रेडियो प्लेबैक वार्षिक टॉप टेन - क्रिसमस और नव वर्ष की शुभकामनाओं सहित


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प्लेबैक की टीम और श्रोताओं द्वारा चुने गए वर्ष के टॉप १० गीतों को सुनिए एक के बाद एक. इन गीतों के आलावा भी कुछ गीतों का जिक्र जरूरी है, जो इन टॉप १० गीतों को जबरदस्त टक्कर देने में कामियाब रहे. ये हैं - "धिन का चिका (रेड्डी)", "ऊह ला ला (द डर्टी पिक्चर)", "छम्मक छल्लो (आर ए वन)", "हर घर के कोने में (मेमोरीस इन मार्च)", "चढा दे रंग (यमला पगला दीवाना)", "बोझिल से (आई ऍम)", "लाईफ बहुत सिंपल है (स्टैनले का डब्बा)", और "फकीरा (साउंड ट्रेक)". इन सभी गीतों के रचनाकारों को भी प्लेबैक इंडिया की बधाईयां

Friday, September 25, 2009

बोर - हरिशंकर परसाई



सुनो कहानी: हरिशंकर परसाई की "बोर"

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में काका हाथरसी की कहानी "प्यार किया तो मरना क्या" का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार हरिशंकर परसाई का व्यंग्य "बोर", जिसको स्वर दिया है नितिन व्यास ने।

कहानी का कुल प्रसारण समय 12 मिनट 33 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।

यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।






मेरी जन्म-तारीख 22 अगस्त 1924 छपती है। यह भूल है। तारीख ठीक है। सन् गलत है। सही सन् 1922 है। ।
~ हरिशंकर परसाई (1922-1995)


हर शनिवार को आवाज़ पर सुनें एक नयी कहानी


मैंने कहा, "तुझे बालों की पडी है, यहाँ मेरी गर्दन कट रही है।"
(हरिशंकर परसाई की "बोर" से एक अंश)



नीचे के प्लेयर से सुनें.
(प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।)








यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंक से डाऊनलोड कर लें:
VBR MP3


#Thirty nine Story, Bore: Harishankar Parsai/Hindi Audio Book/2009/33. Voice: Nitin Vyas

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3 श्रोताओं का कहना है :

निर्मला कपिला का कहना है कि -

बहुत सुन्दर कहानी अनुराग शर्मा जी की आवाज़ मे कहानी सुनने के लिये एक सप्ताह इन्तज़ार करना पडता है अब अगली कहानी का इन्तज़ार रहेगा आभार्

Manju Gupta का कहना है कि -

व्यंगात्मक बोर कहानी नितिन जी की स्पष्ट - मधुर आवाज में पहली बार सुनी .बोर का डीलक्स प्रकार अच्छा लगा . बधाई

Shamikh Faraz का कहना है कि -

हरशंकर जी का नाम बहुत सुना था लेकिन कहानी कभी नहीं सुनी. आज हिन्दयुग्म के कारन यह संभव हो पाया है.

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