ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 191
गायक मुकेश के बाद आज से हम फ़िल्म संगीत की आकाश के उस सितारे पर एक लघु शृंखला शुरु करने जा रहे हैं जिनकी आवाज़ का जादू हर उम्र के सुनने वालों पर गहराई से हुआ है। दिल की गहराई में आसानी से उतर जाने वाली, हर भाव, हर रंग को उजागर करने वाली ये आवाज़ है फ़िल्म जगत के सुप्रसिद्ध पार्श्व गायिका आशा भोंसले की। आशा भोंसले की आवाज़ की अगर हम तारीफ़ करें तो शायद शब्द भी फीके पड़ जाये उनकी आवाज़ की चमक के सामने। और यह चमक दिन ब दिन बढ़ती चली गयी है अलग अलग रंग बदल कर, ठीक वैसे जैसे कोई चित्रकार अलग अलग रंगों से अपने चित्र को सुंदरता प्रदान करता चला जा रहा हो! ८ सितंबर को आशा जी का जनम दिन है। इसी को केन्द्र करते हुए आज से अगले १० दिनों तक 'ओल्ड इज़ गोल्ड' पर सुनिए आशा जी के गाए युगल गीतों की एक ख़ास लघु शृंखला '१० गायक और एक आपकी आशा'। इसके तहत हम आप को आशा जी के गाए फ़िल्म संगीत के सुनहरे युग के १० युगल गीत सुनवाएँगे, १० अलग अलग गायकों के साथ गाए हुए। इसमें हम गायिकाओं को शामिल नहीं कर रहे हैं। 'फ़ीमेल डुएट्स' पर हम भविष्य में एक अलग से शृंखला का आयोजन ज़रूर करेंगे। तो दोस्तों, '१० गायक और एक आपकी आशा' की इस पहली कड़ी में हम ने आशा जी के साथ जिस गायक को चुना है, वो हैं मखमली आवाज़ वाले, हर दिल अज़िज़, अपने तलत महमूद साहब। युं तो आशा जी और तलत साहब ने बहुत से युगल गीत गाए हैं, जिनमें से कुछ जाने कुछ अंजाने रह गये हैं, लेकिन सब से पहले जो दो चार गीत झट से ज़हन में आते हैं, वो हैं फ़िल्म 'सोने की चिड़िया' के "प्यार पर बस तो नहीं है" और "सच बता तू मुझपे फ़िदा", फ़िल्म 'बड़ा भाई' का "चोरी चोरी दिल का लगाना बुरी बात है", फ़िल्म 'अपसरा' का "है ज़िंदगी कितनी हसीन", फ़िल्म '२४ घंटे' का "हम हाल-ए-दिल तुम से कहना है, कहिए", फ़िल्म 'लैला मजनू' का "बहारों की दुनिया पुकारे तू आजा", फ़िल्म 'लाला रुख़' का "प्यास कुछ और भी भड़का दे झलक दिखला के", फ़िल्म 'मेम साहिब' का "कहता है दिल तुम हो मेरे लिए", फ़िल्म 'बहाना' का "तेरी निगाहों में तेरी ही बाहों में रहने को जी चाहता है", फ़िल्म 'एक साल पहले' का "नज़र उठा के ये रंगीं समा रहे न रहे", इत्यादि। आशा जी और तलत साहब के गाए ऐसे तमाम सुमधुर युगल गीतों के समुंदर में से आज हम ने जिस लोकप्रिय गीत को चुना है, वह है फ़िल्म 'इंसाफ़' का, "दो दिल धड़क रहे हैं और आवाज़ एक है"।
