के साथ साथ आज तीन हिंदी फिल्म जगत के सितारे अपना जन्मदिन मन रहे हैं.ये नाना पाटेकर,सोनाली बेंद्रे और गायिक कविता कृष्णमूर्ति.
नाना पाटेकर उर्फ विश्वनाथ पाटेकर का जन्म १९५१ में हुआ था.नाना पाटेकर का नाम उन अभिनेताओं की सूची में दर्ज है जिन्होंने अभिनय की अपनी विधा स्वयं बनायी.गंभीर और संवेदनशील अभिनेता नाना पाटेकर ने यूं तो अपने फिल्मी कैरियर की शुरूआत १९७८ में गमन से की थी,पर अंकुश में व्यवस्था से जूझते युवक की भूमिका ने उन्हें दर्शकों के बीच व्यापक पहचान दिलायी.समानांतर फिल्मों में दर्शकों को अपने बेहतरीन अभिनय से प्रभावित करने वाले नाना पाटेकर ने धीरे-धीरे मुख्य धारा की फिल्मों की ओर रूख किया.क्रांतिवीर और तिरंगा जैसी फिल्मों में केंद्रीय भूमिका निभाकर उन्होंने समकालीन अभिनेताओं को चुनौती दी.फिल्म क्रांतिवीर के लिए उन्हें १९९५ में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरष्कार मिला था.इस पुरष्कार को उन्होंने तीन बार प्राप्त करा.पहली बार फिल्म परिंदा के लिए १९९० में सपोर्टिंग एक्टर का और फिर १९९७ में अग्निसाक्षी फिल्म के लिए १९९७ में सपोर्टिंग एक्टर का.४ बार उन्हें फिल्म फेयर अवार्ड भी मिला.एक एक बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सपोर्टिंग एक्टर का और दो बार सर्वश्रेष्ठ खलनायक का.
सोनाली बेंद्रे का जन्म १९७५ में हुआ.सोनाली बेंद्रे ने अपने करियर की शुरूआत १९९४ से की.दुबली-पतली और सुंदर चेहरे वाली सोनाली ज्यादातर फिल्मों में ग्लैमर गर्ल के रूप में नजर आई. प्रतिभाशाली होने के बावजूद सोनाली को बॉलीवुड में ज्यादा अवसर नहीं मिल पाए.सोनाली आमिर और शाहरूख खान जैसे सितारों की नायिका भी बनीं.उन्हें ११९४ में श्रेष्ठ नये कलाकार का फिल्मफेअर अवॉर्ड मिला.
सन १९५८ में जन्मी कविता कृष्णमूर्ति ने शुरुआत करी लता मंगेशकर के गानों को डब करके.हिंदी गानों को अपनी आवाज से उन्होंने एक नयी पहचान दी. उन्हें ४ बार सर्वश्रेष्ठ हिंदी गायिका का फिल्मफेयर पुरष्कार मिल चूका है. २००५ में उन्हें भारत सरकार से पद्मश्री सम्मान मिला.
इन तीनो को इन पर फिल्माए और गाये दस गानों के माध्यम से रेडियो प्लेबैक इंडिया के ओर से जन्मदिन की शुभकामनायें.
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बोलती कहानियाँ
बोलती कहानियाँ - टार्च बेचने वाले - हरिशंकर परसाई--आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार हरिशंकर परसाई की कहानी "टॉर्च बेचने वाले", जिसको स्वर दिया है अमित तिवारी ने।
जहाँ अंधकार है, वहीं प्रकाश है.प्रकाश बाहर नहीं है, उसे अंतर में खोजो.अंतर में बुझी उस ज्योति को जगाओ.
(हरिशंकर परसाई की "टार्च बेचने वाले" से एक अंश)
भारतीय शास्त्रीय संगीत - मोहन वीणा
पं. विश्वमोहन भट्ट ने गिटार इस स्वरुप में परिवर्तन कर इसे भारतीय संगीत वादन के अनुकूल बनाया.उन्होंने एक सामान्य गिटार में 6 तारों के स्थान पर 19 तारों का प्रयोग किया.यह अतिरिक्त तार 'तरब' और 'चिकारी' के हैं जिनका उपयोग स्वरों में अनुगूँज के लिए किया जाता है.आप सुनिए अमेरिकी गिटार वादक रे कूडर और पं. विश्वमोहन भट्ट की गिटार और मोहन वीणा पर जुगलबंदी और फिल्म दुनिया न माने के गाने में इस्तेमाल हुआ हवाइयन गिटार, पियानो तथा वायलिन के प्रयोग वाला गाना.
