डॉक्टर मृदुल कीर्ति |
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कविता प्रेमी श्रोताओं के लिए प्रत्येक मास के अन्तिम रविवार का अर्थ है पॉडकास्ट कवि सम्मेलन। आवाज़ के तत्त्वावधान में २००९ इस बार हम लेकर आए हैं आठवें ऑनलाइन कवि सम्मेलन का पॉडकास्ट।
पिछले आयोजनों की तरह इस बार भी इस कार्यक्रम का कुशल और कर्णप्रिय संचालन डॉक्टर मृदुल कीर्ति द्वारा किया गया है। फ़िर भी इस बार का कवि सम्मलेन कई मायनों में अनूठा है. फरवरी माह के इस कवि सम्मलेन के माध्यम से हम श्रद्धांजलि दे रहे हैं महान कवयित्री और स्वतन्त्रता सेनानी सुभद्रा कुमारी चौहान को जिनकी पुण्यतिथि १५ फरवरी को होती है। इसके साथ ही यह मौसम है वसंत का। ऐसे वासंती समय में हमने इस कवि सम्मलेन में चुना है छः कवियों को, दो महाद्वीपों से, चार भावों को लेकर। साथ ही आगे रहने की अपनी परम्परा का निर्वाह करते हुए इस बार हम लेकर आए हैं अनुराग शर्मा के सद्य-प्रकाशित काव्य संकलन "पतझड़ सावन वसंत बहार" में से कुछ चुनी हुई कवितायें। तो आईये आनंद लेते हैं चार मौसमों का इस बार के कवि सम्मलेन के माध्यम से। आइये, इस सम्मलेन में वैशाली सरल, विभा दत्त, अतुल शर्मा, पंकज गुप्ता, प्रदीप मनोरिया, अनुराग शर्मा और सुभद्रा कुमारी चौहान की इन सुमधुर रचनाओं का आनंद उठाईये।
पिछले सम्मेलनों की सफलता के बाद हमने आपकी बढ़ी हुई अपेक्षाओं को ध्यान में रखा है। हमें आशा ही नहीं वरन पूर्ण विश्वास है कि इस बार का सम्मलेन आपकी अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा और आपका सहयोग हमें इसी जोरशोर से मिलता रहेगा। यदि आप हमारे आने वाले पॉडकास्ट कवि सम्मलेन में भाग लेना चाहते हैं तो अपनी आवाज़ में अपनी कविता/कविताएँ रिकॉर्ड करके podcast.hindyugm@gmail.com पर भेजें। कवितायें भेजते समय कृपया ध्यान रखें कि वे १२८ kbps स्टीरेओ mp3 फॉर्मेट में हों और पृष्ठभूमि में कोई संगीत न हो। आपकी ऑनलाइन न रहने की स्थिति में भी हम आपकी आवाज़ का समुचित इस्तेमाल करने की कोशिश करेंगे। पॉडकास्ट कवि सम्मेलन के अगले अंक का प्रसारण रविवार २९ मार्च २००९ को किया जायेगा और इसमें भाग लेने के लिए रिकॉर्डिंग भेजने की अन्तिम तिथि है २१ मार्च २००९।
नीचे के प्लेयर से सुनें:
यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें)
VBR MP3 | 64Kbps MP3 | Ogg Vorbis |
हम सभी कवियों से यह अनुरोध करते हैं कि अपनी आवाज़ में अपनी कविता/कविताएँ रिकॉर्ड करके podcast.hindyugm@gmail.com पर भेजें। आपकी ऑनलाइन न रहने की स्थिति में भी हम आपकी आवाज़ का समुचित इस्तेमाल करने की कोशिश करेंगे।
रिकॉर्डिंग करना कोई बहुत मुश्किल काम नहीं है। हिन्द-युग्म के नियंत्रक शैलेश भारतवासी ने इसी बावत एक पोस्ट लिखी है, उसकी मदद से आप सहज ही रिकॉर्डिंग कर सकेंगे।
अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।
# Podcast Kavi Sammelan. Part 8. Month: February 2009.
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9 श्रोताओं का कहना है :
हमेशा की तरह बहुत प्रभावी कवि सम्मेलन । हिन्द-युग्म को बहुत-बहुत बधाई।
बहुत सुंदर प्रस्तुति मेरा साधुवाद स्वीकार हो आदरणीय मृदुला जी को अनुराग जी को साथ ही मेरे सब ही सह कवि विद्व को ;
साधारण कविता में छुपे भावों को पहचानने में मृदुल कीर्ति जी के पास विशिष्ट प्रतिभा है और उनकी यह प्रतिभा ही इस कवि सम्मलेन को विगत आठ बार से सफल बनाती आ रही है ...! इस बार के कवि समेलन में सभी रचनाएँ सभी कवि साथियों की वोह रचनाएं हैं जो उनके पूर्ण अंतर्मन को व्यक्त करती हैं .... सभी को साधुवाद
अनुराग जी इस पुस्तक के लिए बहुत बहुत बधाई....आज का कवि सम्मलेन भी बहुत बढ़िया cordinate हुआ है, मृदुल जी तो बस कमाल का संचालन करती है......अनुराग जी एक बार फ़िर बधाई, आवाज़ पर आपका योगदान अमूल्य है.
बहुत खूब.
सभी को बधाईयां. ये प्रयास चलता रहे..
कवि सन्मेलन का ये स्वरूप नया है, मगर लुभा रहा है. जीवते शरद शतम..
अनुराग जी,
आपका यह कवि सम्मेलन बहुत अच्छा रहा. बधाई! और आपकी ''पतझर,सावन,बसंत बहार'' की किताब को तो ख़ुद भी पढने को मन होता है. इस सम्मेलन में सभी लोगों की कवितायें खूब ही बढ़िया लगीं. और मृदुल जी की जो कला है कवि सम्मेलन को अपने शब्दों और भावों में गूंथकर प्रस्तुत करने की वह तो सराहनीय है ही. और फिर उन वाक्यों से सजकर सम्मेलन की सुन्दरता और निखर जाती है.
मृदुला जी के लाजवाब अंदाज में पेश कवि सम्मलेन बहुत कामयाब रहा......कवि को पढने और सुनने में तो फर्क है ही....इसके अलावा इसको सुनते हुए ...किसी भी काम को किया जा सकता है...
अनुराग भाई ,
आपको आपकी काव्य -पुस्तक के प्रकाशन लिये बहुत बधाईयाँ व शुभकामनाएँ ..
और कवि सम्मेलन बहुत पसँद आया ..
कुछ नए स्वर, नये कवियोँ द्वारा
अपनी अपनी कविता पढना,
श्रोताओँ के लिये बहुत सुखद अनुभव रहता है..
सँचालन,
सूत्रधार है या कहेँ कि,
माला के मणियोँ को एकलड मेँ पिरोनेवाली आवाज़,
जो हमेँ बाँधे रखती है..
और ये विदुषी डा.मृदुल कीर्तिजी
का कमाल है जो इस बेहद मनभावन प्रस्तुति का सम्बल है !
सभीको बहुत बहुत बधाई ..
और "हिन्दी ~ युग्म" से एक विनम्र गुजारिश है, जो मेरी आशा है, आप ध्यान देँगेँ ..
कृपया ऐसे स्तरीय तथा साहित्यिक स्तर के पोडकास्ट प्रोग्राम, कुछ घँटोँ तक, "आवाज़" पर
रहने दिया करेँ ...
तुरँत अन्य पोस्ट डालने से,
पाठक वर्ग, कम होजाने का अँदेशा रहता है -
खैर ! ये मात्र सुझाव है .....
मँच आपका है ..किँतु,
मेरे कहे को मेरा स्नेह ही मानियेगा .
इस रोचक इन्टर्व्यु के लिये,
सभी को खूब शाबाशी व बधाई !!
और, आभार ....स्व. सुभद्रा कुमारी चौहान जी को श्रध्धा सुमन स्वरुप दी गई
उन्हीँ की कविता से दी गई अँजुरी
मृदुल जी के सक्षम पाठ द्वारा ...
यहाँ प्रस्तुत करने के लिये !!
स स्नेह, सादर,
- लावण्या
bahut hi accha laga is kavi sammelan ko sun na , Mridula ji ,Anurag , aur sabhi ko bahut bhadhaiyan
Vaishali
कविगणों कवत्रियों एवं संचालिका जी का बहुत बहुत धन्यवाद...
समां बाँध दिया और हमें भी..
बहुत ही शिष्ट और विशिष्ट सम्मेलन
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