फ़िल्म 'इंसाफ़' बनी थी सन् १९५६ में केदार कपूर के निर्देशन में। रावजी यु. पटेल निर्मित इस फ़िल्म के मुख्य कलाकार थे अजीत और नलिनी जयवंत। फ़िल्म में संगीत का बीड़ा उठाया चित्रगुप्त ने और गीत लिखे असद भोपाली साहब ने। युं तो उस साल, यानी कि १९५६ में, चित्रगुप्त के संगीत निर्देशन में कई फ़िल्में प्रदर्शित हुईं जैसे कि 'बसंत पंचमी', 'बसरे की हूर', 'जयश्री', 'क़िस्मत', 'तलवार की धनी', और 'ज़िंदगी के मेले', लेकिन इनमें से कोई भी फ़िल्म नहीं चली, और ना ही उनका संगीत। अगर कुछ चला तो सिर्फ़ फ़िल्म 'इंसाफ़' का प्रस्तुत गीत, जो आज एक सदाबहार नग़मा बन कर रह गया है। बड़ा ही नाज़ुक गाना है यह, जिसमें असद भोपाली ने मोहब्बत के अहसासों को कुछ इस क़दर शब्दों में पिरोया है कि सुन कर दिल ख़ुश हो जाता है। "रंगीन हर अदा है, बेचैन हर नज़र है, एक दर्द सा इधर है, एक दर्द सा उधर है, दोनों की बेक़रारी का अंदाज़ एक है, नग़में जुदा जुदा है मगर साज़ एक है"। इस गीत के रीदम में चित्रगुप्त जी ने 'वाल्ट्ज़' का प्रयोग किया है। अगर आप 'वाल्ट्ज़' की जानकारी रखते हैं तो आप इसे इस गीत में महसूस कर सकते हैं। और अगर आप को इसका पता नहीं है तो कृपया इन गीतों के रीदम को ज़हन में लाने की कोशिश कीजिए, आप ख़ुद ब ख़ुद महसूस कर लेंगे 'वाल्ट्ज़' के रीदम को। नौशाद साहब ने 'वाल्ट्ज़' को हिंदी फ़िल्मी गीतों में लोकप्रिय बनाया था, इसलिए उन्ही के बनाये कुछ ऐसे गीतों की याद आप को दिलाते हैं, फ़िल्म 'दास्तान' का "त र री त र री....ये सावन रुत तुम और हम", फ़िल्म 'अंदाज़' का "तोड़ दिया दिल मेरा", फ़िल्म 'मेला' का "धरती को आकाश पुकारे", वगेरह। ग़ुलाम मोहम्मद के संगीत में फ़िल्म 'लैला मजनू' का गीत "चल दिया कारवाँ" भी 'वाल्ट्ज़' पर ही आधारित है। और सज्जाद साहब के स्वरबद्ध फ़िल्म 'संगदिल' का गीत "दिल में समा गए सजन, फूल खिले चमन चमन" तथा फ़िल्म 'दोस्त' का "बदनाम मोहब्बत कौन करे" में भी वाल्ट्ज़ का सुंदर प्रयोग सुनने को मिलता है। तो दोस्तों, आज हमने आप को 'वाल्ट्ज़' की थोड़ी बहुत जानकारी दी, आइए अब सुनते हैं आज का यह प्रस्तुत गीत आशा भोसले और तलत महमूद की आवाज़ में।
गीत के बोल -
आशा : आ आ... हं हं... आ आ...
