रेडियो प्लेबैक वार्षिक टॉप टेन - क्रिसमस और नव वर्ष की शुभकामनाओं सहित


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प्लेबैक की टीम और श्रोताओं द्वारा चुने गए वर्ष के टॉप १० गीतों को सुनिए एक के बाद एक. इन गीतों के आलावा भी कुछ गीतों का जिक्र जरूरी है, जो इन टॉप १० गीतों को जबरदस्त टक्कर देने में कामियाब रहे. ये हैं - "धिन का चिका (रेड्डी)", "ऊह ला ला (द डर्टी पिक्चर)", "छम्मक छल्लो (आर ए वन)", "हर घर के कोने में (मेमोरीस इन मार्च)", "चढा दे रंग (यमला पगला दीवाना)", "बोझिल से (आई ऍम)", "लाईफ बहुत सिंपल है (स्टैनले का डब्बा)", और "फकीरा (साउंड ट्रेक)". इन सभी गीतों के रचनाकारों को भी प्लेबैक इंडिया की बधाईयां

Sunday, November 15, 2009

"ऑल इज वेल" है शांतनु-स्वानंद की जोड़ी के रचे "३ इडियट्स" के संगीत में



ताजा सुर ताल TST (35)

दोस्तो, ताजा सुर ताल यानी TST पर आपके लिए है एक ख़ास मौका और एक नयी चुनौती भी. TST के हर एपिसोड में आपके लिए होंगें तीन नए गीत. और हर गीत के बाद हम आपको देंगें एक ट्रिविया यानी हर एपिसोड में होंगें ३ ट्रिविया, हर ट्रिविया के सही जवाब देने वाले हर पहले श्रोता की मिलेंगें २ अंक. ये प्रतियोगिता दिसम्बर माह के दूसरे सप्ताह तक चलेगी, यानी 5 अक्टूबर से १४ दिसम्बर तक, यानी TST के ४० वें एपिसोड तक. जिसके समापन पर जिस श्रोता के होंगें सबसे अधिक अंक, वो चुनेगा आवाज़ की वार्षिक गीतमाला के 60 गीतों में से पहली 10 पायदानों पर बजने वाले गीत. इसके अलावा आवाज़ पर उस विजेता का एक ख़ास इंटरव्यू भी होगा जिसमें उनके संगीत और उनकी पसंद आदि पर विस्तार से चर्चा होगी. तो दोस्तों कमर कस लीजिये खेलने के लिए ये नया खेल- "कौन बनेगा TST ट्रिविया का सिकंदर"

TST ट्रिविया प्रतियोगिता में अब तक-

पिछले एपिसोड में, अब तो लगता है सीमा जी अकेली रनर रह गयी हैं, अब उन्हें चुनौती देना तो असंभव सा ही लग रहा है...


सजीव - सुजॉय, 'ताज़ा सुर ताल' में इस हफ़्ते हम चर्चा करेंगे विधु विनोद चोपड़ा की आनेवाली फ़िल्म '3 Idiots' का, और इस फ़िल्म के कुछ गीत भी सुनेंगे।

सुजॉय - मैने सुना है कि यह फ़िल्म चेतन भगत के उपन्यास Five Point Someone पर आधारित है, क्या यह सच है?

सजीव - मैने भी पहले पहले यही सुना था, लेकिन औपचारिक तौर पर शायद ऐसा नहीं है। हाल में जब इस फ़िल्म के निर्देशक राजकुमार हिरानी से यह सवाल किया गया था तो उन्होने साफ़ इंकार कर दिया था कि '3 Idiots' का Five Point Someone से कोई संबंध नहीं है। और जब यह सवाल चेतन भगत से किया गया तो उन्होने भी कहा कि वो इस फ़िल्म में किसी भी तरह से नहीं जुड़े, हालाँकि निर्माता ने उन्हे यह बताया है कि भले ही इस फ़िल्म की कहानी उनकी उपन्यास के प्लॊट से मिलती जुलती है लेकिन उनके उपन्यास से इस फ़िल्म का कोई संबध नहीं है।