Radio Playback Artist of the month
रेडियो प्लेबैक की टीम के साथ के निरन ने अपने गायन और संगीत निर्देशन का सफर शुरू किया था. हाल ही में प्रदर्शित डेम 999 उनकी आवाज़ महकी है. सुनते हैं उनका बॉलीवुड डेब्यू गीत
महफ़िल-ए-ग़ज़ल
ये महीना है अजीम शायर असद अली खां उर्फ मिर्ज़ा ग़ालिब को याद करने का. १० मुक्तलिफ़ फनकारों ने अपने अपने अंदाज़ में ढाला गालिब को अपनी मौसिकी में, आईये करें अदब के इस शहंशाह को सलाम इन नायाब ग़ज़लों को सुनकर.
भजन सम्राट अनूप जलोटा - दस भजन
हिन्दी भजनों का जिक्र हो और अनूप जलोटा का नाम न आये ऐसा संभव ही नहीं है. हम आपके लिए लाये हैं भजन सम्राट अनूप जलोटा के गाये १० बेहतरीन भजन.
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10 श्रोताओं का कहना है :
मृदुल कीर्ति जी,
बहुत सुन्दर रूप में कवि सम्मेलन प्रस्तुत किया है आपने। आपकी प्रस्तुति बहुत प्रभावी है।
वाह राजीव जी,
पारूल जी की कविता जितनी सुन्दर है उनकी आवाज़ उससे भी अधिक मधुर। आनन्द आगया।
पीयूष जी,
वाह बहुत बढ़िया । जो आनन्द प्राप्त हुआ है उसे शब्दों में बाँध पाना शायद सम्भव नहीं । बहुत खूब
कीर्ति जी मेरा नाम रितु बंसल नहीं शोभा महेन्द्रू है। आपने शायद ठीक से देखा नहीं।
अनुराग जी,
बहुत सुन्दर कविता पढ़ी है आपने। आभार
कमल प्रीत जी
आपकी कविता विचार तंद्रा बहुत अच्छी लगी। प्रस्तुति भी प्रभावी रही।
प्रदीप जी,
आपकी गज़ल बहुत अच्छी लगी ।
हिन्द युग्म को इस कवि सम्मेलन के लिए बधाई । अगली बार कुछ और कविताओं और नए कवियों की प्रतीक्षा रहेगी। सस्नेह
युग्म के नियंत्रक से निवेदन है कि कवि सम्मेलन प्रकाशित करने से पहले कृपया सुन लिया करें और कवि का नाम सही बताएँ ।
वाह मृदुल जी ने इस प्रयास में जान डाल दी है, पारुल जी की मधुर आवाज़ में कमाल की ग़ज़ल सुनने को मिली, कवितायें सभी अच्छी लगी, पर संचालन सबसे बढ़िया लगा, उम्मीद करता हूँ कि आने वाले एपिसोड्स में कवियों कि संख्या बढेगी...और हम और बेहतर कर पाएंगे
अति सुंदर! सभी कवियों का काव्य पाठ सुनकर मज़ा आया. विश्व के अलग-अलग कोने में बैठे कवियों को एक साथ प्रस्तुत करने का यह अनूठा प्रयास सचमुच सराहनीय है. कवियों, संचालक और हिंद-युग्म को हार्दिक धन्यवाद!
Mridul G ,
Namskar !!!!!
Kavita ka sa swar kanth pathh achha laga
Appki prastuti dil ko chhu gaya.
प्रस्तुति पसंद आई। पारूल जी ने अपनी कविता जिस तरह से पढ़ी है, उसने तो मन को बाँध लिया, मैंने पारूल जी का काव्य-पाठ कई बार सुना। सभी कवियों ने अपनी-अपनी कविताओं में जान फूँकी। इतना पड़ा पाठक वर्ग होने के बावज़ूद, इतनी कम कविताओं का आना सोचने पर विवश करता है। जल्द ही रिकॉर्ड करने के आसान तरीके के बारे में लिखूँगा।
sabhi mitron ko sun naa bahut munbhaayaa...niyantrak mahoday se ek vinti...mai dhanbaad se nahi balki bokaro se huun...kripya isey sahi kar den..aabhaar
यह एक अत्यंत सुन्दर और सराहनीय प्रयास है; आप सभी को हार्दिक बधाई और धन्यवाद......
अनुराग शर्मा पारुल जी ऋतू किंतु वास्तव में शोभा महेन्द्रू जी सभी कवि और कवित्रियों की रचनाये अच्छी लगी . हिन्दयुग्म और सभी को बधाई
सचमुच सराहनीय है
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