दोस्तो,
देखते ही देखते ही 'ओल्ड इज़ गोल्ड' के नियमित स्तम्भ ने 3 जून 2009 को अपना पहला शतक जड़ दिया। इसमें सबसे अधिक सहयोग हमारे श्रोताओं का रहा जिन्होंने रोज़ इस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज़ की, जिससे इस कार्यक्रम रूपी स्तम्भ के होस्ट सुजॉय चटर्जी को हर गीत के लिए लगातार खोजबीन करने की प्रेरणा मिली। हम अपने सभी श्रोताओं का धन्यवाद करते हैं।
ग़ौरतलब है कि 20 फरवरी 2009 से हिन्द-युग्म के आवाज़ मंच पर प्रतिशाम 6 बजे से 7 बजे के मध्य पुराने गीतों पर एक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाता है, जिसमें उस गीत से संबंधित सभी जानकारियों को समाहित किया जाता है, जिसे जान लेने की उत्कंठा हर गीतप्रेमी को होती है। साथ ही साथ इस कार्यक्रम में अगले एपीसोड के गीत से संबंधित एक पहेली भी पूछी जाती है।
हमने सोचा कि क्यों ना 'ओल्ड इज़ गोल्ड' शृंखला के सभी 100 एपीसोडों को एक जगह संजोकर रख लें ताकि हमारे श्रोता जब मन हो, तब अपनी पसंद के गीत सुन पायें और उस गीत के संबंध में सुजॉय द्वारा दी गई जानकारियोंको पढ़ पायें। हमने 100 गीतों को 10 भागों में बाँटा है। साथ ही साथ सभी 100 गीतों की सूची भी बनाई है।
बायें भाग में गीतों की सूची है जिसपर क्लिक करके उस गीत से संबंधित विशेष कार्यक्रम को पढ़ा और सुना जा सकता है।
दायें भाग के प्लेयर पर क्लिक करके सभी 10 गीतों को एक साथ सुना जा सकता है। यदि आपको कोई विशेष गीत सुनना हो तो प्लेलिस्ट में उस संबंधित गीत पर क्लिक करें। इस प्लेयर के कंट्रोल एक आम ऑडियो प्लेयर के कंट्रोल की ही तरह हैं।
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ओल्ड इज़ गोल्ड (1-10)
ओल्ड इज़ गोल्ड (11-20)
ओल्ड इज़ गोल्ड (21-30)
ओल्ड इज़ गोल्ड (31-40)
ओल्ड इज़ गोल्ड (41-50)
ओल्ड इज़ गोल्ड (51-60)
ओल्ड इज़ गोल्ड (61-70)
ओल्ड इज़ गोल्ड (71-80)
ओल्ड इज़ गोल्ड (81-90)
ओल्ड इज़ गोल्ड (91-100)






नए साल के जश्न के साथ साथ आज तीन हिंदी फिल्म जगत के सितारे अपना जन्मदिन मन रहे हैं.ये नाना पाटेकर,सोनाली बेंद्रे और गायिक कविता कृष्णमूर्ति.
नाना पाटेकर उर्फ विश्वनाथ पाटेकर का जन्म १९५१ में हुआ था.नाना पाटेकर का नाम उन अभिनेताओं की सूची में दर्ज है जिन्होंने अभिनय की अपनी विधा स्वयं बनायी.गंभीर और संवेदनशील अभिनेता नाना पाटेकर ने यूं तो अपने फिल्मी कैरियर की शुरूआत १९७८ में गमन से की थी,पर अंकुश में व्यवस्था से जूझते युवक की भूमिका ने उन्हें दर्शकों के बीच व्यापक पहचान दिलायी.समानांतर फिल्मों में दर्शकों को अपने बेहतरीन अभिनय से प्रभावित करने वाले नाना पाटेकर ने धीरे-धीरे मुख्य धारा की फिल्मों की ओर रूख किया.क्रांतिवीर और तिरंगा जैसी फिल्मों में केंद्रीय भूमिका निभाकर उन्होंने समकालीन अभिनेताओं को चुनौती दी.फिल्म क्रांतिवीर के लिए उन्हें १९९५ में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरष्कार मिला था.इस पुरष्कार को उन्होंने तीन बार प्राप्त करा.पहली बार फिल्म परिंदा के लिए १९९० में सपोर्टिंग एक्टर का और फिर १९९७ में अग्निसाक्षी फिल्म के लिए १९९७ में सपोर्टिंग एक्टर का.४ बार उन्हें फिल्म फेयर अवार्ड भी मिला.एक एक बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सपोर्टिंग एक्टर का और दो बार सर्वश्रेष्ठ खलनायक का.
सोनाली बेंद्रे का जन्म १९७५ में हुआ.सोनाली बेंद्रे ने अपने करियर की शुरूआत १९९४ से की.दुबली-पतली और सुंदर चेहरे वाली सोनाली ज्यादातर फिल्मों में ग्लैमर गर्ल के रूप में नजर आई. प्रतिभाशाली होने के बावजूद सोनाली को बॉलीवुड में ज्यादा अवसर नहीं मिल पाए.सोनाली आमिर और शाहरूख खान जैसे सितारों की नायिका भी बनीं.उन्हें ११९४ में श्रेष्ठ नये कलाकार का फिल्मफेअर अवॉर्ड मिला.
सन १९५८ में जन्मी कविता कृष्णमूर्ति ने शुरुआत करी लता मंगेशकर के गानों को डब करके.हिंदी गानों को अपनी आवाज से उन्होंने एक नयी पहचान दी. उन्हें ४ बार सर्वश्रेष्ठ हिंदी गायिका का फिल्मफेयर पुरष्कार मिल चूका है. २००५ में उन्हें भारत सरकार से पद्मश्री सम्मान मिला.
इन तीनो को इन पर फिल्माए और गाये दस गानों के माध्यम से रेडियो प्लेबैक इंडिया के ओर से जन्मदिन की शुभकामनायें.








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श्रोता का कहना है :
नमस्कार जी बज तो कोई सा भी नही रहा, कृप्या एक बार देख ले, वेसे गीत बहुत सुंदर सुंदर है.
धन्यवाद
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