रेडियो प्लेबैक वार्षिक टॉप टेन - क्रिसमस और नव वर्ष की शुभकामनाओं सहित
प्लेबैक की टीम और श्रोताओं द्वारा चुने गए वर्ष के टॉप १० गीतों को सुनिए एक के बाद एक. इन गीतों के आलावा भी कुछ गीतों का जिक्र जरूरी है, जो इन टॉप १० गीतों को जबरदस्त टक्कर देने में कामियाब रहे. ये हैं - "धिन का चिका (रेड्डी)", "ऊह ला ला (द डर्टी पिक्चर)", "छम्मक छल्लो (आर ए वन)", "हर घर के कोने में (मेमोरीस इन मार्च)", "चढा दे रंग (यमला पगला दीवाना)", "बोझिल से (आई ऍम)", "लाईफ बहुत सिंपल है (स्टैनले का डब्बा)", और "फकीरा (साउंड ट्रेक)". इन सभी गीतों के रचनाकारों को भी प्लेबैक इंडिया की बधाईयां
सप्ताह की संगीत सुर्खियाँ (10) "सांवरिया" मोंटी से है उम्मीदें संगीत जगत को
१६ साल की उम्र में लक्ष्मीकांत प्यारेलाल के की -बोर्ड वादक के रूप में फ़िल्म "मिस्टर इंडिया" से अपने संगीत कैरियर की शुरुआत करने वाले मोंटी शर्मा आजकल एक टी वी चैनल पर नए गायक/गायिकाओं के हुनर की समीक्षा करते हुए दिखाई देते हैं. फ़िल्म "देवदास" में उन्होंने इस्माईल दरबार को सहयोग दिया था. इसी फ़िल्म के दौरान दरबार और निर्देशक संजय लीला बंसाली के रिश्ते बिगड़ गए, तो संजय ने मोंटी से फ़िल्म का थीम म्यूजिक बनवाया और बकायादा क्रडिट भी दिया. संजय की फ़िल्म "ब्लैक" के बाद मोंटी को अपना जलवा दिखने का भरपूर मौका मिला फ़िल्म "सांवरिया" से. इस फ़िल्म के बाद मोंटी ने इंडस्ट्री में अपने कदम जोरदार तरीके से जमा लिए. पिछले साल उनकी फ़िल्म "हीरो" का गीत हमारे टॉप ५० में स्थान बनने में सफल हुआ था. अभी हाल ही में फ़िल्म "चमकू" में अपने काम के लिए उन्हें कलाकार सम्मान के लिए नामांकन मिला है. मोंटी की आने वाली फिल्में हैं दीपक तिजोरी निर्देशित "फॉक्स", सुभाष घई की "राइट और रोंग", अनुज शर्मा की "नौटी अट फोर्टी", और इसके आलावा "आज फ़िर जीने की तम्मना है" और "खुदा हाफिज़" (जिसमें उनका संगीत सूफियाना होगा) जैसी कुछ लीक से हटकर फिल्में भी हैं. जावेद अख्तर के साथ उनका गठबंधन होगा फ़िल्म "मिर्च" में. तो कहने का तात्पर्य है कि मोंटी अब इंडस्ट्री के व्यस्तम संगीतकारों में से एक हैं, और संगीत प्रेमी उनसे कुछ अलग, कुछ ख़ास किस्म के संगीत की, यकीनन उम्मीद कर सकते हैं. उनके संगीत में शास्त्रीय वाध्यों और आधुनिक संगीत का सुंदर मिश्रण सुनने को मिलता है, रियलिटी शोस में आए प्रतिभागियों से भी वे बेहद संतुष्ट नज़र आए. उनका वादा है कि वो जल्दी ही इन नए गायकों को अपनी फिल्मों में मौका देंगें. हम तो यही उम्मीद करेंगें कि उनके संगीत के माध्यम से हमें कुछ और नए और युवा कलाकारों की आवाजें भी सुनने को मिले. शुभकामनायें मोंटी को.
