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प्लेबैक की टीम और श्रोताओं द्वारा चुने गए वर्ष के टॉप १० गीतों को सुनिए एक के बाद एक. इन गीतों के आलावा भी कुछ गीतों का जिक्र जरूरी है, जो इन टॉप १० गीतों को जबरदस्त टक्कर देने में कामियाब रहे. ये हैं - "धिन का चिका (रेड्डी)", "ऊह ला ला (द डर्टी पिक्चर)", "छम्मक छल्लो (आर ए वन)", "हर घर के कोने में (मेमोरीस इन मार्च)", "चढा दे रंग (यमला पगला दीवाना)", "बोझिल से (आई ऍम)", "लाईफ बहुत सिंपल है (स्टैनले का डब्बा)", और "फकीरा (साउंड ट्रेक)". इन सभी गीतों के रचनाकारों को भी प्लेबैक इंडिया की बधाईयां

Friday, August 7, 2009

भीष्म साहनी के जन्मदिन पर विशेष "चीफ़ की दावत"



सुनो कहानी: भीष्म साहनी की "चीफ़ की दावत"

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ।

पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार मुंशी प्रेमचन्द की कहानी झाँकी का पॉडकास्ट सुना था।

आज आठ अगस्त को प्रसिद्ध लेखक, नाट्यकर्मी और अभिनेता श्री भीष्म साहनी का जन्मदिन है. इस अवसर पर आवाज़ की और से प्रस्तुत है उनकी एक कहानी। मैं तब से उनका प्रशंसक हूँ जब पहली बार स्कूल में उनकी कहानी "अहम् ब्रह्मास्मि" पढी थी। मेरी इच्छा आज सुनो कहानी में वही कहानी पढने की थी परन्तु यहाँ उपलब्ध न होने के कारण आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं उनकी एक और प्रसिद्ध कहानी "चीफ की दावत" जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। आशा है आपको पसंद आयेगी।
कहानी का कुल प्रसारण समय 20 मिनट 9 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।

यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।





भीष्म साहनी (1915-2003)


हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए एक नयी कहानी
पद्म भूषण भीष्म साहनी का जन्म आठ अगस्त 1915 को रावलपिंडी में हुआ था।


"नहीं, मैं नहीं चाहता की उस बुढ़िया का आना-जाना यहाँ फिर से शुरू हो। पहले ही बड़ी मुश्किल से बन्द किया था। माँ से कहें कि जल्दी खाना खा के शाम को ही अपनी कोठरी में चली जाएँ। मेहमान कहीं आठ बजे आएँगे। इससे पहले
ही अपने काम से निबट लें।"
("चीफ़ की दावत" से एक अंश)




नीचे के प्लेयर से सुनें.
(प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।)






यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें)
VBR MP3Ogg Vorbis

#Thirty third Story, Dawat: Bhisham Sahni/Hindi Audio Book/2009/27. Voice: Anurag Sharma

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7 श्रोताओं का कहना है :

निर्मला कपिला का कहना है कि -

किसी कहानी की रोचकता बढानी हो त उसे अनुराग जी की ेआवाज़ मे सुन कर ही बढाया जा सकता है मुझे लगता है उनकी आवाज़ कमजोर कहानी मे भी जान डाल देती है । भीशम साहनी जी की इस बेहतरीन कहाने के लिये धन्यवाद् और उनको विनम्र श्रधाँजली हन्द युग्म का धन्यवाद्

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण) का कहना है कि -

स्व.भीष्म साहनी जी की तो कभी कहानियाँ रोचकता से भरपूर हैं।
अनुराग शर्मा की आवाज में स्व.भीष्म साहनी जी के जन्म-दिन पर "चीफ़ की दावत"
सुनी।
अच्छा लगा, बधाई।

सजीव सारथी का कहना है कि -

बहुत बढ़िया प्रस्तुति है अनुराग जी....

neelam का कहना है कि -

abhi kahaani sun nahi paaye hain,par jaldi hi sunenge nishandeh aapki aawaj me hai to achchi hi hogi .

Manju Gupta का कहना है कि -

अनुराग जी की मधुर आवाज में कहानी सुनी .हाउ डो यू डो कहना बहुत बढिया था .कहानी यथार्थ का दर्पण लगी .बधाई .

Disha का कहना है कि -

कहानी अच्छी है.
आजकल व्यस्त होने से कम समय दे पा रही हूँ.

Shamikh Faraz का कहना है कि -

भीष्म साहनी का बहुत नाम सुना था. आज कहानी से भी रूबरू हो लिया.

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