रेडियो प्लेबैक वार्षिक टॉप टेन - क्रिसमस और नव वर्ष की शुभकामनाओं सहित


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प्लेबैक की टीम और श्रोताओं द्वारा चुने गए वर्ष के टॉप १० गीतों को सुनिए एक के बाद एक. इन गीतों के आलावा भी कुछ गीतों का जिक्र जरूरी है, जो इन टॉप १० गीतों को जबरदस्त टक्कर देने में कामियाब रहे. ये हैं - "धिन का चिका (रेड्डी)", "ऊह ला ला (द डर्टी पिक्चर)", "छम्मक छल्लो (आर ए वन)", "हर घर के कोने में (मेमोरीस इन मार्च)", "चढा दे रंग (यमला पगला दीवाना)", "बोझिल से (आई ऍम)", "लाईफ बहुत सिंपल है (स्टैनले का डब्बा)", और "फकीरा (साउंड ट्रेक)". इन सभी गीतों के रचनाकारों को भी प्लेबैक इंडिया की बधाईयां

Saturday, March 28, 2009

पॉडकास्ट कवि सम्मलेन मार्च २००९



Doctor Mridul Kirti - image courtesy: www.mridulkirti.com
डॉक्टर मृदुल कीर्ति
मैं नीर भरी दुःख की बदली
कविता प्रेमी श्रोताओं के लिए प्रत्येक मास के अन्तिम रविवार का अर्थ है पॉडकास्ट कवि सम्मेलन। आवाज़ के तत्त्वावधान में इस बार हम लेकर आए हैं नवम् ऑनलाइन कवि सम्मेलन का पॉडकास्ट।

मेरा पग पग संगीत भरा,
श्वासों में स्वप्न पराग झरा,
नभ के नव रंग बुनते दुकूल,
छाया में मलय बयार पली

(महादेवी वर्मा की कविता "नीर भरी दुख की बदली" से)

कवि सम्मलेन के सभी श्रोताओं को हिंद युग्म की टीम की ओर से नव संवत्सर २०६६ की शुभ कामनाएं। देश भर में यह समय प्राचीन काल से ही उत्सवों का समय रहा है। राष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों में नाम चाहे भिन्न हों परन्तु गुडी पडवो, युगादि, चैत्रादि, चेती-चाँद, नव-रात्रि, राम नवमी, बोहाग बिहू के साथ ही उल्लास और आनंद की एक नयी लहर हर ओर दिखाई पड़ रही है। इस शुभ अवसर पर हम आपके समक्ष एक नया कवि सम्मेलन लेकर उपस्थित हैं। इस बार के कवि सम्मलेन के माध्यम से हम महान कवयित्री महादेवी वर्मा को नमन कर रहे हैं जिनका जन्मदिन २५ मार्च को है।
छायावाद की इस महान कवयित्री को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए इस अंक में हमारे साथ उपस्थित हैं आचार्य संजीव सलिल महादेवी वर्मा के साथ अपनी व्यक्तिगत यादों को हमारे साथ साझा करने के लिए।
तो आईये इस बार के कवि सम्मलेन के माध्यम से आनंद लेते हैं एक नए युग की शुरुआत का। डॉक्टर मृदुल कीर्ति के मंझे हुए संचालन में चुनी हुई सुमधुर रचनाओं का आनंद उठाईये।

पिछले सम्मेलनों की सफलता के बाद हमने आपकी बढ़ी हुई अपेक्षाओं को ध्यान में रखा है। हमें आशा ही नहीं वरन पूर्ण विश्वास है कि इस बार का सम्मलेन आपकी अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा और आपका सहयोग हमें इसी जोरशोर से मिलता रहेगा। यदि आप हमारे आने वाले पॉडकास्ट कवि सम्मलेन में भाग लेना चाहते हैं तो अपनी आवाज़ में अपनी कविता/कविताएँ रिकॉर्ड करके podcast.hindyugm@gmail.com पर भेजें। कवितायें भेजते समय कृपया ध्यान रखें कि वे १२८ kbps स्टीरेओ mp3 फॉर्मेट में हों और पृष्ठभूमि में कोई संगीत न हो। आपकी ऑनलाइन न रहने की स्थिति में भी हम आपकी आवाज़ का समुचित इस्तेमाल करने की कोशिश करेंगे। पॉडकास्ट कवि सम्मेलन के अगले अंक का प्रसारण २५ अप्रैल २००९ को किया जायेगा और इसमें भाग लेने के लिए रिकॉर्डिंग भेजने की अन्तिम तिथि है १९ अप्रैल २००९

नीचे के प्लेयर से सुनें:


यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें)
VBR MP364Kbps MP3Ogg Vorbis

हम सभी कवियों से यह अनुरोध करते हैं कि अपनी आवाज़ में अपनी कविता/कविताएँ रिकॉर्ड करके podcast.hindyugm@gmail.com पर भेजें। आपकी ऑनलाइन न रहने की स्थिति में भी हम आपकी आवाज़ का समुचित इस्तेमाल करने की कोशिश करेंगे।

रिकॉर्डिंग करना कोई बहुत मुश्किल काम नहीं है। हिन्द-युग्म के नियंत्रक शैलेश भारतवासी ने इसी बावत एक पोस्ट लिखी है, उसकी मदद से आप सहज ही रिकॉर्डिंग कर सकेंगे।

अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।

# Podcast Kavi Sammelan. Part 9. Month: March 2009.
कॉपीराइट सूचना: हिंद-युग्म और उसके सभी सह-संस्थानों पर प्रकाशित और प्रसारित रचनाओं, सामग्रियों पर रचनाकार और हिन्द-युग्म का सर्वाधिकार सुरक्षित है.