अनु मालिक बिंदास हैं - कैलाश खेर
"अल्लाह के बन्दे" ये गीत आज भी सुनने में उतना ही तारो ताज़ा, उतना ही जादू भरा लगता है, जितना तब था जब कैलाश खेर नाम के इस युवा गायक ने इसे गाकर सुनने वालों के दिलों में अपनी स्थायी जगह बना ली थी. बहुत थोड़े समय में ही कैलाश ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा लिया है. हाल ही में आई "दसविदानिया" से उनके दो गीत हमारे सालाना काउंट डाउन का हिस्सा बने थे, उनकी एल्बम "कैलाशा" भी खासी मशहूर हुई थी. अपने सूफियाना अंदाज़ से मंत्रमुग्ध करने वाले कैलाश सूफीवाद को एक रहस्य से भरा प्रेम मानते हैं जो आत्मा और परमात्मा का मिलन करवाता है. और अपनी आने वाली सूफी एल्बम को लेकर बहुत उत्साहित भी हैं, जिसके लिए हर बार की तरफ़ उन्होंने ख़ुद गीत रचे और संगीतबद्ध किए हैं. मोंटी की ही तरह वो भी एक अन्य चैनल में रियलिटी शो में समीक्षक हैं जहाँ उनके साथ हैं संगीतकार अनु मालिक, जिनके साथ अक्सर उनका वैचारिक मतभेद होते दर्शक देखते ही रहते हैं. अनु मालिक के बारे में पूछने पर कैलाश कहते हैं -"शुरू में मैं अनु मालिक को पसंद नही करता था यह सोचकर कि ये आदमी बहुत ज्यादा बोलता है. पर अब मुझे महसूस होता है कि वो एक बेहद गुणी संगीतकार हैं जो बहुत कम समय में धुन बनने में माहिर हैं, और इंसान भी दिलचस्प और बिंदास हैं.", अब हम क्या कहें कैलाश...आप ख़ुद समझदार हैं... माइकल जैक्सन अब अधिक नही जी पायेंगें
पश्चिमी संगीत के महारथी कहे जाने वाले माइकल जेक्सन इन दिनों बुरी तरह बीमार हैं और यदि एक वेबसाइट की बात पर यकीन करें तो वो ५ या ६ महीनों से अधिक जीवित नही रह पायेंगें. अश्वेत समुदाय से आकर भी रंग भेदी अमेरिका वासियों के दिलो पर बरसों बरस राज करने वाले माइकल का जीवन विवादों से भरपूर रहा. पर उनका संगीत आज भी पाश्चात्य संगीत की रीड है. इस बेहद अमीर संगीतकार की इस बिगड़ती हालत से दुनिया भर में फैले उनके चाहने वाले उदास और दुखी हैं. उनके प्रशंसक भारत में भी कम नही. मुंबई में हुआ उनका मशहूर शो आज तक याद किया जाता है. आवाज़ उम्मीद करता है कि वो जल्दी ही स्वास्थलाभ करें और फ़िर से संगीत के क्षेत्र में सक्रिय काम करें. सपनों से भरे नैना
पिछले सप्ताह से हम इस कड़ी में आपको सुनवा रहे हैं एक गीत जिसे "सप्ताह का गीत" चुना जाता है. आज सुनिए जावेद अख्तर साहब का लिखा एक बहुत ही खूबसूरत गीत. इस गीत के लाजवाब बोल ही इसकी सबसे बड़ी खासियत है. फरहान अख्तर और कोंकणा सेन शर्मा की प्रमुख भूमिका वाली इस नई फ़िल्म का नाम है "लक बाई चांस". पर इस फ़िल्म में सबसे अधिक पसंद किया जा रहा है पुरानी जोड़ी ऋषि कपूर और डिम्पल कपाडिया का काम. जावेद अख्तर की बेटी जोया अख्तर ने इस फ़िल्म से निर्देशन की दुनिया में अपना सशक्त कदम रखा है. यूँ तो फ़िल्म में जावेद साहब के लिखे सभी गीत बहुत सुंदर हैं और शंकर एहसान लोय की तिकडी ने पिछली फ़िल्म "रॉक ऑन" से एकदम अलग किस्म का संगीत रचा है इस फ़िल्म के लिए. सुनिए "सपनों से भरे नैना...", और जावेद साहब के शब्दों में छुपे रहस्यों को महसूस कीजिये शंकर महादेवन की गहरी आवाज़ में.
१ जनवरी - आज के कलाकार - नाना पाटेकर, सोनाली बेन्द्रे और कविता कृष्णमूर्ति - जन्मदिन मुबारक
नए साल के जश्न के साथ साथ आज तीन हिंदी फिल्म जगत के सितारे अपना जन्मदिन मन रहे हैं.ये नाना पाटेकर,सोनाली बेंद्रे और गायिक कविता कृष्णमूर्ति.
नाना पाटेकर उर्फ विश्वनाथ पाटेकर का जन्म १९५१ में हुआ था.नाना पाटेकर का नाम उन अभिनेताओं की सूची में दर्ज है जिन्होंने अभिनय की अपनी विधा स्वयं बनायी.गंभीर और संवेदनशील अभिनेता नाना पाटेकर ने यूं तो अपने फिल्मी कैरियर की शुरूआत १९७८ में गमन से की थी,पर अंकुश में व्यवस्था से जूझते युवक की भूमिका ने उन्हें दर्शकों के बीच व्यापक पहचान दिलायी.समानांतर फिल्मों में दर्शकों को अपने बेहतरीन अभिनय से प्रभावित करने वाले नाना पाटेकर ने धीरे-धीरे मुख्य धारा की फिल्मों की ओर रूख किया.क्रांतिवीर और तिरंगा जैसी फिल्मों में केंद्रीय भूमिका निभाकर उन्होंने समकालीन अभिनेताओं को चुनौती दी.फिल्म क्रांतिवीर के लिए उन्हें १९९५ में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरष्कार मिला था.इस पुरष्कार को उन्होंने तीन बार प्राप्त करा.पहली बार फिल्म परिंदा के लिए १९९० में सपोर्टिंग एक्टर का और फिर १९९७ में अग्निसाक्षी फिल्म के लिए १९९७ में सपोर्टिंग एक्टर का.४ बार उन्हें फिल्म फेयर अवार्ड भी मिला.एक एक बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सपोर्टिंग एक्टर का और दो बार सर्वश्रेष्ठ खलनायक का.
