रेडियो प्लेबैक वार्षिक टॉप टेन - क्रिसमस और नव वर्ष की शुभकामनाओं सहित
प्लेबैक की टीम और श्रोताओं द्वारा चुने गए वर्ष के टॉप १० गीतों को सुनिए एक के बाद एक. इन गीतों के आलावा भी कुछ गीतों का जिक्र जरूरी है, जो इन टॉप १० गीतों को जबरदस्त टक्कर देने में कामियाब रहे. ये हैं - "धिन का चिका (रेड्डी)", "ऊह ला ला (द डर्टी पिक्चर)", "छम्मक छल्लो (आर ए वन)", "हर घर के कोने में (मेमोरीस इन मार्च)", "चढा दे रंग (यमला पगला दीवाना)", "बोझिल से (आई ऍम)", "लाईफ बहुत सिंपल है (स्टैनले का डब्बा)", और "फकीरा (साउंड ट्रेक)". इन सभी गीतों के रचनाकारों को भी प्लेबैक इंडिया की बधाईयां
इस बार सुनिए भारत की मशहूर लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता महाश्वेता देवी से शैलेश भारतवासी की बातचीत। निदा फ़ाज़ली का साक्षात्कार लेने का अवसर हिन्द-युग्म को हिन्द-युग्म के ही सदस्य नाज़िम नक़वी ने उपलब्ध कराया था। महाश्वेता देवी से मिलने का अवसर भी शैलेश को नाज़िम ने
ही अपनी पत्रकार मित्र सादिया अज़िम ('समय' के कोलकाता शहर की वरिष्ठ संवाददाता) की मदद से उपलब्ध कराया। इस मुलाक़ात को सफल बनाने में कोलकाता के ब्लॉगर और 'समाज-विकास' के संपादक शम्भू चौधरी का भी बहुत सहयोग मिला। महाश्वेता देवी से पूछने के लिए हमने बहुत से पाठकों से प्रश्न आमंत्रित किये थे, उनमें से कुछ सवालों को शैलेश भारतवासी ने महाश्वेता देवी के सामने रखा भी, लेकिन उन्होंने बहुत से प्रश्नों को विषय से अलग मानकर उत्तर देने से इंकार कर दिया।
यह मुलाक़ात १३ फरवरी २००९ की है। स्थान- गोल्फ-ग्रीन, कोलकाता में स्थित महाश्वेता देवी का आवास। चित्र- देबज्योति चक्रवर्ती
नीचे के प्लेयर से सुनें औरे बतायें कि यह मुलाक़ात कैसी लगी?
बहुत बधाई...महाश्वेता जी जो महसूस करती हैं वही लिखती हैं, उनका जुडाव आम आदमी और उनकी समस्यों के साथ है जानकार बहुत अच्छा लगा...आज के दौर को उन्हीं के जैसे लेखको की दरकार है
महाश्वेता जी के बारे में आज तक बस पढता हीं रहा हूँ, आज शैलेश जी के माध्यम से उन्हें सुनकर मानो एक मनोकामना हीं पूरी हो गई। नक़वी जी एवं शैलेश जी का तहे-दिल से शुक्रिया।
महाश्वेता जी को आवाज़ के द्वारा सुनवाने के लिए हिंद युग्म का आभार. सामान्य जन और उनकी समस्याओं से इनका जुडाव देख कर अच्छा लगा. बहुत प्रेरणादायक विचार दिए हैं इन्होने.
महाश्वेता देवी कविता नहीं करतीं हैं, कविता हैं वे स्वयं, एक बेहद genuine कविता !! बहुत सुन्दर लगी ये बात कि "आम आदमी का रिसर्च होता है किताब का नहीं !" आपका उपकार रहा ! सादर
१ जनवरी - आज के कलाकार - नाना पाटेकर, सोनाली बेन्द्रे और कविता कृष्णमूर्ति - जन्मदिन मुबारक
नए साल के जश्न के साथ साथ आज तीन हिंदी फिल्म जगत के सितारे अपना जन्मदिन मन रहे हैं.ये नाना पाटेकर,सोनाली बेंद्रे और गायिक कविता कृष्णमूर्ति.