सुजॉय - अच्छा तभी मैं कहूँ कि फ़िल्म की नामावली में कहानी के लिए राजकुमार हिरानी और अभिजात जोशी को क्यों क्रेडिट किया गया है। यह बात तो सच है कि चेतन भगत का नाम नामावली में कहीं नहीं आता।

सजीव - पता नहीं आमिर ख़ान, माधवन और शरमन जोशी के किरदारों के साथ हम Five Point Someone के आलोक गुप्ता, रियान ओबेरॊय और लेखक के किरदारों में कोई मेल ढ़ूंढ पाएँगे या नहीं, लेकिन मेरे ख़्याल से जिन लोगों ने भी Five Point Someone पढ़ी है, वो बार बार उन्ही चरित्रों को ढ़ूँढने की कोशिश करेंगे।

सुजॉय - इससे पहले भी चेतन भगत की एक और बेहद कामयाब उपन्यास One Night @ the Call Center को आधार बनाकर 'Hello' फ़िल्म बनाई गई थी, लेकिन फ़िल्म उतनी बुरी तरह से पिट गई जितनी उस उपन्यास को कामयाबी मिली थी। अब देखना है कि '3 Idiots' कुछ कमाल दिखाती है या उसकी भी 'Hello' जैसी हालत होती है।

सजीव - नहीं सुजॉय, मुझे लगता है कि यह फ़िल्म चलेगी, एक तो विधु विनोद चोपड़ा और राजकुमार हिरानी की जोड़ी, उपर से आमिर ख़ान भी जुड़े हैं इस फ़िल्म में। बोमन इरानी भी हैं, नायिका हैं करीना कपूर, गीत और संगीत स्वानंद किरकिरे और शांतनु मोइत्रा का, यानी कि लगभग पूरी की पूरी मुन्ना भाई वाली टीम, कुछ तो कमाल ज़रूर करेगी यह फ़िल्म!

सुजॉय - मैं भी चाहता हूँ कि यह एक अच्छी फ़िल्म के रूप में सामने आए, वैसे भी कोई अच्छी फ़िल्म देखे हुए एक अरसा सा हो गया है। और बताइए कि और क्या जानकारी है इस फ़िल्म के बारे में आपके पास?

सजीव - दो एक बातें और है, लेकिन उससे पहले इस फ़िल्म का एक गीत सुन लेते हैं, फिर आगे बातें करेंगे।

गीत: All is well



सुजॉय - सोनू निगम और शान की आवाज़ें बहुत दिनों के बाद किसी गीत में सुन कर अच्छा लगा, क्यों सजीव?

सजीव - हाँ, और साथ में स्वानंद किरकिरे की आवाज़ भी थी। क्योंकि फ़िल्म के तीनों किरदार कॊलेज स्टुडेंट्स हैं तो ज़ाहिर है कि गानों में भी आज की पीढ़ी को लुभाने वाली यूथ अपील होगी। एक और ख़ास बात देखिये इस गीत में....शांतनु ने सभी वाध्य "ट्रेश" सामानों से उठाये हैं, सुनकर आर डी बर्मन की याद आ गयी.

सुजॉय - स्वानंद और शांतनु बहुत चुनिंदा काम करते हैं और दूसरों से बहुत अलग हट कर काम करते हैं। और स्वानंद तो ख़ुद भी एक उम्दा गायक भी हैं। "बावरा मन देखने चला एक सपना" गीत को भला कौन भूल सकता है! अच्छा सजीव, आप '3 Idiots' से संबंधित कुछ और जानकारी देने वाले थे न?

