रेडियो प्लेबैक वार्षिक टॉप टेन - क्रिसमस और नव वर्ष की शुभकामनाओं सहित


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प्लेबैक की टीम और श्रोताओं द्वारा चुने गए वर्ष के टॉप १० गीतों को सुनिए एक के बाद एक. इन गीतों के आलावा भी कुछ गीतों का जिक्र जरूरी है, जो इन टॉप १० गीतों को जबरदस्त टक्कर देने में कामियाब रहे. ये हैं - "धिन का चिका (रेड्डी)", "ऊह ला ला (द डर्टी पिक्चर)", "छम्मक छल्लो (आर ए वन)", "हर घर के कोने में (मेमोरीस इन मार्च)", "चढा दे रंग (यमला पगला दीवाना)", "बोझिल से (आई ऍम)", "लाईफ बहुत सिंपल है (स्टैनले का डब्बा)", और "फकीरा (साउंड ट्रेक)". इन सभी गीतों के रचनाकारों को भी प्लेबैक इंडिया की बधाईयां

Sunday, August 9, 2009

किसका रस्ता देखे ऐ दिल ऐ सौदायी...दर्द ऐसा था किशोर की आवाज़ में कि सुनते ही आंख भर आये



ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 167

'दस रूप ज़िंदगी के और एक आवाज़'। दोस्तों, इन दिनों 'ओल्ड इज़ गोल्ड' की महफ़िल सज रही है किशोर कुमार के गाये ज़िंदगी के अलग अलग रंगों के गीतों से। आज की कड़ी का जो रंग है, वह ज़रा दर्दीला है। हमेशा मुस्कुराने वाले किशोर दा के इस चेहरे के पीछे एक तन्हा दिल भी था जो उनके दर्द भरे गीतों से छलक पड़ता और सुननेवालों को रुलाये बिना नहीं छोड़ता। गुदगुदाने वाले किशोर ने जब कुछ संजीदे फ़िल्मों का निर्माण किया तो उनमें उनका उदासीन चेहरा लोग पचा नहीं पाये, लिहाज़ा उनकी सब संजीदा फ़िल्में असफल रहीं। लेकिन उनका वह दर्द जब उनके गीतों से बाहर फूट पड़ा तो लोगों ने उन्हे पलकों पर बिठा लिया। उनके गाये दर्द भरे गीत कुछ इस क़दर मशहूर हैं कि म्युज़िक कंपनियाँ समय समय उनके दर्दीले गीतों के कैसेट्स व सीडीज़ जारी करते रहते हैं। ख़ैर, आज इस रंग के जिस गीत को हमने चुना है वह है 'जोशीला' फ़िल्म का, "किसका रस्ता देखे ऐ दिल ऐ सौदाई, मीलों है ख़ामोशी, बरसों हैं तन्हाई". १९७३ की इस फ़िल्म में देव आनंद नायक थे और अभिनेत्रियाँ थीं हेमा मालिनी व राखी। ५० के दशक में जब किशोर दा ने देव साहब के लिए गाना शुरु किया था, तब वो देव साहब के अलावा किसी और के लिए नहीं गाते थे। धीरे धीरे परम्परा टूटी और आगे चलकर किशोर दा अपने समय के सभी नायकों की आवाज़ बने। देव आनंद की यह फ़िल्म 'जोशीला' बॉक्स औफ़िस पर असफल रही, लेकिन एक बार फिर लोगों ने किशोर दा के गाये इस गीत को अपने दिलों में बसा लिया। राहुल देव बर्मन का संगीत और साहिर लुधियानवी के बोल थे इस गीत में। यहाँ यह उल्लेख करना ज़रूरी है कि साहिर और पंचम का बहुत कम गीतों में साथ रहा, और जब उनके साथ की बात चलती है तो सब से पहले 'जोशीला' का यह गीत ही याद आता है।