दो दिल धड़क रहे हैं और आवाज़ एक है \-2
तलत : नग़मे जुदा\-जुदा हैं मगर साज़ एक है
दोनों : दो दिल धड़क रहे हैं और आवाज़ एक है \-2
तलत: रँगीन हर अदा है, बेचैन हर नज़र है \-2
आशा: इक दर्द सा इधर, इक दर्द सा उधर है
तलत: दोनों की बेक़रारी का अंदाज़ एक है \-2
तलत-आशा: नग़मे जुदा\-जुदा हैं मगर साज़ एक है
दो दिल धड़क रहे हैं और आवाज़ एक है
आशा: तड़पाइये न हमको, शर्माइये न हमसे \-2
तलत: दोनों की ज़िंदगी है एक दूसरे के दम से \-2
आशा: हम दो कहानियाँ हैं मगर राज़ एक है \-2
तलत-आशा: नग़मे जुदा\-जुदा हैं मगर साज़ एक है
दो दिल धड़क रहे हैं और आवाज़ एक है \-2
और अब बूझिये ये पहेली. अंदाजा लगाइये कि हमारा अगला "ओल्ड इस गोल्ड" गीत कौन सा है. हम आपको देंगे तीन सूत्र उस गीत से जुड़े. ये परीक्षा है आपके फ़िल्म संगीत ज्ञान की. याद रहे सबसे पहले सही जवाब देने वाले विजेता को मिलेंगें 2 अंक और 25 सही जवाबों के बाद आपको मिलेगा मौका अपनी पसंद के 5 गीतों को पेश करने का ओल्ड इस गोल्ड पर सुजॉय के साथ. देखते हैं कौन बनेगा हमारा तीसरा (पहले दो गेस्ट होस्ट बने हैं शरद तैलंग जी और स्वप्न मंजूषा जी)"गेस्ट होस्ट". अगले गीत के लिए आपके तीन सूत्र ये हैं-
१. ये है आशा का गाया एक और दोगाना.
२. साथी गायक हैं "हेमंत कुमार".
३. गीतकार हैं एस एच बिहारी और गीत में "बादलों" के आगे जाने की बात की है.
आज की पहेली के साथ जीतिए १० बोनस अंक
आप के हिसाब से हम और किन ८ गायकों को इस शृंखला में शामिल करने जा रहे हैं। अगर आप ने अगले २० घंटे के भीतर बिल्कुल सही जवाब दे दिया तो आप को मिलेंगे बोनस १० अंक, जो आप को आप के ५० अंक तक जल्द से जल्द पहुँचने में बेहद मददगार साबित होंगे। तो यह सुनहरा मौका है आप सभी के लिए और जो श्रोता 'पहेली प्रतियोगिता' पहले से ही जीत चुके हैं, उन्हे भी हम यह मौका दे रहे हैं कि आप भी इस विशेष बोनस सवाल का जवाब दे सकते हैं, आप के अंक सुरक्षित रहेंगे भविष्य के लिए। तो झट से याद कीजिए सुनहरे दौर के गायकों के नाम, जिनके साथ आशा जी ने गीत गाए हैं और आप को लगता है कि हम उन्ही गायकों को शामिल करने वाले हैं। आज आप तलत महमूद को सुन रहे हैं और कल हेमंत कुमार को सुनेंगे। तो फिर आपने बताने हैं कि बाक़ी के ८ गायकों के नाम कौन कौन से हैं?
पिछली पहेली का परिणाम -
पूर्वी जी बधाई २० अंकों के साथ अब आप पराग जी के बराबर आ चुकी हैं...सभी साथियों का आभार
खोज और आलेख- सुजॉय चटर्जी
ओल्ड इस गोल्ड यानी जो पुराना है वो सोना है, ये कहावत किसी अन्य सन्दर्भ में सही हो या न हो, हिन्दी फ़िल्म संगीत के विषय में एकदम सटीक है. ये शृंखला एक कोशिश है उन अनमोल मोतियों को एक माला में पिरोने की. रोज शाम 6-7 के बीच आवाज़ पर हम आपको सुनवाते हैं, गुज़रे दिनों का एक चुनिंदा गीत और थोडी बहुत चर्चा भी करेंगे उस ख़ास गीत से जुड़ी हुई कुछ बातों की. यहाँ आपके होस्ट होंगे आवाज़ के बहुत पुराने साथी और संगीत सफर के हमसफ़र सुजॉय चटर्जी. तो रोज शाम अवश्य पधारें आवाज़ की इस महफिल में और सुनें कुछ बेमिसाल सदाबहार नग्में.