नाना पाटेकर उर्फ विश्वनाथ पाटेकर का जन्म १९५१ में हुआ था.नाना पाटेकर का नाम उन अभिनेताओं की सूची में दर्ज है जिन्होंने अभिनय की अपनी विधा स्वयं बनायी.गंभीर और संवेदनशील अभिनेता नाना पाटेकर ने यूं तो अपने फिल्मी कैरियर की शुरूआत १९७८ में गमन से की थी,पर अंकुश में व्यवस्था से जूझते युवक की भूमिका ने उन्हें दर्शकों के बीच व्यापक पहचान दिलायी.समानांतर फिल्मों में दर्शकों को अपने बेहतरीन अभिनय से प्रभावित करने वाले नाना पाटेकर ने धीरे-धीरे मुख्य धारा की फिल्मों की ओर रूख किया.क्रांतिवीर और तिरंगा जैसी फिल्मों में केंद्रीय भूमिका निभाकर उन्होंने समकालीन अभिनेताओं को चुनौती दी.फिल्म क्रांतिवीर के लिए उन्हें १९९५ में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरष्कार मिला था.इस पुरष्कार को उन्होंने तीन बार प्राप्त करा.पहली बार फिल्म परिंदा के लिए १९९० में सपोर्टिंग एक्टर का और फिर १९९७ में अग्निसाक्षी फिल्म के लिए १९९७ में सपोर्टिंग एक्टर का.४ बार उन्हें फिल्म फेयर अवार्ड भी मिला.एक एक बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सपोर्टिंग एक्टर का और दो बार सर्वश्रेष्ठ खलनायक का.
सोनाली बेंद्रे का जन्म १९७५ में हुआ.सोनाली बेंद्रे ने अपने करियर की शुरूआत १९९४ से की.दुबली-पतली और सुंदर चेहरे वाली सोनाली ज्यादातर फिल्मों में ग्लैमर गर्ल के रूप में नजर आई. प्रतिभाशाली होने के बावजूद सोनाली को बॉलीवुड में ज्यादा अवसर नहीं मिल पाए.सोनाली आमिर और शाहरूख खान जैसे सितारों की नायिका भी बनीं.उन्हें ११९४ में श्रेष्ठ नये कलाकार का फिल्मफेअर अवॉर्ड मिला.
सन १९५८ में जन्मी कविता कृष्णमूर्ति ने शुरुआत करी लता मंगेशकर के गानों को डब करके.हिंदी गानों को अपनी आवाज से उन्होंने एक नयी पहचान दी. उन्हें ४ बार सर्वश्रेष्ठ हिंदी गायिका का फिल्मफेयर पुरष्कार मिल चूका है. २००५ में उन्हें भारत सरकार से पद्मश्री सम्मान मिला.
इन तीनो को इन पर फिल्माए और गाये दस गानों के माध्यम से रेडियो प्लेबैक इंडिया के ओर से जन्मदिन की शुभकामनायें.
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बोलती कहानियाँ
बोलती कहानियाँ - टार्च बेचने वाले - हरिशंकर परसाई--आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार हरिशंकर परसाई की कहानी "टॉर्च बेचने वाले", जिसको स्वर दिया है अमित तिवारी ने।
जहाँ अंधकार है, वहीं प्रकाश है.प्रकाश बाहर नहीं है, उसे अंतर में खोजो.अंतर में बुझी उस ज्योति को जगाओ.
(हरिशंकर परसाई की "टार्च बेचने वाले" से एक अंश)
भारतीय शास्त्रीय संगीत - मोहन वीणा
पं. विश्वमोहन भट्ट ने गिटार इस स्वरुप में परिवर्तन कर इसे भारतीय संगीत वादन के अनुकूल बनाया.उन्होंने एक सामान्य गिटार में 6 तारों के स्थान पर 19 तारों का प्रयोग किया.यह अतिरिक्त तार 'तरब' और 'चिकारी' के हैं जिनका उपयोग स्वरों में अनुगूँज के लिए किया जाता है.आप सुनिए अमेरिकी गिटार वादक रे कूडर और पं. विश्वमोहन भट्ट की गिटार और मोहन वीणा पर जुगलबंदी और फिल्म दुनिया न माने के गाने में इस्तेमाल हुआ हवाइयन गिटार, पियानो तथा वायलिन के प्रयोग वाला गाना.