दोस्तों, यह गीत हम सभी के साथ साथ पंचम को भी बेहद पसंद था, तभी तो फ़ौजी भा‍इयों के लिए प्रस्तुत 'विशेष जयमाला' कार्यक्रम में उन्होने इस गीत को बजाया था और गीत बजाने से पहले उन्होने क्या कहा था अब यह भी जान लीजिये - "अक्सर हमारी फ़िल्म इंडस्ट्री में ऐसा होता है कि 'म्युज़िक डिरेक्टर' बोलिए, 'प्रोड्युसर' बोलिए, 'डिरेक्टर' बोलिए, सब लोग एक गाने को बहुत पसंद करते हैं, और दो तीन गानों को पसंद करते हैं, और 'पिक्चर' जब 'रिलीज़' होने का 'टाइम' आता है तब तो वो गानें बजना भी शुरु हो जाता है, जिन्हे सब लोग पसंद करने लगते हैं। 'But somehow' बदक़िस्मती है कि 'पिक्चर' पीछे रह जाता है, 'हिट' नहीं हो पाता है, तो वो गानें काफ़ी लोगों को शायद सुनने में नहीं आते हों! इनमें से एक गाना मैं आप को सुनाना चाहता हूँ जो मेरा बहुत प्रिय है। वह गाना बनाने के 'टाइम' में मैने बहुत 'एंजोय' किया, 'पिक्चर रिलीज़' होने के बाद भी 'एंजोय' किया, वह 'पिक्चर' का नाम है 'जोशीला', और बोल लिखे थे साहिर साहब ने।" तो दोस्तों, अब गीत सुनने की बारी है, बस यही कहते चलेंगे कि-

"कोई भी साया नहीं राहों में,
कोई भी आयेगा न बाहों में,
तेरे लिए मेरे लिये कोई नहीं रोने वाला
"

संदेश साफ़ है कि जहाँ तक संभव हो, हमें किसी पर निर्भर नहीं होना चाहिये, अपना रस्ता ख़ुद तय करें, अपनी मंज़िल तक ख़ुद पहुँचे। यह बात हम ने इसलिए कही क्योंकि हम इन दिनों ज़िंदगी के रूपों से आप का परिचय करवा रहे हैं। सुनिए आज का गीत।



और अब बूझिये ये पहेली. अंदाजा लगाइये कि हमारा अगला "ओल्ड इस गोल्ड" गीत कौन सा है. हम आपको देंगे तीन सूत्र उस गीत से जुड़े. ये परीक्षा है आपके फ़िल्म संगीत ज्ञान की. याद रहे सबसे पहले सही जवाब देने वाले विजेता को मिलेंगें 2 अंक और 25 सही जवाबों के बाद आपको मिलेगा मौका अपनी पसंद के 5 गीतों को पेश करने का ओल्ड इस गोल्ड पर सुजॉय के साथ. देखते हैं कौन बनेगा हमारा तीसरा (पहले दो गेस्ट होस्ट बने हैं शरद तैलंग जी और स्वप्न मंजूषा जी)"गेस्ट होस्ट". अगले गीत के लिए आपके तीन सूत्र ये हैं-

1. किशोर की आवाज़ में एक और ज़ज्बाती गीत.
2. कल के गीत का थीम है - "दोस्ती".
3. इस फिल्म में दो महानायकों ने साथ काम किया था.

पिछली पहेली का परिणाम -
दिशा जी जबरदस्त वापसी....१२ अंक हो गए आपके. मनु जी सही कहा आपने वाकई बहुत दर्द भरा है किशोर दा ने इस गीत में. निर्मला जी आपकी पसदं के और गीत भी लेकर हम हाज़िर होते रहेंगें. मंजू जी, अदा जी, शरद जी आप सब का भी आभार, और पराग जी आपके लिए बस इतना ही कहेंगें कि संगीत को दशकों में मत बांटिये. सभी में कुछ न कुछ अच्छा है...खैर वैसे आपकी पसंद के एरा में भी जल्द ही लौटेगा ओल्ड इस गोल्ड निश्चिंत रहें....

खोज और आलेख- सुजॉय चटर्जी



ओल्ड इस गोल्ड यानी जो पुराना है वो सोना है, ये कहावत किसी अन्य सन्दर्भ में सही हो या न हो, हिन्दी फ़िल्म संगीत के विषय में एकदम सटीक है. ये शृंखला एक कोशिश है उन अनमोल मोतियों को एक माला में पिरोने की. रोज शाम 6-7 के बीच आवाज़ पर हम आपको सुनवाते हैं, गुज़रे दिनों का एक चुनिंदा गीत और थोडी बहुत चर्चा भी करेंगे उस ख़ास गीत से जुड़ी हुई कुछ बातों की. यहाँ आपके होस्ट होंगे आवाज़ के बहुत पुराने साथी और संगीत सफर के हमसफ़र सुजॉय चटर्जी. तो रोज शाम अवश्य पधारें आवाज़ की इस महफिल में और सुनें कुछ बेमिसाल सदाबहार नग्में.

