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प्लेबैक की टीम और श्रोताओं द्वारा चुने गए वर्ष के टॉप १० गीतों को सुनिए एक के बाद एक. इन गीतों के आलावा भी कुछ गीतों का जिक्र जरूरी है, जो इन टॉप १० गीतों को जबरदस्त टक्कर देने में कामियाब रहे. ये हैं - "धिन का चिका (रेड्डी)", "ऊह ला ला (द डर्टी पिक्चर)", "छम्मक छल्लो (आर ए वन)", "हर घर के कोने में (मेमोरीस इन मार्च)", "चढा दे रंग (यमला पगला दीवाना)", "बोझिल से (आई ऍम)", "लाईफ बहुत सिंपल है (स्टैनले का डब्बा)", और "फकीरा (साउंड ट्रेक)". इन सभी गीतों के रचनाकारों को भी प्लेबैक इंडिया की बधाईयां

Friday, July 3, 2009

सुनो कहानी: वैराग्य - मुंशी प्रेमचंद



मुंशी प्रेमचंद की "वैराग्य"

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में उपेन्द्रनाथ अश्क की कहानी "पहेली" का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार मुंशी प्रेमचन्द की कहानी "वैराग्य", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने।

कहानी का कुल प्रसारण समय 13 मिनट 16 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।

यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।



मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं
~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६)

हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए प्रेमचंद की एक नयी कहानी

छि:छि:। तुम्हारे ऊपर निहोरा कौन कर सकता है? कैसी बात मुख से निकालती है? ऋण लेने में कोई लाज नहीं है। कौन रईस है जिस पर लाख दो-लाख का ऋण न हो?
(प्रेमचंद की "वैराग्य" से एक अंश)


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यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें)
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#Twenty-eighth Story, Vairagya: Munshi Premchand/Hindi Audio Book/2009/23. Voice: Anurag Sharma

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5 श्रोताओं का कहना है :

निर्मला कपिला का कहना है कि -

बहुत सुन्दर कहनि है पढी तो पहले भी है मगर अनुराग जी की आवाज मे सुन कर बहुत अच्छी लगी आपका और अनुराग जी का बहुत बहुत धन्यवाद्

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

प्रेमचंद ने जितने तरह के पात्रों को जिया है, उतना शायद किसी ने जिया हो। सुबामा ने जिस तरह से आत्मरक्षा की, वह प्रेरणादायक है।

ajit gupta का कहना है कि -

कहानी महिलाओं के लिए प्रेरणादायी है। जब भी किसी महिला पर आसन्‍न संकट आता है तब ऐसे ही प्रलोभन हमारे आसपास से निकल आते हैं लेकिन सुवामा ने जिस कुशलता से इन प्रलोभनों को धकेल दिया यह आज की नारी को समझना होगा। अनुराग जी को बधाई।

Shamikh Faraz का कहना है कि -

कहानी बहुत सुन्दर है और साथ में अनुराग जी की आवाज़ में अच्छी लगी

Manju Gupta का कहना है कि -

अनुराग जी की आवाज में कहानी अति बढ़िया हो गयी

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