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9 श्रोताओं का कहना है :

neelam का कहना है कि -

yogesh samdarshiji ,
subah subah kabhi vismrit n hone waali humaari (amma -daadi )ki yaad dilaa kar aapne rula diya ,aisi hi thi humari bhi amma .

baaki sab ki kavita bhi achchi lagi ,sajiv ji aap bhaagyasali hain jo mahadevi ji ke aashirvachan aapko mile ,unke baare me vistaar se bataayiye kabhi.

shanno का कहना है कि -

सभी कवियों की भाव-पूर्ण कवितायों के पाठ और मृदुल जी की संचालन-कला से इस बार का सम्मलेन भी जगमगा उठा. योगेश जी की कविता ने तो मुझे भी अपना बचपन याद दिला दिया: गाय, भैंस, उपले, मट्ठा बिलोती माँ और भी न जाने क्या-क्या. जीवन की इस सरल सचाई को और एक माँ की सरलता और सादगी को कितनी सुन्दरता और सरलता से एक काव्य-रचना में भर दिया. वाह! और महादेवी वर्मा जी की कवितायेँ स्कूल के दिनों की याद दिलाने लगीं जब मैं उनको पढ़कर भाव-विभोर हो जाती थी. उन कविताओं से एक विशेष अनुभूति होती थी. सलिल जी, आप के भाग्य को सराहती हूँ कि वह आपकी बुआ जी थीं. और आपकी सराहना करती हूँ कि आपने उन्हें इतना सम्मान दिया.
सभी कवियों को मेरा नमन.धन्यबाद.

योगेश समदर्शी का कहना है कि -

कविसम्मेलन हर बार की तरह ही बहुत अच्छा रहा है. इस कविसम्मेलन की खास बात है इसका सुगढ संचालन. संचालिका महोदय को विशेष बधाई.. साथ ही मेरी रचना को इस कविसम्मेलन मे शामिल करने के लिये आपका आभार. और सभी उन श्रोताओं का भी जिन्हे मेरी रचना अच्छी लगी.. यदि आपका सहयोग मिला तो . मेरा प्रयास रहेगा कि मैं नियमित रूप से इस कविसम्मेलन में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकूं ...

Smart Indian - स्मार्ट इंडियन का कहना है कि -

नव संवत्सर पर नवम् अंक, नए कविगण, महादेवी वर्मा जी के बारे में आचार्य जी के संस्मरण के साथ-साथ महादेवी जी की रचनाएं विभिन्न स्वरों में, और इन सब के साथ डॉक्टर मृदुल कीर्ति का संचालन - सुनकर बहुत अच्छा लगा, धन्यवाद!

आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल' का कहना है कि -

नवसंवत्सर के अवसर पर पोड कास्ट कवि सम्मलेन में सह्भागिताकर पूज्य बुआजी को श्रद्धा सुमन समर्पित कर धन्य हूँ. स्तरीय संचालन तथा सामयिक रचनाओं ने इस सारस्वत अनुष्ठान को ऊंचाई दी.

manu का कहना है कि -

वाकई गाँव वाला घर याद आ गया, योगेश जी की सुंदर कविता से,,,
नीलम जी की दूर से आती खोई आवाज,,,,म्रदुल जी का सदा किभान्ति कुशल संचालन,
और शन्नो जी का पाठ,,,

आचार्य जी,
मालूम नहीं था के आप का नाता महादेवी जी से है,,,जानकार अपार हर्ष हुआ ,,,के हम भी उनसे और अधिक जुड़ गए हैं,,,
आपके नाते,,,,हम भी स्वयं ko बल्कि पूरा युग्म ही कुछ विशिष्ट सा पा रहा है,,,,,
आप का भाग्य सराहनीय है,,,
और अब तो हमारा भी,,,,

सजीव सारथी का कहना है कि -

यह विशेषांक का आईडिया मुझे बेहद अच्छा लगा. इतने अच्छे आयोजन के लिए एक बार फिर तहे दिल से बधाई...

Vivek Ranjan Shrivastava का कहना है कि -

मार्च माह का कवि सम्मेलन सुना , अच्छा लगा . सभी प्रतिभागियो को बधाई . शैलेश जी से फोन पर चर्चा करके मैने अपने कम्प्यूतर को भी रिकार्डिग हेतु सक्षम कर लिया है , अतः अगले अंक हेतु अपनी व पिताश्री वरिष्ठ कवि प्रो सीबी श्रीवास्तव जी की रचनाये भी प्रषित कर सकूंगा ..

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

धीरे-धीरे लोगों में पॉडकास्टिंग के प्रति रूझान बढ़ रहा है। आशा है कि मृदुल जी के संयोजन में यह प्रयास और सफल होगा।

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