सजीव - हाँ, यह फ़िल्म रिलीज़ होगी क्रीस्मस के दिन, यानी कि २५ दिसंबर को। और इस फ़िल्म में काजोल नज़र आएँगी एक स्पेशल अपीयरेंस में। अच्छा, अब एक और गीत सुनते हैं सोनू निगम और श्रेया घोषाल की आवाज़ों में। बोल हैं "ज़ूबी डूबी"। पहले गीत को सुनो और फिर बताओ कि इस गीत में तुम्हे कौन सी बात अच्छी लगी।

गीत: Zoobi Doobi



सुजॉय - शांतनु मोइत्र के संगीत की ख़ासीयत है कि पाश्चात्य संगीत और रीदम को भी बहुत ही सुरीले तरीके से वो पेश करते हैं। तुम्हे याद है कि नहीं मुझे नहीं मालूम लेकिन एक फ़िल्म आई थी 'खोया खोया चाँद'। उस फ़िल्म में शांतनु ने ५० और ६० के दशकों को जीवित कर दिया था। ख़ास कर सोनू निगम की आवाज़ में "ये निगाहें निगाहें झुकी झुकी" गीत की मुझे याद आ गई इस गीत को सुनते हुए। यह कोई साधारण युगल गीत नहीं है, बल्कि एक बहुत ही नए किस्म का रोमांस है इस गीत में। स्वानंद की पंच लाइन "जैसा फिल्मों में होता है..." कमाल है.

सजीव - हाँ, और कुछ कुछ 'लगे रहो मुन्ना भाई' के "पल पल पल हर पल" गीत से भी थोड़ा बहुत मिलता जुलता है। रीदम light western music पर आधारित है। सोनू और श्रेया ने जब भी युगल गीत गाए हैं वो हर बार मक़बूल हुए हैं, चाहे 'परिणिता' में "पिहू बोले" हो या "पल पल हर पल" हो, 'ख़ाकी' में "तेरी बाहों में हम जीते मरते रहे" हो या फिर 'फिर मिलेंगे' का "बेताब दिल है धड़कनों की क़सम", और 'क्रिश' फ़िल्म में तो कई गानें हैं इस जोड़ी के जिन्हे ख़ूब ख़ूब बजाया और सुना गया है।

सुजॉय - बिल्कुल सही बात कही आपने! चलिए जब सोनू निगम की बात चल ही रही है तो उनकी एकल आवाज़ में इस फ़िल्म का एक और गीत सुन लिया जाए, "जाने नहीं देंगे"।

गीत: जाने नहीं देंगे



सजीव - क्या गाया है सोनू ने इस गीत को। हाल के दिनों में जितने भी नए नए गायक उभरे हैं और उभर रहे हैं, उन सब से अभी भी बहुत आगे हैं पिछली पीढ़ी के गायक, और उन सब में सोनू निगम सब से आगे हैं। उनकी आवाज़ की जो रेंज है ना, कमाल है। इस गीत को सुन कर इसका भली भाँति अंदाज़ा लगाया जा सकता है।

सुजॉय - सही में, चाहे बहुत लो स्केल में ठहराव वाली जगह हो या फिर बहुत ऊँचा सुर लगाने की बात, सोनू को दोनों में महारथ हासिल है। और ख़ास कर इस गीत में तो उन्होने सही में अपना लोहा मनवाया है। और सजीव, इस फ़िल्म में मैने सुना है कि कुछ नई आवाज़ें भी सुनाई देंगी, क्या ख़याल है इस बारे में आपका?