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24 श्रोताओं का कहना है :

'ada' का कहना है कि -

are bhai jaldi se bataiye, kahan hain sab log....

'अदा' का कहना है कि -

disha ji fir sochiye....

'अदा' का कहना है कि -

lagta hai OIG ke saare yaar bhag gaye hain...
Sharad ji.....
Sharad jiiiiiiiii
Kahaan hai sab log ?

Disha का कहना है कि -

yaara teri yaari ko

'अदा' का कहना है कि -

aap sahi jaa rahi hain..
bas sahi se baitha dijiye..

Disha का कहना है कि -

तेरे जैसा यार कहाँ कहाँ ऐसा याराना
याद करेगी दुनिया तेरा मेरा अफसाना

'अदा' का कहना है कि -

wo maara..
disha ji,
badhai...

Anonymous का कहना है कि -

yeh dosti ham nahin todenge, todenge dam magar tera saath naa chhodenge

purvi s.

Disha का कहना है कि -

dhanyavaad addji
ab aapake pati dev ji kee sehat kaisee hai?

manu का कहना है कि -

hnm..
par is mein to ek hi mahaanaayak thaa...

kyaa amzad khaan bhi mahaanaayak hai....?

mujhe to sholay waalaa laga thaa...
ye dosti..ahm nahi todeinge..
par ..
hnm.......

sumit का कहना है कि -

mujhe bhi ye dosti hum nahi todenge.....lag raha hai

sumit का कहना है कि -

aaj subah se net problem kar raha tha ab jakar chala hai.......

sumit का कहना है कि -

aaj subah se net problem kar raha tha ab jakar chala hai.......

शरद तैलंग का कहना है कि -

मुझे तो लग रहा है कि अभी तक भी आप लोग सही जवाब नहीं दे पाए । ज़रा और सोचिए ! पिछले १ घन्टे से कोशिश कर रहा पोस्ट भेजने की पर आज नेट कनेक्शन साथ नहीं दे रहा है ।

Manju Gupta का कहना है कि -

दिशाजी का जवाब सही है .
अदा जी आप तो आगे रहती थी ,जवाब देने में .अभी न जाने ..........?

manu का कहना है कि -

diye jalte hain..
fool khilate hain..

badi mushkil se magar duniyaa mein dost milte hain....
??????

'अदा' का कहना है कि -

sharad j,
manu ji..
agar to dogana ki baat hai fir to..
kishore kumar aur manna de ki awaaz mein : ye dosti ham nhi todenge hai
lekin us heesaab se ke aur geet hai
Amitabh aur Shatrughan sinha
'Bane chahe dushman jamana hamara salamat rahe dostana hamara'
bhi ho sakta hai

manu का कहना है कि -

ek aur nayi kahaani............!!!!!!

par mujhe apnaa jawab jyaadaa sahi lag rahaa hai..
shatrughan sinhaa ko main kam se kam
mahaanaayak to nahi maantaa...

शरद तैलंग का कहना है कि -

मनु जी
लगता है अब आपका निशाना सही जगह लगा है । महा नायक तो शायद अमिताभ और राजेश खन्ना ही माने जाते है ।

'अदा' का कहना है कि -

haan manu ji lagta hai isbaar aap hi baazi mar le gaye hain...
agar aisa hai to
bahut bahut BADHAI....

दिलीप कवठेकर का कहना है कि -

ये दोस्ती हम नहीं तोडेंगे...

Manju Gupta का कहना है कि -

अदाजी आप ने पहले भी शुभ कामना दी है .आज भी . आप को भी हार्दिक बधाई .

श्याम सखा 'श्याम' का कहना है कि -

आवाज हिन्दयुग्म का सबसे अच्छा अंग है यह अलग बात है कि मैं सुनकर पढकर रह जाता हूं क्योंकि टिपणी हेतु वक्त कम पड़ जाता है,किशोर कुमार की बात तो उनके अन्दाज की तरह ही निराली है साहिब टीम के सभी सदस्य बधाई के पात्र हैं
श्याम सखा श्याम

Shamikh Faraz का कहना है कि -

मनु जी का निशाना और सही जगह न लगे.

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