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19 श्रोताओं का कहना है :
Chal baadalon se aage
Film Ek Jhalak ka geet hai
Badhayi Parag ji...badhiya geet
बधाई पराग जी
Parag ji, ham ismein keval gaayakon ko shaamil karenge, gaayikaaon ko naheen... ye binaa aalekh paDhe seedhe paheli par aa jaane ka nateeja hai :-)
Sorry Sujoy jee. Mujhe pata nahin thaa kee aap bhee gaayak aur gayikaon mein bhedbhaav karate hain...ha ha ha
Asha ji ke saath Agle 8 gaayak honge
Kishore Kumar
Mohd Rafi
Mukesh
Mahendra Kapoor
Manna Dey
yeh 5 to zaroor hone chahiye. Ab iske baad naye zamane ke 3 aayenge shayad, jo mujhe pataa nahin. Phir bhi koshish kar raha hoon
Regards
Parag
आशा जी के साथ ये सह्गायक हो सकते हैं :
मु.रफ़ी
मुकेश
किशोर कुमार
मन्ना डे
अमित कुमार
आर.डी.बर्मन
उदित नरायण
शैलेन्द्र सिंह
और महेन्द्र कपूर भी शैलेन्द्र सिंह की जगह
पराग जी को बधाई
Asha ji ke saath Agle 8 gaayak honge
Kishore Kumar
Mohd Rafi
Mukesh
Mahendra Kapoor
Manna Dey
R D Burman
Amit Kumar
Shailendra Singh
Regards
Parag
फिल्म: एक झलक
संगीतकार: हेमंत
गीतकार: एस एच बिहारी
गायक: हेमंत - आशा भोंसले
गील के बोल:
हेमंत: (चल बादलों से आगे
कुछ और ही समा है
हर चीज़ है निराली
हर ज़िंदगी जवाँ है ) \- 2
आशा: (जिसे देखने को मेरी
आँखें तरस रही हैं ) \- 2
वो जगह जहाँ से हरदम
उजला बरस रही है
मेरी ख़्वाब की वो दुनिया
बतलाओ तो कहाँ है
हर चीज़ है निराली
हर ज़िंदगी जवाँ है
हेमंत: चल बादलों से आगे ...
मैं बहुत दिनों से एक जवाब तलाश रहा हूँ
कि
मुहम्मद रफ़ी सा'ब का अंतिम स्टेश शो कहाँ हुआ था?
उस शहर का नाम चाहिए मुझे,
यदि इस जानकारी से संबंधित इंटरनेट पर कोई लिंक हो तो और अच्छा
धन्यवाद तो एडवाँस में ले ही लीजिए
वाल्ट्ज़ के बारे में जानकारी देने के लिये शुक्रिया. यूं तो आलेख की सभी बातें अच्छी हैं, मगर ये तो गज़ब है!!!
रफ़ी जी के बारे में दो तीन संदर्भ मिलते है मगर सही का पता लगना ज़रूरी है. कोशिश करूंगा.
शायद आपने इन सह गायकों के साथ आशा ताई के गाने चुने हैं -----
किशोर कुमार,
मो. रफी,
आर. डी. बर्मन,
महेंद्र कपूर,
मन्ना डे,
सी.रामचंद्र,
सुरेश वाडेकर,
तलत महमूद,
कमल बारोट.
पूर्वी जी
कमल बारोट गायिका है, ना की गायक
और तलत साहब के साथ एक गाना हो चूका है, मतलब आप को सिर्फ ८ नाम देने है. सुरेश वाडकर भी हो सकते है.
:)
पराग
वाकई बहुत खुबसूरत नगमा है.
इस information के लिये शुक्रिया पराग जी,
तो हम अपनी लिस्ट में से कमल बारोट को जी. एम्.दुर्रानी से replace करना चाहेंगे, i hope i m on time :) ,
do naam abhi tak sahi naheen aaye hain. Purvi ji, aap sab se nazdeek hain sahi jawaab ke... do naam aur sujhaaiye jaldi se....
दो नाम और............ ये तो मुश्किल हो गयी.....!!!!
अब क्या करें?????? शायद.........
बप्पी लाहिरी,
मनहर उधास....... ???
अनूप जलोटा ??
पता नहीं सुजोय जी, अब और समझ नहीं आ रहे....!!! ??
here i give up :) :)
जो होना हो, हो जाए.... हम यूँ भी खुश हैं :) :)
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