Radio Playback Artist of the month
रेडियो प्लेबैक की टीम के साथ के निरन ने अपने गायन और संगीत निर्देशन का सफर शुरू किया था. हाल ही में प्रदर्शित डेम 999 उनकी आवाज़ महकी है. सुनते हैं उनका बॉलीवुड डेब्यू गीत
महफ़िल-ए-ग़ज़ल
ये महीना है अजीम शायर असद अली खां उर्फ मिर्ज़ा ग़ालिब को याद करने का. १० मुक्तलिफ़ फनकारों ने अपने अपने अंदाज़ में ढाला गालिब को अपनी मौसिकी में, आईये करें अदब के इस शहंशाह को सलाम इन नायाब ग़ज़लों को सुनकर.
भजन सम्राट अनूप जलोटा - दस भजन
हिन्दी भजनों का जिक्र हो और अनूप जलोटा का नाम न आये ऐसा संभव ही नहीं है. हम आपके लिए लाये हैं भजन सम्राट अनूप जलोटा के गाये १० बेहतरीन भजन.
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12 श्रोताओं का कहना है :
unexpected, sadhuvad. narayan narayan
बहुत बधाई...महाश्वेता जी जो महसूस करती हैं वही लिखती हैं, उनका जुडाव आम आदमी और उनकी समस्यों के साथ है जानकार बहुत अच्छा लगा...आज के दौर को उन्हीं के जैसे लेखको की दरकार है
बहुत अच्छा लगा महाश्वेता देवी का इंटरव्यू सुनकर...उनके विचार जानकर....आपका बहुत बहुत आभार।
महाश्वेता देवी जी के विचारों को जानकर बहुत अच्छा लगा।
बहुत सुन्दर प्रयास. अभी सुन नहीं पा रहा हूँ, मगर बधाई ज़रूर देना चाहूंगा. ऐसे प्रयास ही हिंद-युग्म को अपने पीयर-ग्रुप से कहीं आगे ले जाकर खडा करेंगे.
बेहद प्रशंसनीय प्रयास।
महाश्वेता जी के बारे में आज तक बस पढता हीं रहा हूँ, आज शैलेश जी के माध्यम से उन्हें सुनकर मानो एक मनोकामना हीं पूरी हो गई।
नक़वी जी एवं शैलेश जी का तहे-दिल से शुक्रिया।
-विश्व दीपक
महाश्वेता जी को आवाज़ के द्वारा सुनवाने के लिए हिंद युग्म का आभार. सामान्य जन और उनकी समस्याओं से इनका जुडाव देख कर अच्छा लगा. बहुत प्रेरणादायक विचार दिए हैं इन्होने.
पुनः धन्यवाद
पूजा अनिल
महान लेखिका के विचार उन्हीं के स्वर में सुनवाने के लिये हार्दिक आभार।
महाश्वेता देवी का इंटरव्यू सुनकर, उनके विचार जानकर बहुत अच्छा लगा. भाई शैलेशजी, नक़वीजी, शम्भूजी तथा हिंद-युग्म को भी धन्यवाद.
-सुधीर सक्सेना 'सुधि'
महाश्वेता देवी कविता नहीं करतीं हैं, कविता हैं वे स्वयं, एक बेहद genuine कविता !!
बहुत सुन्दर लगी ये बात कि "आम आदमी का रिसर्च होता है किताब का नहीं !"
आपका उपकार रहा !
सादर
आपका आभार की आपने इतनी बड़ी शक्सियत की आवाज हम तक पहुंचाई ......महाश्वेता जी सुनना ही कविता सुनने जैसा है .... बहुत बहुत धन्यबाद .
महाश्वेता जी को सुनना ..... अविस्मर्णीय पल
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