सजीव - ठीक ही सुना है तुमने। अब हम ऐसे दो गीत सुनेंगे। पहला गीत जिसे गाया है सूरज जगन और शरमन जोशी ने, और दूसरा गीत है शान और शांतनु मोइत्र का गाया हुआ। ये दोनों गीत फ़िल्म की कहानी के अनुसार सिचुएशनल होंगे, जिनका मज़ा फ़िल्म को देखते हुए ही उठाया जा सकेगा।

सुजॉय - लेकिन कुल मिलाकर हम यह कह सकते हैं कि शांतनु मोइत्र और स्वानंद किरकिरे की तरफ़ से कुछ अलग और रिफ़्रेशिंग् गीत संगीत सुनने को मिलेगा, नहीं तो हम बस एक ही तरह के गानें सुन सुन कर ऊब गए हैं।

सजीव - ज़रूर! तो चलो, अब एक के बाद एक दो गीत सुनते हैं और इस चर्चा को यहीं समाप्त करते हैं।

गीत: Give me some sunshine



गीत: बहती हवा सा



और अब बारी है ट्रिविया की

TST ट्रिविया # 28- '3 Idiots' की शूटिंग्‍ कौन से IIM (Indian Institute of Management) में हुआ है और Five Point Someone उपन्यास किस शैक्षिक संस्थान से संबम्धित है?

TST ट्रिविया # 29- 'मैं हूँ ना', 'कौन है जो सपनों में आया', 'चेहरा' और 'मुस्कान' फ़िल्मों के साथ आप '3 Idiots' को किस तरीके से जोड़ सकते हैं?

TST ट्रिविया # 30- स्वानंद किरकिरे को आकाशवाणी के किस केन्द्र में 'युवावाणी' कार्यक्रम में भाग लेने का मौका मिला था?


३ इडियट्स अल्बम को आवाज़ रेटिंग ***1/2
फिल्म के अधिकतर गीत सिचुएशनल हैं. फिल्म के प्रदर्शन के बाद यदि फिल्म दर्शकों को पसंद आती है तो ये सभी गीत भी खूब सराहे जायेंगे, "आल इस वेल" और "जूबी डूबी" जल्दी ही लोगों को जुबान पर होंगें. "गीव मी सम सनसाईन" और "बहती हवा" बार बार सुने जाने पर और इनके प्रोमोस रीलिस होने पर अधिक पसंद किये जायेंगें, "जाने नहीं दूंगा तुझे..." लम्बे समय तक सोनू निगम की गायिकी के लिए याद किया जायेगा, और संगीत प्रतियोगिताओं ने नए गायक इसे गाकर खूब तालियाँ बटोरेंगें.

आवाज़ की टीम ने इस अल्बम को दी है अपनी रेटिंग. अब आप बताएं आपको ये गीत कैसे लगे? यदि आप समीक्षक होते तो प्रस्तुत अल्बम को 5 में से कितने अंक देते. कृपया ज़रूर बताएं आपकी वोटिंग हमारे सालाना संगीत चार्ट के निर्माण में बेहद मददगार साबित होगी.

शुभकामनाएँ....



अक्सर हम लोगों को कहते हुए सुनते हैं कि आजकल के गीतों में वो बात नहीं. "ताजा सुर ताल" शृंखला का उद्देश्य इसी भ्रम को तोड़ना है. आज भी बहुत बढ़िया और सार्थक संगीत बन रहा है, और ढेरों युवा संगीत योद्धा तमाम दबाबों में रहकर भी अच्छा संगीत रच रहे हैं, बस ज़रुरत है उन्हें ज़रा खंगालने की. हमारा दावा है कि हमारी इस शृंखला में प्रस्तुत गीतों को सुनकर पुराने संगीत के दीवाने श्रोता भी हमसे सहमत अवश्य होंगें, क्योंकि पुराना अगर "गोल्ड" है तो नए भी किसी कोहिनूर से कम नहीं. क्या आप को भी आजकल कोई ऐसा गीत भा रहा है, जो आपको लगता है इस आयोजन का हिस्सा बनना चाहिए तो हमें लिखे.

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2 श्रोताओं का कहना है :

विश्व दीपक का कहना है कि -

1) शूटिंग हुई IIM बंगलोर में..... कहानी है IIT दिल्ली की

श्याम सखा 'श्याम' का कहना है कि -

ठीक-ठीक

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