सोनाली बेंद्रे का जन्म १९७५ में हुआ.सोनाली बेंद्रे ने अपने करियर की शुरूआत १९९४ से की.दुबली-पतली और सुंदर चेहरे वाली सोनाली ज्यादातर फिल्मों में ग्लैमर गर्ल के रूप में नजर आई. प्रतिभाशाली होने के बावजूद सोनाली को बॉलीवुड में ज्यादा अवसर नहीं मिल पाए.सोनाली आमिर और शाहरूख खान जैसे सितारों की नायिका भी बनीं.उन्हें ११९४ में श्रेष्ठ नये कलाकार का फिल्मफेअर अवॉर्ड मिला.
सन १९५८ में जन्मी कविता कृष्णमूर्ति ने शुरुआत करी लता मंगेशकर के गानों को डब करके.हिंदी गानों को अपनी आवाज से उन्होंने एक नयी पहचान दी. उन्हें ४ बार सर्वश्रेष्ठ हिंदी गायिका का फिल्मफेयर पुरष्कार मिल चूका है. २००५ में उन्हें भारत सरकार से पद्मश्री सम्मान मिला.
इन तीनो को इन पर फिल्माए और गाये दस गानों के माध्यम से रेडियो प्लेबैक इंडिया के ओर से जन्मदिन की शुभकामनायें.
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बोलती कहानियाँ
बोलती कहानियाँ - टार्च बेचने वाले - हरिशंकर परसाई--आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार हरिशंकर परसाई की कहानी "टॉर्च बेचने वाले", जिसको स्वर दिया है अमित तिवारी ने।
जहाँ अंधकार है, वहीं प्रकाश है.प्रकाश बाहर नहीं है, उसे अंतर में खोजो.अंतर में बुझी उस ज्योति को जगाओ.
(हरिशंकर परसाई की "टार्च बेचने वाले" से एक अंश)
भारतीय शास्त्रीय संगीत - मोहन वीणा
पं. विश्वमोहन भट्ट ने गिटार इस स्वरुप में परिवर्तन कर इसे भारतीय संगीत वादन के अनुकूल बनाया.उन्होंने एक सामान्य गिटार में 6 तारों के स्थान पर 19 तारों का प्रयोग किया.यह अतिरिक्त तार 'तरब' और 'चिकारी' के हैं जिनका उपयोग स्वरों में अनुगूँज के लिए किया जाता है.आप सुनिए अमेरिकी गिटार वादक रे कूडर और पं. विश्वमोहन भट्ट की गिटार और मोहन वीणा पर जुगलबंदी और फिल्म दुनिया न माने के गाने में इस्तेमाल हुआ हवाइयन गिटार, पियानो तथा वायलिन के प्रयोग वाला गाना.
Radio Playback Artist of the month
रेडियो प्लेबैक की टीम के साथ के निरन ने अपने गायन और संगीत निर्देशन का सफर शुरू किया था. हाल ही में प्रदर्शित डेम 999 उनकी आवाज़ महकी है. सुनते हैं उनका बॉलीवुड डेब्यू गीत
महफ़िल-ए-ग़ज़ल
ये महीना है अजीम शायर असद अली खां उर्फ मिर्ज़ा ग़ालिब को याद करने का. १० मुक्तलिफ़ फनकारों ने अपने अपने अंदाज़ में ढाला गालिब को अपनी मौसिकी में, आईये करें अदब के इस शहंशाह को सलाम इन नायाब ग़ज़लों को सुनकर.
भजन सम्राट अनूप जलोटा - दस भजन
हिन्दी भजनों का जिक्र हो और अनूप जलोटा का नाम न आये ऐसा संभव ही नहीं है. हम आपके लिए लाये हैं भजन सम्राट अनूप जलोटा के गाये १० बेहतरीन भजन.
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2 श्रोताओं का कहना है :
सुन्दर और मीठा गाना सुनवाने के लिए शुक्रिया।
सजीव जी , आपने अच्छी जानकारी मुहैया कराई है। शुक्रिया।
-विश्व दीपक
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