रेडियो प्लेबैक वार्षिक टॉप टेन - क्रिसमस और नव वर्ष की शुभकामनाओं सहित


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प्लेबैक की टीम और श्रोताओं द्वारा चुने गए वर्ष के टॉप १० गीतों को सुनिए एक के बाद एक. इन गीतों के आलावा भी कुछ गीतों का जिक्र जरूरी है, जो इन टॉप १० गीतों को जबरदस्त टक्कर देने में कामियाब रहे. ये हैं - "धिन का चिका (रेड्डी)", "ऊह ला ला (द डर्टी पिक्चर)", "छम्मक छल्लो (आर ए वन)", "हर घर के कोने में (मेमोरीस इन मार्च)", "चढा दे रंग (यमला पगला दीवाना)", "बोझिल से (आई ऍम)", "लाईफ बहुत सिंपल है (स्टैनले का डब्बा)", और "फकीरा (साउंड ट्रेक)". इन सभी गीतों के रचनाकारों को भी प्लेबैक इंडिया की बधाईयां

Monday, January 5, 2009

लक्ष्य छोटे हों या बड़े, पूरे होने चाहिए- शैलेश भारतवासी



डैलास, अमेरिका के एफ॰एम॰ रेडियो चैनल 'रेडियो सलाम नमस्ते' को दिये गये अपने साक्षात्कार में हिन्द-युग्म के संस्थापक-नियंत्रक शैलेश भारतवासी ने कहा कि किसी व्यक्ति या संस्था की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि वह चाहे छोटे लक्ष्य बनायें या बड़े लक्ष्य बनाये, उसे पूरा करे। शैलेश रेडियो सलाम नमस्ते के हिन्दी कविता को समर्पित साप्ताहिक कार्यक्रम 'कवितांजलि' के २१ दिसम्बर के कार्यक्रम में टेलीफोनिक इंटरव्यू दे रहे थे। हमें वह रिकॉर्डिंग प्राप्त हो गई है। आप भी सुनें, शैलेश की बातें और उसके बाद रेडियो सलाम नमस्ते के श्रोताओं की बातें।




आदित्य प्रकाश
यह कार्यक्रम डैलास, अमेरिका में ही वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत हिन्दी सेवी आदित्य प्रकाश सिंह द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। आदित्य प्रकाश की आवाज़ सुनकर हर एक हिन्दी प्रेमी को हिन्दी के लिए कुछ कर गुजरने की ऊर्जा मिलती है। आदित्य प्रकाश सिंह अपने खर्चे से दुनिया भर के हिन्दी कर्मियों को अपने कवितांजलि कार्यक्रम से जोड़ते हैं। यहाँ तक कि स्टूडियो तक आने-जाने का खर्च भी ये ही उठाते हैं। मूल रूप से भारत में बिहार के रहनेवाले आदित्य प्रकाश कविताओं के शौक़ीन तो हैं ही, खुद एक कवि भी हैं। कभी इनके बारे में हम आवाज़ पर विस्तार से बातें करेंगे।


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10 श्रोताओं का कहना है :

डा प्रवीण चोपड़ा का कहना है कि -

अच्छा लगा । शुभकामनायें।

सजीव सारथी का कहना है कि -

बहुत बढ़िया लगा पूरा कार्यक्रम ...बधाई शैलेश ....

Pankaj Bhagat का कहना है कि -

लक्ष्य छोटे हो या बड़े पूरे होने चाहिए ,
क्या खूब कहा ,मज़ा आ गया !
बहुत शुभकामनाएं !

तपन शर्मा का कहना है कि -

शैलेश भाई.. कार्यक्रम सुनकर अच्छा लगा कि अमरीका के लोग भी हिन्दयुग्म के कार्यों की सराहना कर रहे हैं...
जिन्होंने फोन किया था कार्यक्रम के दौरान क्या ये वही रचना जी हैं जो यूनिकवि बनी हैं?

rachana का कहना है कि -

शैलेश जी आप बहुत अच्छा बोलते हैं हमने आप को रेडियो पर सुना तो बहुत अच्छा लगा था .
आप आगे बढ़ते रहें हम सभी आपके साथ है
तपन जी मै वही हूँ .बड़े हिंद युग्म मंच की एक छोटी कवियत्री .
सादर
रचना

kamal k singh,md का कहना है कि -

Shailesh jee,
podcast par meri abhibyakti aur geet'bideshiya ke baat' prasarit karane ke liye aapko dhanyabad dena chahunga. Main Hindyugm pratidin padhata hoon.Aapka karya bahut sarahanye hai.Main New York men ek Paediatrician hoon. swantah sukhay Hindi aur Bhojpuri dono men kavitayen likhata aur padhata hoon.Hind yugm se mera parichaya Aditya Prakash jee ne karaya. Hind yugm mere jaise pravasee Hindi premiyon ke liye ek bahut hee labhdayak aur manoranjak srot hai.
Hamaree hardik shubh kamanaye.
Kamal Kishore Singh, MD

manu का कहना है कि -

शैलेश जी से दास्ताने युग्म सुन कर बड़ा अच्छा लगा...
रचना जी , आपके ही अंदाज़ में आपकी आवाज को दस में से दस ..सौ में से सौ ...
हजार में से हजार नंबर दिए .....
और आदित्य जी मुझे लगता है के आपकी ज्यादा जरूरत भारत में है.....केवल कुछ इतराए हुए उद्घोषकों के कारण यहाँ के रेडियो से बहुत पहले नाता छोड़ चुका हूँ ...वरना कभी विविध भारती और विज्ञापन प्रसारण सेवा का फरमाइशी श्रोता हुआ करता था....आज आपके अंदाज़ ने रात दस बजे आने वाले "छाया गीत" की याद ताजा कर दी .............
यहाँ तो लोगों में रेडियो पर बोलने की कोमन सेंस तक नहीं ख़तम हो रही है....मैंने अपना ब्लॉग ही इसी भडास के साथ शुरू किया था....कभी समय हो तो सबसे पहली पोस्ट देखियेगा
www.manu-uvaach.blogspot.com

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

हिन्द-युग्म का प्रोत्साहन करने के लिए आप सभी का धन्यवाद।

Pratap का कहना है कि -

I met Mr Aditya Prakash ji , I was so imoressed with his knowldge of Indian culture sanskaars and Indian food values .he gave lecture in our Shri Ram Mandir . which was well appreciated by our devoties .

संत शर्मा का कहना है कि -

शैलेश जी, 'रेडियो सलाम नमस्ते' को दिए आपके साक्षात्कार को सुना, अच्छा लगा हिंदी के विकाश के प्रति आपकी प्रतिवद्धता जान कर, ईश्वर आपको अपेक्षित सफलता प्रदान करे | साथ ही आदित्य प्रकाश जी के पुरे कार्यक्रम को host करने का अंदाज भी काफी बेहतर और प्रसंसनीय था |

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