ईद के शुभ अवसर पर प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी 'ईदगाह' का प्रसारण
'सुनो कहानी' के सभी पाठकों को ईद की शुभकामनाएं!
इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में प्रेमचंद की कहानी 'अमृत' का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से ईद के शुभ अवसर पर हम लेकर आये हैं प्रेमचंद की कालजयी रचना ईदगाह, जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।
नीचे के प्लेयर से सुनें.
(प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।)
(Broadband कनैक्शन वालों के लिए)
(Dial-Up कनैक्शन वालों के लिए)
यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें)
VBR MP3 | 64Kbps MP3 | Ogg Vorbis |
आज भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं, तो यहाँ देखें।
#Sixth Story, Idgaah: Munsi Premchand/Hindi Audio Book/2008/07. Voice: Anuraag Sharma
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)
8 श्रोताओं का कहना है :
school me padhi thi au aaj id ke mubarak mauke pr ise sunvaane ka shukriya.
बचपन याद आ गया अनुराग भाई, जिस खूबसूरत अंदाज़ में आपने सुनाया है इसे आज, सच मज़ा आ गया, पार्श्व में बज रहा संगीत ईद की खुशियाँ दुगनी करता प्रतीत होता है, बहुत बहुत बधाई
अच्छा तोहफा है ईद का.
धन्यवाद!
main to bas abhi download kar raha hoon. aabhar aapka is janseva ke liye.
Maine bachpan main padhi thi ye amar kahani, aaj apne kids ko bhi sunwai, sabhi ko badi pasand aayi.
Aapki awaz aur andaj ne kahani ke sath poora nayyay kiya, thanks.
Sachmuch Munshi Premchand ek mahan writer they, jo apni amar kahaniyon ki wagah se aaj bhi jeevit hai.
-Mamohan
kaafi samay pahley padhi is kahaani ka naam bhool gayi thi ,apni bitiya ko" haamid ka chimta"naam se sunaati thi silsila kai saalon tak chalta raha ,asli naam tab yaad aaya jab bitiya ne apni kitab me us kahaani ko dikhaaya aur bataaya ,mummy us kahaani ka naam to "idgaah" hai.uski khushi dekhte hi banti thi. aaj kai barson baad is kahaani ko snkar phir se man dravit ho utha .premchand ne kitne hi dilon me apna ghar bana liya hai .aise insaan jo kalam ka sipaahi tha shat shat naman ek baar phir .
मुझे तो यह रचना इतनी अच्छी लगी कि अपने प्रयास के बच्चों को सुनाने का लोभ सवरण नहीं कर सकी | बच्चों ने भी इस कहानी का बहुत आनंद लिया |
क्या मैं भी अपनी आवाज में रचनाये भेज सकती हूँ ? इसकी प्रक्रिया है?बताने का कष्ट करें अनुराग भाई |
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)